Last Updated:October 19, 2025, 13:23 IST
RSS March Ban Controversy: कर्नाटक में आरएसएस के मार्च पर प्रतिबंध से राजनीतिक विवाद गहरा गया है. बीजेपी ने कांग्रेस पर तानाशाही का आरोप लगाया है. हालांकि हाईकोर्ट ने आरएसएस को मार्च की सशर्त अनुमति दे दी है.

RSS March Ban Controversy: कर्नाटक में संघ के सौ वर्षीय जयंती समारोह के लिए प्रस्तावित रूट मार्च पर स्थानीय प्रशासन के प्रतिबंध को लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर ‘किम जोंग उन-शैली की तानाशाही’ का आरोप लगाते हुए जोरदार हमला बोला है. चित्तापुर तहसील प्रशासन द्वारा अनुमति न देने के फैसले को बीजेपी ने इमर्जेंसी शासन का प्रतीक बताया है. हालांकि, रविवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरएसएस को 2 नवंबर को मार्च आयोजित करने की अनुमति दे दी, जिससे सत्ताधारी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा.
विवाद की शुरुआत चित्तापुर तहसीलदार के आदेश से हुई, जिसमें आरएसएस के रूट मार्च को प्रक्रियागत खामियों और कानून-व्यवस्था की चिंताओं का हवाला देकर नकार दिया गया. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि उसी दिन भीम आर्मी और डालिट पैंथर्स जैसी दो अन्य संगठन भी शहर में जुलूस निकालने की योजना बना रहे थे, जिससे टकराव और अशांति का खतरा था. इसलिए तीनों समूहों को अनुमति से वंचित रखा गया. अधिकारियों ने जोर देकर कहा कि यह फैसला राजनीतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं, बल्कि सार्वजनिक शांति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है.
पुलिस ने जिले में सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं, खासकर आरएसएस की शताब्दी समारोह के दौरान बढ़ती राजनीतिक गतिविधियों को देखते हुए. बीजेपी ने इस फैसले को कांग्रेस की संवैधानिक अधिकारों पर हमला करार दिया. कर्नाटक बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्रा येदियुरप्पा ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर तीखा प्रहार किया. उन्होंने लिखा- चित्तापुर में संविधान का शोषण करने वाले ही संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं. तहसीलदार द्वारा आरएसएस शताब्दी समारोह के लिए 12 सूचनाओं और दस्तावेजों जमा करने की अनुमति न देना उत्तर कोरिया के किम जोंग उन की शासन शैली की याद दिलाता है.
येदियुरप्पा ने दी चेतावनी
येदियुरप्पा ने चेतावनी दी कि यदि ऐसी पाबंदियां पूरे कर्नाटक में लागू हुईं, तो सांस्कृतिक या देशभक्ति पूर्ण कार्यक्रमों के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचेगी. उन्होंने इसे तानाशाही प्रशासन बनाम लोकतंत्र की लड़ाई बताते हुए कहा कि बीजेपी संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए लड़ाई जारी रखेगी. बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर पूर्वाग्रहपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया. पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा- यह कांग्रेस का पुराना इतिहास दोहराने जैसा है, जब उन्होंने 1975 में आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कुचला था. आरएसएस जैसे राष्ट्रवादी संगठन को दबाने की साजिश विफल हो जाएगी.
पार्टी ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है, जिससे सियासी तनाव बढ़ सकता है. दूसरी ओर, कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को राजनीतिक नौटंकी करार दिया. मंत्री प्रियंका खड़गे ने कहा कि प्रशासन का फैसला कानून-व्यवस्था पर आधारित है. बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है. हाईकोर्ट के फैसले ने विवाद को नया मोड़ दिया. अदालत ने प्रशासन के आदेश को रद्द करते हुए आरएसएस को मार्च की इजाजत दी, लेकिन शर्तें लगाईं कि कोई उत्तेजना न फैलाई जाए.
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें
न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
First Published :
October 19, 2025, 13:18 IST