भारत से किस जन्‍म की दुश्‍मनी निकाल रहे ट्रंप! जीडीपी को बताया 'डेड इकनॉमी'

22 hours ago

Last Updated:July 31, 2025, 18:07 IST

Indias Growth vs Trump : भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की विकास दर को लेकर एक तरफ जहां दुनियाभर की एजेंसियां तारीफ के कसीदे गढ़ रही हैं तो दूसरी ओर ट्रंप ने इसे मृत अर्थव्‍यवस्‍था कहकर नई बहस छेड़ दी है. ट्रंप के इस बय...और पढ़ें

भारत से किस जन्‍म की दुश्‍मनी निकाल रहे ट्रंप! जीडीपी को बताया 'डेड इकनॉमी'ट्रंप ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को डेड इकनॉमी बताकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है.

हाइलाइट्स

ट्रंप ने भारतीय अर्थव्यवस्था को 'डेड इकनॉमी' कहा.विशेषज्ञों ने ट्रंप के बयान की आलोचना की.भारत को IMF ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताया.

नई दिल्‍ली. अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप भारत के विरोध में इस कदर पागल हो गए हैं कि उन्‍हें विश्‍व बैंक, आईएमएफ सहित दुनियाभर की तमाम दिग्‍गज रेटिंग एजेंसियों की रिपोर्ट तक दिखाई नहीं देती. एक तरफ जहां अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने एक दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट में भारत को सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्‍यवस्‍था करार दिया, तो दूसरी ओर ट्रंप इसे ‘डेड इकनॉमी’ बता रहे हैं. ट्रंप के इस बयान पर एक्‍सपर्ट और अर्थशास्त्रियों ने भी तंज कसा और कहा कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति का भारत को मृत अर्थव्‍यवस्‍था बताना सरासर अनुचित है.

आर्थिक विश्‍लेषकों ने कहा कि ऐसे समय जब अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष समेत प्रमुख अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में पेश कर रही हैं, ट्रंप का बयान कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता. भारत विदेशी निवेश के लिए एक आकर्षक केंद्र बना हुआ है और दुनिया की कई प्रमुख कंपनियां विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए इस देश की ओर देख रही हैं. इसके अलावा, भारतीय प्रतिभाओं की विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में सबसे अधिक मांग है और यह अमेरिका सहित कई देशों को सेवाओं का एक प्रमुख निर्यातक रहा है.

ये भी पढ़ें – ट्रंप का बैकफायर! भारत पर टैरिफ लगाने से हमें कम और अमेरिकन को ज्‍यादा नुकसान, हर अमेरिकी पर लाखों का असर

ट्रंप ने क्‍या दावा किया
भारत पर 25 फीसदी शुल्क और रूस के साथ व्यापार पर ‘जुर्माना’ लगाने की घोषणा के एक दिन बाद, ट्रंप ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया मंच पर लिखा, ‘मुझे परवाह नहीं है कि भारत रूस के साथ क्या करता है. मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अपनी ‘मृत अर्थव्यवस्थाओं’ को एक साथ कैसे नीचे ले जा सकते हैं.’ इसके बाद परामर्श कंपनी ईवाई इंडिया ने भारत के खिलाफ ट्रंप की टिप्पणियों को ‘काफी अनुचित’ बताया और कहा कि वास्तव में विश्व अर्थव्यवस्था का केंद्र धीरे-धीरे ‘ग्लोबल साउथ’ की ओर स्थानांतरित हो रहा है और जिसके लिए भारत ने खुद को अग्रणी भूमिका में रखा है.

पूरी दुनिया को आगे बढ़ा रहीं भारतीय प्रतिभाएं
ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने बताया कि अमेरिका जैसी पूर्व विकसित अर्थव्यवस्थाएं तेजी से उम्रदराज हो रही हैं और इन अर्थव्यवस्थाओं में प्रवासी भारतीयों के योगदान के कारण ही लगातार तेजी दिखाई दे रही है. इससे पहले अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कार्यकारी निदेशक मंडल ने फरवरी, 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने आकलन में ‘अधिकारियों की सूझबूझ वाली वृहद आर्थिक नीतियों और सुधारों’ की सराहना की थी. इन नीतियों ने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और एक बार फिर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान दिया है.

आईएमएफ ने की थी तारीफ
आईएमएफ ने यह भी कहा था कि भारत का मजबूत आर्थिक प्रदर्शन साल 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की अपनी महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है. ईवाई के विशेषज्ञ श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे जीवंत और गतिशील है और इसकी आबादी सबसे युवा लोगों में से एक है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या सांख्यिकी (2024) के अनुसार, भारत की जनसंख्या की औसत आयु 28.8 वर्ष है, जबकि अमेरिका की 38.5 वर्ष और यूरोप की 42.8 वर्ष है. संस्‍था के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर साल 2025 और 2026 में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. भारत को लेकर
विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) जैसी अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने भी इसी तरह के अनुमान लगाए हैं. विश्व बैंक और ओईसीडी ने वित्तवर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी (सकल घरेलू अर्थव्यवस्था) वृद्धि दर 6.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जबकि एडीबी का अनुमान 6.5 फीसदी है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

और पढ़ें

Location :

New Delhi,Delhi

homebusiness

भारत से किस जन्‍म की दुश्‍मनी निकाल रहे ट्रंप! जीडीपी को बताया 'डेड इकनॉमी'

Read Full Article at Source