Last Updated:July 31, 2025, 18:45 IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान एक अहम सवाल खड़ा किया, क्या ये लोग भारत में शरणार्थी हैं या अवैध घुसपैठिए? जस्टिस सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने साफ किया कि सबसे पहले रोहिंग्याओं की कानूनी पहचान तय करना जरूरी है. अगर वे शरणार्थी हैं, तो उनके अधिकार और संरक्षण भी तय होंगे. लेकिन अगर वे अवैध तरीके से भारत में दाखिल हुए हैं, तो उनकी वापसी यानी डिपोर्टेशन को लेकर केंद्र का फैसला सही है या नहीं. इस पर कोर्ट बाद में विचार करेगा.
कोर्ट ने पूछे अहम सवाल
क्या रोहिंग्याओं को शरणार्थी घोषित किया जा सकता है? अगर हां, तो उन्हें कौन-कौन से अधिकार मिलने चाहिए? अगर वे अवैध घुसपैठिए हैं, तो क्या उन्हें भारत से वापस भेजना उचित है? जो रोहिंग्या हिरासत में नहीं हैं और रिफ्यूजी कैंपों में रह रहे हैं, क्या उन्हें पीने का पानी, शिक्षा, और साफ-सफाई जैसी सुविधाएं मिल रही हैं?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये भी पूछा कि इतने सारे केस एक साथ क्यों लाए गए? याचिकाकर्ताओं के वकील ने बताया कि सभी मामलों में मुद्दे काफी हद तक आपस में जुड़े हुए हैं. एक मुख्य मुद्दा रोहिंग्याओं की अनिश्चितकालीन हिरासत को लेकर भी है.
केसों को तीन भागों में बांटा गया
कोर्ट ने साफ किया कि अब से इन केसों को तीन हिस्सों में सुना जाएगा. पहला, जो सीधे तौर पर रोहिंग्याओं से जुड़े हैं. दूसरा, जो उनसे संबंधित नहीं हैं और तीसरा, वो मामले जो अलग विषय के हैं लेकिन रोहिंग्याओं से जुड़े हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट अब इन सभी मामलों की सुनवाई हर बुधवार को अलग-अलग करेगा.
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...और पढ़ें
Deepak Verma is a journalist currently employed as Deputy News Editor in News18 Hindi (Digital). Born and brought up in Lucknow, Deepak's journey began with print media and soon transitioned towards digital. He...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi