Last Updated:November 06, 2025, 16:15 IST
DGCA FDTL Rules: डीजीसीए के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (FDTL) नियम लागू होने के बाद कई एयरलाइंस की उड़ानें देरी से चल रही हैं या कैंसिल हो रही हैं. पायलट्स के वर्किंग आवर्स और रोस्टर बदलाव से यात्रियों को भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं.
Flight Cancellations: अगर आप पिछले कुछ दिनों से एयरपोर्ट पर बैठकर अपनी फ्लाइट का इंतज़ार कर रहे हैं और हर बार डिले और कैंसल्ड की अनाउंसमेंट सुन रहे हैं, तो आप अकेले नहीं हैं. नवंबर की शुरूआत से ही देश के तमाम एयरपोर्ट्स पर फ्लाइट्स की टाइमिंग बिगड़ी पड़ी है. इन एयरपोर्ट्स में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े एयरपोर्ट्स के नाम शामिल है. वहीं, इस डिले और कैंसिलेशन की असल वजह डीजीसीए के नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिट (एफडीटीएल) है. एफडीटीएल रूल्स की वजह से बीते कुछ दिनों में कई फ्लाइट्स या तो लेट हुई हैं या फिर आखिरी वक्त पर कैंसिल करनी पड़ी हैं.
दरअसल, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने जनवरी 2024 में ये एफडीटीएल के नए नियम जारी किए थे, ताकि पायलट्स की थकान (pilot fatigue) को कम किया जा सके और फ्लाइट सेफ्टी बेहतर किया जा सके. एफडीटीएल के नए नियम पहले 1 जून 2024 से लागू होने वाले थे, लेकिन एयरलाइंस ने तैयारी पूरी न होने की बात कहकर इसे टाल दिया गया. अब इन नियमों 1 नवंबर से लागू कर दिया गया है, जिसके बाद एयरलाइंस के रोस्टर गडबड़ा गए हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर के पहले तीन दिन यानी 1 से 3 नवंबर के बीच देश की बड़ी एयरलाइंस का ऑन टाइम परफार्मेंस (ओटीपी) तेजी से गिरा है.
माह के शुरूआत में किस एयरलाइंस का कितना ओटीपी
इंडिगो: 68.4% एयर इंडिया: 64.5% अकासा: 58.3% एलाइंस एयर: 53.9% स्पाइसजेट: 43.6%ठीक से नहीं हुई एयरलाइंस की रोस्टर प्लानिंग
एक सीनियर ऑफिसर के अनुसार, समस्या सिर्फ नियमों की नहीं है, बल्कि एयरलाइंस ने रोस्टर प्लानिंग भी ठीक से नहीं की. अब जब नए ड्यूटी ऑवर लिमिट्स लागू हो गए हैं, तो पायलट्स के पास फ्लाइट्स उड़ाने का टाइम लिमिट कम हो गई है और रिजर्व क्रू की कमी से दिक्कत बढ़ गई है. उन्होंने बताया कि कई एयरलाइंस को उम्मीद थी कि डीजीसीए एक बार फिर डेडलाइन बढ़ा देगा, इसलिए उन्होंने पूरी तैयारी ही नहीं की. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, तो अब फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ रही हैं.
दबाव बनाने की कोशिश कर रहीं हैं एयरलाइंस
एविएशन एक्सपर्ट्स के अनुसार, डीजीसीए ने ये नियम बहुत पहले नोटिफाई कर दिए थे. एयरलाइंस को पूरी तैयारी का समय मिला, लेकिन उन्होंने आखिरी वक्त तक वेट किया. अब डिले और कैंसिलेशन सिर्फ रेगुलेटर पर दबाव बनाने की कोशिश लग रही है. इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि ये डिले किसी भी हाल में समर से विंटर शेड्यूल चेंज की वजह से नहीं हैं, क्योंकि ऐसा हर साल होता है. असली वजह है पायलट्स के काम के घंटे और आराम की नई लिमिट्स है, जिनके हिसाब से एयरलाइंस ने स्टाफ और शेड्यूल तैयार नहीं किया.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
November 06, 2025, 16:15 IST

3 hours ago
