Goa Night Club Fire: गोवा नाइट क्लब अग्निकांड में भारत को बड़ी सफलता मिली है. गोवा ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब फायरकांड के मुख्य आरोपी को दबोच लिया गया है. थाईलैंड के फुकेत स्थित एक होटल से लूथरा ब्रदर्स को पकड़ा गया है. अब उन दोनों भाइयों को भारत लाने की प्रक्रिया हो रही है. सूत्रों का कहना है कि आज शाम या कल तक लूथरा ब्रदर्स को भारत लाया जा सकता है. लूथरा ब्रदर्स यानी सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा अग्निकांड के बाद से ही फरार थे. वे थाईलैंड के फुकेत में छिपे थे. शनिवार की रात को गोवा नाइट क्लब अग्निकांड में 25 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर क्लब के स्टाफ थे. गोवा पुलिस ने पासपोर्ट सस्पेंड करने की सिफारिश की थी. अधिकारियों की मानें तो हिरासत में लेने के बाद दोनों को फुकेट में डिटेंशन सेंटर ले जाया गया है, और भारतीय टीमों ने थाई अधिकारियों से संपर्क किया है क्योंकि उनकी वापसी सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. हालांकि, सात समंदर पार लूथरा ब्रदर्स को पकड़ना इतना आसान नहीं था. चलिए जानते हैं कि आखिर कैसे लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड से पकड़े गए हैं.
दरअसल, लूथरा ब्रदर्स यानी गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा गोवा स्थित ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ नाइट क्लब के को-ओनर हैं. शनिवार को जब आग लगी उसके कुछ घंटे बाद ही वे दोनों भाई थाईलैंड भाग गए. इधर गोवा पुलिस और फायर विभाग की टीम आग पर काबू पाने में लगी थी, ये दोनों भाई मेकमाई ट्रिप से थाईलैंड का टिकट बुक करने में लगे थे. करीब डेढ़ बजे उन्होंने टिकट बुक किया और सुबह होते ही फ्लाइट पकड़ कर नौ दो ग्यारह हो गए. हालांकि, भारतीय जांच एजेंसियों की सतर्कता और थाई अधिकारियों के सहयोग से उन्हें पकड़ लिया गया. चलिए अब जानते हैं कि आखिर यह गिरफ्तारी कैसे हुई, और इस पूरे मामले की इनसाइड स्टोरी क्या है?
थाईलैंड में हिरासत के बाद लूथरा ब्रदर्स की पहली तस्वीर.
कैसे दबोचे गए लूथरा ब्रदर्स
गोवा अग्निकांड में गोवा पुलिस और भारतीय जांच एजेंसियां अलर्ट मोड में थी. लूथरा ब्रदर्स को पकड़ने के लिए सीबीआई और गोवा पुलिस ने तुरंत इंटरपोल की मदद ली. इस मामले में थाईलैंड पुलिस और जांच एजेंसियों ने बड़ी मदद की है. भारतीय एजेंसियां थाई जांच एजेंसियों के साथ रेगुलर संपर्क में थीं. थाईलैंड की जांच एजेंसियों से भारतीय जांच एजेंसियों को लूथरा ब्रदर्स के ठिकानों यानी रहने की जगह के बारे में लगातार जानकारी मिल रही थी. भारतीय एजेंसियों को पता चला कि वे मुख्य शहर से बाहर थे. इसके बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने आज यानी गुरुवार की सुबह लोकल पुलिस के साथ मिलकर रेड की. यह ऑपरेशन इतना गोपनीय था कि लूथरा ब्रदर्स को भागने का मौका ही नहीं मिला. रेड के दौरान फुकेत होटल से ये दोनों भाई हिरासत में ले लिए गए.
थाईलैंड में हिरासत के बाद लूथरा ब्रदर्स की पहली तस्वीर.
अब आगे क्या होगा?
थाईलैंड में दबोचे जाने के बाद अब लूथरा ब्रदर्स को भारत लाने की तैयारी तेज हो गई है. अब हिरासत के बाद इमिग्रेशन प्रोसेस होगा. आज देर शाम या कल तक प्रोसेस पूरा होने के बाद उन्हें वापस लाया जाएगा. लूथरा ब्रदर्स को हिरासत में लिए जाने से पहले गोवा पुलिस ने सौरभ और गौरव लूथरा के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए थे.सवाल-जवाब में समझिए गोवा नाइट क्लब अग्निकांड
सवाल: गोवा नाइट क्लब अग्निकांड क्या है?
जवाब: गोवा में शनिवार को एक भयंकर हादसा हुआ था. नाइट क्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में आग लगी थी. उस नाइट क्लब में लगी आग से 25 लोगों की मौत हो गई. यह गोवा के नॉर्थ गोवा में स्थित एक लोकप्रिय नाइट क्लब था, जहां पार्टी के दौरान आग लग गई.
सवाल: यह अग्निकांड कैसे हुआ?
जवाब: शनिवार की रात को जब डांस फ्लोर पर पार्टी चल रही थी, तब यह आग लगी. कहा जा रहा है कि सिलेंडर विस्फोट हुआ था, जिसके कारण आग लगी. जब आग लगी तब 100 लोग डांस फ्लोर के पास मौजूद थे. आग लगने के बाद धुआं फैलने से दम घुटने से ज्यादातर मौतें हुईं. जांच में यह भी पता चला कि क्लब के ओनर्स ने सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज किया था.
सवाल: यह अग्निकांड कब हुआ?
जवाब: यह गोवा नाइट क्लब अग्निकांड शनिवार की रात करीब 12 बजे हुआ. क्लब में उस समय सैकड़ों लोग मौजूद थे, और आग तेजी से फैली. देखते ही देखते 25 लोग काल के गाल में समा गए.
सवाल: लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड कैसे भागे?
जवाब: गोवा नाइट क्लब फायरकांड के महज पांच घंटे बाद गौरव और सौरभ लूथरा थाईलैंड भाग गए. रात करीब डेढ़ बजे टिकट बुक की थी. इसके बाद सुबह होते ही थाईलैंड के फुकेट के लिए फ्लाइट से भाग गए. पुलिस के मुताबिक, लूथरा ब्रदर्स को जैसे ही आग लगने की सूचना मिली, वे थाईलैंड भागने की फिराक में लग गए.
सवाल: लूथरा ब्रदर्स हिरासत में कैसे आए?
जवाब: भारतीय एजेंसियां थाई सेवाओं से लगातार संपर्क में थीं. उनके ठिकाने की जानकारी मिली कि वे मुख्य शहर से बाहर छिपे हैं. आज सुबह लोकल पुलिस के साथ रेड की गई, और उन्हें डिटेन कर लिया गया. अब इमिग्रेशन प्रोसेस के बाद उन्हें भारत लाया जाएगा.
थाईलैंड से भारत को बड़ी मदद
हालांकि, इसमें कोई दोराय नहीं कि एक्शन बहुत तेजी से हुआ. वरना ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां जब कोई आरोपी दूसरा देश भाग जाता है तो वहां से उसे भारत वापस लाना बहुत मुश्किल हो जाता है. इसमें सालों साल लग जाते हैं. मगर थाईलैंड की त्वरित कार्रवाई से भारत को बड़ी मदद मिली है. एक सूत्र के मुताबिक, थाईलैंड ने इस पूरी प्रक्रिया में बेहतरीन और अपेक्षा से ज्यादा सहयोग दिया है. सूत्र के अनुसार, आम तौर पर प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में सालों लग जाते हैं, लेकिन इस बार थाई एजेंसियों की तेज़ कार्रवाई सराहनीय है.

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