Last Updated:October 17, 2025, 14:46 IST
India-Russia Crude Trade : भारत और रूस के बीच कच्चे तेल के कारोबार की क्या हकीकत है, इसे हाल में जारी आंकड़े साफ बताते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने रूसी तेल नहीं खरीदने का वादा किया है, जबकि हकीकत इससे परे है.

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जबसे व्हाइट हाउस पहुंचे हैं, हर दिन कोई न कोई झूठा दावा करते ही रहते हैं. अब तो अमेरिकी मीडिया भी उन्हें ‘पलटूराम’ का खिताब दे चुकी है. पहले उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का फर्जी दावा किया था और अब भारत और रूस के तेल व्यापार पर एक और झूठा शिगूफा फेंका है. ट्रंप ने पिछले दिनों दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे वादा किया है कि अब भारत रूस से कच्चे तेल की खरीदारी नहीं करेगा. लेकिन, अक्टूबर में जारी आंकड़ों ने एक बार फिर ट्रंप के झूठ को आईना दिखा दिया है.
जहाजों की आवाजाही से जुड़े आंकड़े खंगालने पर पता चला है कि अक्टूबर महीने के पहले पखवाड़े यानी 1 से 15 तारीख के बीच रूस से भारत का कच्चा तेल आयात एक बार फिर तेजी से बढ़ गया है. इससे पहले लगातार तीन महीने तक (जुलाई से सितंबर तक) रूस से कच्चे तेल के आयात में गिरावट दिखी थी. इन आंकड़ों में कमी के दौरान जब ट्रंप ने यह दावा किया कि भारत ने रूस से क्रूड की खरीद नहीं करने का फैसला किया है तो एकबारगी इसमें दम लगा, लेकिन अब अक्टूबर के आंकड़ों ने इस दावे की पोल खोल दी है.
क्यों बढ़ा रूस से आयात
मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि त्योहारी मांग को पूरा करने के लिए रिफाइनरियां पूरी तरह से काम पर लौट आई हैं. यही वजह है कि अक्टूबर में कच्चे तेल की खरीद भी बढ़ गई है. आंकड़े बताते हैं कि रूस से आयात जून में 20 लाख बैरल प्रतिदिन से घटकर सितंबर में 16 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया था. इसका मतलब है कि सितंबर महीने में कुल 4.80 करोड़ बैरल क्रूड ऑयल रूस से खरीदा गया, जून महीने में यह आंकड़ा 6 करोड़ बैरल का रहा था.
अक्टूबर में कितना रहा आयात
अक्टूबर की शुरुआत से ही आंकड़ों में सुधार का संकेत मिल रहा है. भारत को यूराल और अन्य रूसी ‘ग्रेड’ के आयात में तेजी आई है जिसे पश्चिमी बाजारों में कमजोर मांग के बीच नए सिरे से छूट से समर्थन मिला है. वैश्विक व्यापार विश्लेषण कंपनी ‘केप्लर’ के प्रारंभिक आंकड़ों से पता चला है कि अक्टूबर में रूसी तेल का आयात लगभग 18 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) रहा, जो पिछले महीने की तुलना में लगभग 2,50,000 बीपीडी की वृद्धि दिखाता है.
क्या था ट्रंप का दावा
अक्टूबर में क्रूड खरीदारी के ये आंकड़े अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 15 अक्टूबर के उस बयान से पहले के हैं जिसमें उन्होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूसी कच्चे तेल के आयात को रोकने पर सहमत हो गए हैं. हालांकि, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था कि उन्हें ऐसी किसी बातचीत की जानकारी नहीं है. केप्लर में प्रमुख शोध विश्लेषक (रिफाइनिंग एवं मॉडलिंग) सुमित रिटोलिया का मानना है कि ट्रंप का बयान किसी आसन्न नीतिगत बदलाव का प्रतिबिंब होने के बजाय व्यापार वार्ता से जुड़ी दबाव की रणनीति अधिक लगती है. आर्थिक, संविदात्मक और रणनीतिक कारणों से रूसी तेल का भारत की ऊर्जा प्रणाली में अहम स्थान है. भारतीय रिफाइनरियों ने भी कहा कि सरकार ने अभी तक उनसे रूसी तेल आयात बंद करने को नहीं कहा है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 17, 2025, 14:46 IST