Last Updated:July 30, 2025, 20:08 IST
CBI Action Against Builder: सीबीआई ने इस मामले में जबर्दस्त एक्शन लेते हुए बड़े-बड़े बैंकों और नामी बिल्डरों पर एफआईआर दर्ज की. इससे पहले दिल्ली-एनसीआर में कुल 47 स्थानों पर छापेमारी की गई थी. फिर 22 मुकदम...और पढ़ें

नई दिल्ली. सीबीआई ने एनसीआर में होमबायर्स के साथ धोखाधड़ी करने वाले बिल्डरों और बैंकों के गठजोड़ पर आज करारा प्रहार किया. सीबीआई ने दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में 47 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जिसके बाद धोखाधड़ी से जुड़ी कुल 22 FIR दर्ज कीं गई. दावा किया जा रहा है कि इस दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए है. सीबीआई ने जेपी स्पोर्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड, जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड, अजनारा इंडिया लिमिटेड, वाटिका लिमिटेड, जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड, सुपरटेक और आइडिया बिल्डर्स जैसे प्रमुख बिल्डरों के साथ-साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस, पिरामल फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा कैपिटल हाउसिंग फाइनेंस और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस जैसी वित्तीय संस्थाओं को अपनी FIR में नामजद किया है.
बुरी तरह फंस गए आम लोग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की तरफ से यह एक्शन लिया गया है. ये FIR सीबीआई की आर्थिक अपराध इकाई ने दर्ज की हैं. मामला सबवेंशन स्कीम पर केंद्रित है, जिसमें बैंकों ने होमबायर्स के लिए स्वीकृत कर्ज की राशि को सीधे डेवलपर्स को दे दिया, जिन्हें फ्लैट की डिलीवरी तक EMI का भुगतान करना था. हालांकि, डेवलपर्स द्वारा बड़े पैमाने पर डिफॉल्ट के बाद, बैंकों ने होमबायर्स से EMI की वसूली शुरू कर दी, भले ही उन्हें फ्लैट का कब्जा नहीं मिला. सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच ने सीबीआई की मेहनत की सराहना की, जिसने 1,000 से अधिक लोगों से पूछताछ की और 58 परियोजना स्थलों का दौरा किया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एक्शन
कोर्ट ने 1,200 से अधिक होमबायर्स की याचिकाओं पर सुनवाई की, जिन्होंने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गुरुग्राम में सबवेंशन योजनाओं के तहत फ्लैट बुक किए थे. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि बिना कब्जे के उनसे EMI वसूली जा रही है. अप्रैल 2025 में, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सात प्रारंभिक जांच (PE) शुरू करने का निर्देश दिया था. तीन महीने में छह जांच पूरी कर सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसके आधार पर कोर्ट ने 22 नियमित मामले दर्ज करने की अनुमति दी. सातवीं जांच, जो एनसीआर के बाहर (मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, मोहाली और इलाहाबाद) की परियोजनाओं से संबंधित है, अभी जारी है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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