आसान नहीं होगा खांसी का सीरप खरीदना! जरूरी होगी डॉक्‍टर की पर्ची

2 hours ago

Last Updated:November 18, 2025, 11:46 IST

Cough Syrup New Rule : कफ सीरप के हानिकारक मामले सामने आने के बाद सरकार ने फैसला किया है कि जल्‍द ही इस पर नई गाइडलाइन और नियम बनाए जाएंगे. इसके तहत बिना डॉक्‍टर की लिखित पर्ची के दुकानों पर सीरप नहीं बेचा जा सकेगा.

आसान नहीं होगा खांसी का सीरप खरीदना! जरूरी होगी डॉक्‍टर की पर्चीकफ सीरप पर सरकार नया कानून बना सकती है.

नई दिल्‍ली. खांसी के कफ सीरप को लेकर आपको अक्‍सर इसके दुरुपयोगी की खबरें सुनाई देती होंगी. पिछले दिनों मध्‍य प्रदेश में भी कफ सीरप से कई बच्‍चों की मौत का सनसनीखेज मामला सामने आया था. ऐसी घटनाओं पर लगाम कसने के लिए सरकार ने जल्‍द नया नियम बनाने की बात कही है. यह नियम लागू होता है तो दवा की दुकानों पर बिना डॉक्‍टर की पर्ची के कफ सीरप नहीं मिलेगा. इससे सुरक्षा तो बढ़ेगी, लेकिन लोगों की जेब पर बोझ भी बढ़ जाएगा. कफ सीरप भले ही कितना सस्‍ता या महंगा हो लेकिन इसे खरीदने के लिए डॉक्‍टर से पर्चा लिखवाना जरूरी होगा, जिसके लिए डॉक्‍टर को फीस भी देनी होगी.

डॉक्‍टरों की फीस 200 से 500 रुपये तो सामान्‍य बात है. जाहिर है कि नया नियम आने के बाद आपको 50 रुपये के कफ सीरप को खरीदने के लिए इससे कई गुना ज्‍यादा पैसा डॉक्‍टर की फीस के रूप में खर्च करना पड़ेगा. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो केंद्र सरकार दवा परामर्श समिति की रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है और इस प्रस्‍ताव में बदलाव करते हुए कफ सीरप को लेकर नया नियम बनाया जा सकता है.

क्‍या हो सकता है बदलाव
माना जा रहा है कि समिति ने अपने प्रस्‍ताव में कहा है कि कफ सीरप को जल्‍द ही उन दवाओं की सूची से बाहर किया जा सकता है, जिन्‍हें बिना डॉक्‍टर के प्रेसक्रिप्‍शन के ही बेचा जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कफ सीरप को लेकर हुई हालिया घटनाओं को ध्‍यान में रखते हुए इसकी बिक्री पर निगरानी करना जरूरी है. अभी कफ सीरप को शिड्यूल K में रखा गया है, जो कम जोखिम वाली दवाओं की सूची मानी जाती है. लिहाजा ऐसी दवाओं को बिना लाइसेंस के भी बेचा जा सकता है. लेकिन, जल्‍द ही इसकी बिक्री से जुड़े नियम काफी सख्‍त होने वाले हैं.

3 ब्रांड को सरकार ने बताया जहरीला
पिछले दिनों दूषित कफ सीरप पीने के बाद कई बच्‍चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद सरकार ने 3 ब्रांड वाले कफ सीरप को टॉक्सिक यानी जहरीला बताया दिया था. हालांकि, बच्‍चों की मौत का ज्‍यादातर मामला Coldrif से जुड़ा था. इसके साथ ही सरकार ने Respifresh TR और ReLife जैसे कफ सीरप को भी इस्‍तेमाल करने से मना कर दिया है. इन दवाओं की न तो घरेलू बाजार में बिक्री होगी और न ही इनका निर्यात किया जा सकेगा.

क्‍यों खतरनाक है कफ सीरप ओवरडोज का खतरा : कुछ कफ सीरप में कोडीन (Codeine), डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन या प्रोमेथाजीन जैसे ओपिऑइड दवाएं होती हैं. इसकी ओवरडोज से सांस रुकना, कोमा या जान जाने का जोखिम होता है. नशे की लत : कोडीन युक्त कफ सीरप जैसे Corex, Phensedyl, Codistar नशे के लिए बहुत इस्तेमाल होते हैं. लंबे समय तक इस्तेमाल से शारीरिक और मानसिक लत लग जाती है. बच्चों के लिए खतरनाक : 12 साल से कम उम्र के बच्चों को कोडीन या DXM वाले कफ सीरप बिल्कुल नहीं देना चाहिए. साइड इफेक्ट्स : कफ सीरप से कई बार नींद, चक्‍कर, मुंह सूखना, धुंधला दिखना, धड़कन तेज होना, एलर्जी जैसे साइड इफेक्‍ट हो सकते हैं.

भारत में कफ सीरप का कितना बड़ा बाजार
भारत दवाओं के उत्‍पादन और खपत के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है. वर्तमान में कफ सीरप का बाजार 26.25 करोड़ डॉलर (करीब 2,200 करोड़ रुपये) का है. इसमें सालाना 9.92 फीसदी की ग्रोथ हो रही है, लिहाजा यह 2035 तक 6,200 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. कफ सीरप के अलावा भारत में कोल्‍ड एंड कफ रेमेडीज का बाजार अभी करीब 11 हजार करोड़ रुपये का है, जो अगले चार साल में 8 फीसदी की सालाना ग्रोथ के साथ 16 हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.

Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 18, 2025, 11:46 IST

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