मोबाइल में किया है झोल, तो कसेगा कानून का शिकंजा, तैयार हुई लाखों की लिस्‍ट

23 hours ago

Last Updated:July 31, 2025, 17:31 IST

Action on Mobile Connections: नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की मदद से 82 लाख ऐसे मोबाइल नंबरों की पहचान की गई है, जिनको बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. क्‍या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें आगे....और पढ़ें

मोबाइल में किया है झोल, तो कसेगा कानून का शिकंजा, तैयार हुई लाखों की लिस्‍ट

हाइलाइट्स

एनसीआरपी की रिपोर्ट पर आइडेंटिफाई किए गए 82 लाख मोबाइल नंबरसाबइर क्राइम को रोकने के लिए गृह मंत्रालय कर रहा है देश भर में कार्रवाईबिहार, राजस्‍थान और पश्चिम बंगाल के 3.57 लाख मोबाइल नंबरों पर भी कार्रवाई

Action on Mobile Connection: यदि आपने अपने मोबाइल नंबर के साथ कोई झोल कर रखा है तो जल्‍द ही आपके ऊपर कानून का शिकंजा कसने वाला है. जी हां, दूरसंचार विभाग देशभर के सभी मोबाइल नंबरों की जांच में जुटा हुआ है. अब तक करीब 82 लाख मोबाइल नंबर की न केवल लिस्‍ट तैयार कर ली गई है, बल्कि उनको बंद करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. आपको बता दें कि जिन 82 लाख मोबाइल नंबरों पर कार्रवाई की जा रही है, उनमें तीन लाख से अधिक मोबाइल नंबर बिहार, राजस्‍थान और पश्चिम बंगाल से संबंधित हैं.

गृहमंत्रालय के अनुसार, यह कदम साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है. बीते दिनों गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर दर्ज शिकायतों के आधार पर 3.57 लाख मोबाइल नंबरों को आइडेंटिफाई किया था, जिन्‍हें या तो बंद कर दिया गया है, या फिर बंद करने की प्रक्रिया जारी है. इनमें सबसे ज्यादा कनेक्शन राजस्थान, बिहार और पश्चिम बंगाल से हैं. इस ऑपरेशन को प्रभावी बनाने के लिए गृह मंत्रालय और दूरसंचार विभाग कई तरह की टेक्नोलॉजी का भी इस्‍तेमाल कर रही हैं.

मंत्रालय ने तैयार किया ASTR टूल किट
सूत्रों के अनुसार, इस साइबर क्राइम में शामिल मोबाइल नंबरों की पहचान के लिए दूरसंचार विभाग एक खास स्वदेशी एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और बिग डेटा एनालिटिक्स टूल (ASTR) तैयार किया है. यह टूल उन संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों की पहचान कर रहा है, जो एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग नामों से लिए हैं. इस तकनीक की मदद से वैरिफिकेशन में फेल होने वाले 82 लाख से ज्यादा ऐसे कनेक्शनों को बंद किया जा चुका है, जो दोबारा सत्यापन में फेल हो गए. यह तकनीक साइबर अपराधियों के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाली साबित हो रही है.

ऑपरेटर्स को दिए गए हैं ये नए आदेश
डिपार्टमेंट ऑफ टेक्‍नॉलोजी ने मोबाइल कनेक्शन देने के लिए एक मजबूत स्‍ट्रक्‍चर भी तैयार किया है. इस स्‍ट्रक्‍चर के तहत सभी मोबाइल नंबरों का केवाईसी (नो योर कस्टमर) करवाना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा, टेलीकॉम कंपनियों को अपने पॉइंट ऑफ सेल यानी सिम बेचने वालों को बायोमेट्रिक और एड्रेस वैरिफिकेशन के बाद ही रजिस्टर करने का आदेश दिया गया है. साथ ही, पॉइंट ऑफ सेल को अपना बिजनेस और परमानेंट एड्रेस फिजिकल वैरिफिकेशन कराने के लिए निर्देश दिए गए हैं.

बंद होगी सिम कार्ड की ऑन लाइन सप्‍लाई
डिपार्टमेंट ऑफ टेक्‍नॉलोजी ने सिम कार्ड की ऑनलाइन सप्‍लाई पर भी प्रबंधित लगा दिया है. अगर कोई पॉइंट ऑफ सेल नियम तोड़ता है, तो उसके कॉन्‍ट्रैक्‍ट को रद्द किया जा सकता है. इतना ही नहीं, उसे सभी टेलीकॉम कंपनियों में ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है. डिपार्टमेंट ने केवाईसी के नियमों में बदलाव कर बिजनेस कनेक्शनों के लिए भी सख्ती की है. अब हर अंतिम यूजर का केवाईसी भी अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही, सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट के लिए भी केवाईसी प्रक्रिया शुरू की गई है.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...

और पढ़ें

homenation

मोबाइल में किया है झोल, तो कसेगा कानून का शिकंजा, तैयार हुई लाखों की लिस्‍ट

Read Full Article at Source