Last Updated:November 18, 2025, 11:03 IST
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका की विशेष अदालत ने गैरहाजिरी में “मानवता के खिलाफ अपराध” मामले में मौत की सजा सुनाई है. भारत में रह रहीं हसीना ने आरोपों को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि बिना पक्ष सुने ऐसी सजा बेहद परेशान करने वाली है.
शेख हसीना को मौत की सजा मिलने पर शशि थरूर की प्रतिक्रिया.कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा को लेकर गंभीर चिंता जताई है. उनका कहना है कि वे सिद्धांत रूप से कभी भी मौत की सजा के पक्ष में नहीं रहते, इसलिए यह फैसला उन्हें परेशान करने वाला लगता है.
क्या है पूरा मामला
पिछले साल अगस्त में सत्ता से हटने के बाद शेख हसीना भारत आ गई थीं. इसके बाद बांग्लादेश की एक स्पेशल ट्राइब्यूनल ने उनके खिलाफ चल रहे “मानवता के खिलाफ अपराध” के केस की सुनवाई पूरी कर ली. सोमवार को अदालत ने हसीना और उनके पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमांन खान कमाल को मौत की सजा सुना दी.
#WATCH | Delhi | On ousted Bangladeshi Prime Minister Sheikh Hasina being convicted by a Bangladeshi Court, Congress MP Shashi Tharoor says, “Both domestically and abroad, I don’t believe in the death penalty… Trial in absentia, when somebody doesn’t get a chance to defend… pic.twitter.com/vksxisNrMK
सबसे अहम बात यह है कि यह फैसला उनकी गैरहाजिरी में सुनाया गया है. यानी हसीना को अदालत में अपना पक्ष रखने का मौका भी नहीं मिला.
थरूर ने क्या कहा
दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए शशि थरूर ने साफ कहा कि किसी भी आदमी को अपना बचाव पेश करने का पूरा हक मिलना चाहिए. उनके मुताबिक गैरहाजिरी में चलने वाली सुनवाई और फिर सीधे मौत की सजा सुनाना बहुत असहज करने वाली बात है.
थरूर ने कहा कि दूसरे देश की न्याय प्रणाली पर टिप्पणी करना उचित नहीं है, लेकिन फिर भी यह फैसला उन्हें अच्छा संकेत नहीं लगता.
दिल्ली में रह रहीं हसीना ने आरोप लगाए
शेख हसीना इस समय दिल्ली में रह रही हैं और उन्होंने इस फैसले को पूरी तरह गलत बताया है. उनका कहना है कि उनके खिलाफ लगे आरोप राजनीतिक बदले पर आधारित हैं. 78 साल की हसीना ने कहा कि जिस ट्राइब्यूनल ने यह फैसला दिया, वह एक ऐसी अंतरिम सरकार ने बनाया है जिसके पास जनता का जनादेश ही नहीं है.
उनका आरोप है कि यह फैसला पहले से तय था और पूरी प्रक्रिया एक तरह से उन्हें राजनीति से बाहर करने की कोशिश जैसा है.
अवामी लीग को चुनाव से बाहर किया गया
हसीना ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी अवामी लीग को फरवरी में होने वाले चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है. उनके अनुसार अंतरिम सरकार के कुछ कट्टर और प्रभावशाली लोग उन्हें और उनकी पार्टी को पूरी तरह खत्म करना चाहते हैं.
हसीना का कहना है कि वह भागने वालों में से नहीं हैं और अगर कोई निष्पक्ष अदालत हो जहाँ सबूतों की सही जांच हो सके तो वह अपने आरोपियों का सामना करने को तैयार हैं.
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 18, 2025, 11:01 IST

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