Last Updated:October 17, 2025, 12:40 IST
Gujarat Cabinet Reshuffle: गुजरात में भूपेंद्र पटेल ने पूरी कैबिनेट बदलकर नई टीम बनाई है, जिसमें रवाबा जडेजा समेत 26 मंत्री शामिल किए जा रहे हैं. बदलाव का कारण नगर निगम चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी है.

Gujarat Cabinet Reshuffle: गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल सरकार ने अपना पूरा मंत्रिमंडल बदलने का फैसला किया है. वर्ष 2022 के दिसंबर में सरकार के गठन के महज तीन साल के भीतर पटेल ने अपनी पूरी कैबिनेट से इस्तीफा लेकर नई कैबिनेट बनाने का फैसला किया. उनकी नई कैबिनेट आज शपथ लेने वाली है. नई कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 27 मंत्री हैं. राज्य में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 27 मंत्री हो सकते हैं. ऐसे में अब कोई सीट खाली नहीं बचेगी. इस नई कैबिनेट में क्रिकेटर रविंद्र जडेजा की पत्नी रवाबा जडेजा को भी शामिल किया जा रहा है. लेकिन, सवाल यह है कि भूपेंद्र पटेल ने ऐसा क्यों किया? विधानसभा चुनाव में भी अभी दो साल से अधिक का समय बचा हुआ है. इससे पहले पटेल मंत्रिपरिषद में उनको छोड़कर 16 मंत्री थे. इसमें आठ कैबिनेट और आठ राज्यमंत्री थे.
शुक्रवार को भूपेंद्र पटेल सरकार में मुख्यमंत्री के अलावा 26 मंत्री शामिल किए जा रहे. इसमें कई पुराने चेहरे हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो इसमें तीन अनुसूचित जाति, चार अनुसूचित जनजाति, नौ ओबीसी और सात पाटीदार नेताओं को मौका दिया गया है. शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही 25 नए मंत्रियों के नामों की सूची सामने आई. इस नई टीम में तीन महिलाओं को शामिल किया जा रहा है. इसके साथ ही कांग्रेस से भाजपा में आए एक नेता को भी शामिल किया जा रहा है.
क्यों बदल दी गई सरकार
राज्य में भाजपा ने क्यों अपनी ही पूरी सरकार बदल दी है. यह बड़ा सवाल है. लेकिन, जानकार राज्य के सभी प्रमुख शहरों में संभावित नगर निगम चुनावों को कैबिनेट में बदलाव की मुख्य वजह मान रहे हैं. इन चुनावों को ‘मिनी विधानसभा चुनाव’ माना जा रहा है. नतीजतन भाजपा को इन चुनावों में अपना दबदबा बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. जूनागढ़ और गांधीनगर के अलावा अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट समेत नए नगर निगमों में चुनाव होंगे. गुजरात में भाजपा शुरू से ही ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में मजबूत रही है. ऐसे में भाजपा इन चुनावों में कोई नुकसान नहीं उठाना चाहती है. गुजरात में इस बड़ी सर्जरी को रविवार को नई दिल्ली में राज्य के नेताओं और पीएम मोदी के बीच हुई बैठक के दौरान अंतिम रूप दिया गया था. भाजपा ने सीआर पाटिल की जगह जगदीश विश्वकर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है, जो भूपेंद्र पटेल सरकार में सहकारिता मंत्री भी थे.
एक दूसरा कारण मंत्रिपरिषद में सभी वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित करना भी था. इसके साथ ही भाजपा नेतृत्व की योजना एक पूरी तरह नई टीम के साथ 2027 के चुनाव में उतरने की रही है. इससे पहले भी भाजपा ऐसा प्रयोग कर चुकी है. उसने 2022 के विधानसभा चुनाव से करीब एक साल पहले सितंबर 2021 में भी सीएम सहित पूरी सरकार बदल दी थी. उस वक्त दिवंगत विजय रुपामी मुख्यमंत्री थे. उनकी पूरी कैबिनेट से इस्तीफा लेकर भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में नई सरकार बनी. पटेल कैबिनेट में अधिकतर पुराने चेहरे को बाहर कर दिय गया और इसका असर यह हुआ कि 2022 के चुनाव में भाजपा के खिलाफ कोई एंटीइनकंबेंसी नहीं दिखी. लंबे समय से सत्ता में होने के बावजूद 2022 में भाजपा ने शानदार जीत हासिल की थी. अब भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव और स्थानीय निकाय चुनावों को देखते एक पूरी तरह से फ्रेश चेहरों के साथ मैदान में उतरना चाहती है.
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First Published :
October 17, 2025, 12:39 IST