मोदी-पुतिन की सेल्फी पर अमेरिका में बवाल...फंस गए डोनाल्ड ट्रंप!...विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

5 hours ago

Modi Putin Car Selfie: पिछले दिनों रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर आए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका जोरदार स्वागत किया था. दोनों देशों के संबंधों के लिहाज से यह दौरा बेहद खास रहा. पीएम मोदी खुद पालम एयरपोर्ट पर पुतिन को लेने गए थे और फिर दोनों एक ही कार में बैठकर पीएम हाउस पहुंचे थे. कार में बैठे हुए दोनों नेताओं की एक सेल्फी खूब वायरल हुई थी. अब इस फोटो पर अमेरिका में बवाल मचा हुआ है. मोदी और पुतिन के बीच हुई मुलाकात के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विपक्ष के निशाने पर हैं. .

दरअसल, कार में बैठे हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक साथ वाली वायरल फोटो अमेरिका की कांग्रेस में चर्चा का विषय बन गई है. एक डेमोक्रेट सांसद कामलेगर-डोव ने इस फोटो का पोस्ट दिखाते हुए चेतावनी दी कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत के प्रति टकराव वाला रवैया, अमेरिका की सबसे अहम साझेदारी को रूस की ओर धकेल रहा है. कामलेगर-डोव ने अपनी बात हाउस फॉरेन अफेयर्स सब-कमेटी ऑन साउथ एंड सेंट्रल एशिया की यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप पर कांग्रेस की सुनवाई के दौरान रखी. डेमोक्रेटिक रैंकिंग मेंबर सिडनी कामलेगर-डोव ने ट्रंप पर दशकों की द्विदलीय प्रगति को खत्म करने का आरोप भी लगाया. .

इतिहास ट्रंप को कड़ा सबक सिखा सकता है- कामलेगर-डोव.

कामलेगर-डोव ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप को एक अच्छा द्विपक्षीय संबंध सौंपा था. इसमें एक फिर से सक्रिय क्वाड, एक उभरती हुई रक्षा तकनीक साझेदारी और एक भरोसेमंद सप्लाई चेन पार्टनर का हवाला दिया गया था, लेकिन ट्रंप ने उसे पूरी तरह से बर्बाद कर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि इतिहास ट्रंप को कड़ा सबक सिखा सकता है, जब तक वह अपना रास्ता नहीं बदलते. ऐसी सूरत में ट्रंप वह अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे, जिन्होंने भारत को खो दिया.डेमोक्रेट्स ने कहा 'आप (ट्रंप) रणनीतिक साझेदारों को अपने दुश्मनों की गोद में धकेलकर नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत सकते..

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अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के हाउस फॉरेन अफेयर्स सबकमेटी की एक सुनवाई के दौरान दक्षिण और मध्य एशिया मामलों की रैंकिंग सदस्य सिडनी कैमलेगर-डव ने मोदी–पुतिन वाली फोटो को एक पोस्टर पर दिखाते हुए कहा कि भारत नहीं, बल्कि अमेरिका इस साझेदारी को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा 'ट्रंप की भारत नीति ऐसी है कि हम खुद अपना नुकसान कर रहे हैं. इससे दोनों देशों के बीच रणनीतिक भरोसे और समझ को गंभीर नुकसान हुआ है.'.

नोबेल नहीं जीतने पाने पर कसा तंज

मोदी-पुतिन की तस्वीर वाले पोस्टर की तरफ इशारा करते हुए कैमलेगर-डव ने कहा कि 'जबरदस्ती करने वाले साझेदार बनने की एक कीमत होती है, यह पोस्टर हजार शब्दों के बराबर है. कैमलेगर-डव ने डोनाल्ड ट्रंप पर तंज करते हुए कहा कि आप नोबेल शांति पुरस्कार तब नहीं पाते जब आप अपने रणनीतिक साझेदारों को अपने विरोधियों की तरफ धकेल दें.' .

डेमोक्रेट सांसद कैमलेगर-डव ने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह दोनों देशों के बीच दशकों में बनी साझेदारी को कमजोर कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहरा कि 'बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप को एक बेहद मजबूत द्विपक्षीय संबंध सौंपा था, जैसे कि मजबूत क्वाड, डिफेंस टेक्नोलॉजी में बढ़ता सहयोग, भरोसेमंद सप्लाई चेन पार्टनर, लेकिन यह सब 'फ्लश, फ्लश, फ्लश… टॉयलेट में' चला गया. कैमलेगर-डव ने चेतावनी दी है कि अगर ट्रंप अपनी नीति नहीं बदलते, तो इतिहास उन्हें उस अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में याद करेगा जिसने भारत को खो दिया.'.

किस मुद्दे पर घिरे डोनाल्ड ट्रंप?.

डोनाल्ड ट्रंप को विपक्ष ने भारत पर लगाए गए 25 फीसदी ज्यादा टैरिफ पर घेरा. कैमलेगर-डव ने कहा कि ट्रंप ने पहले 25% का 'Liberation Day Tariff' लगाया और फिर भारत द्वारा लिए जाने वाले रूसी तेल पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगा दिया, यानी कुल 50% टैरिफ. उन्होंने बताया कि भारत पर लगने वाला टैरिफ रेट इस समय चीन से भी ज्यादा है. यह नीति खुद अमेरिका के लिए नुकसानदायक है. डेमोक्रेट्स ने ये भी आरोप लगाया कि ट्रंप की वजह से दोनों देशों के रिश्ते खराब हो रहे हैं. ट्रंप ने H-1B वीजा पर $100,000 फीस लगा दी है, जबकि ऐसे 70% वीजा भारतीयों के पास हैं.सांसद ने इसे अमेरिका में भारतीयों के योगदान का “अपमान” बताया..

भारत के प्रमुख थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अमेरिकी सहयोगी ओआरएफ अमेरिका के ध्रुव जयशंकर ने कहा कि व्यापार वार्ता 13 फरवरी से पहले शुरू हुई थी और जुलाई तक दोनों पक्ष एक समझौते के काफी करीब पहुंच गए थे. भारत सक्रिय रूप से मुक्त व्यापार सौदों पर काम कर रहा है और अगर वाशिंगटन में राजनीतिक इच्छाशक्ति है तो एक समाधान हाथ में है. यह भी चेतावनी दी गई कि टैरिफ की वजह से चीन का मुकाबला करने और सप्लाई चेन को स्थिर करने सहित जरूरी रणनीतिक प्राथमिकताओं पर खतरा मंडरा सकता है..

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