Last Updated:November 06, 2025, 19:42 IST
INS Ikshak: कोच्चि में INS इक्षक आज कमीशन हो गया है. भारतीय नौसेना में नई ताकत 80% स्वदेशी तकनीक से बना है. यह सर्वे वेसल है जो गहरे समुद्र में हाइड्रोग्राफिक सर्वे करेगा और भारत की समुद्री सुरक्षा को नई मजबूती देगा. भारत की नई समुद्री ताकत से पाकिस्तान भी थर-थर कांपेगा.
भारत की ताकत बढ़ने जा रही है. नई दिल्ली. भारतीय नौसेना के बेड़े में एक और स्वदेशी ताकत जुड़ने जा रही है. गुरुवार को कोच्चि में साउदर्न नेवल कमांड में नौसेना के तीसरे सर्वे वेसल (Survey Vessel Large – SVL) वर्ग के जहाज आईएनएस इक्षक (INS Ikshak) को औपचारिक रूप से कमीशन किया जाएगा. यह जहाज अपनी तरह का पहला सर्वे वेसल होगा, जिसे दक्षिणी नौसैनिक कमान में तैनात किया जा रहा है. यह कदम नौसेना की उस दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत भारत अपनी समुद्री सीमाओं की निगरानी और सर्वेक्षण क्षमता को अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित कर रहा है.
आईएनएस इक्षक का नाम संस्कृत शब्द ‘इक्षक’ से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है मार्गदर्शक या गाइड. यह नाम इस पोत की भूमिका को बखूबी परिभाषित करता है. समुद्री सीमाओं की सुरक्षा, सटीक नक्शानवीसी और सुरक्षित नौवहन सुनिश्चित करने के लिए यह एक मार्गदर्शक की तरह काम करेगा. इस सर्वे जहाज का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) ने किया है और खास बात यह है कि इसमें 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी उपकरण और सामग्री का उपयोग हुआ है. यह आत्मनिर्भर भारत के विजन की दिशा में एक और ठोस कदम है.
आईएनएस इक्षक को तटीय और गहरे समुद्र दोनों में हाइड्रोग्राफिक सर्वे करने के लिए तैयार किया गया है. यह पोर्ट, हार्बर और नेविगेशन चैनलों के सटीक मानचित्र तैयार करेगा, जिनके जरिए नौवहन को और सुरक्षित बनाया जा सकेगा. समुद्र की गहराइयों का वैज्ञानिक अध्ययन, धाराओं और जल की गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े इक्षक की मदद से जुटाए जाएंगे, जो भारत की मैरिटाइम सेफ्टी फ्रेमवर्क को और मजबूत बनाएंगे.
जहाज में अत्याधुनिक सर्वे और महासागरीय उपकरण लगाए गए हैं, जिनमें हाई-रिज़ॉल्यूशन मल्टी-बीम इको साउंडर, ऑटोनॉमस अंडरवॉटर व्हीकल (AUV), रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (ROV) और चार सर्वे मोटर बोट (SMB) शामिल हैं. इन तकनीकों के जरिए यह पोत समुद्र की गहराई और भूगर्भीय संरचना की सूक्ष्मतम जानकारी हासिल कर सकेगा. आईएनएस इक्षक का कमीशन होना भारतीय नौसेना के लिए केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि एक रणनीतिक मील का पत्थर है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 06, 2025, 19:35 IST

2 hours ago
