अब टैंक का मूवमेंट होगा और आसान, सेना खरीद रही है नेक्स्ट जेनेरेशन वाहन

17 hours ago

Last Updated:August 01, 2025, 18:34 IST

ARMY TANK TRAILER: सेना के मूवमेंट को ध्यान रखते हुए ही सेना अपने प्लान को आगे बढ़ा रही है. नई सड़के और ब्रिज का निर्माण भी जारी है. बॉर्डर पर जो सड़क और टैंक मूवमेंट के लिए खास क्लास 70 ब्रिज भी तैयार किए जा ...और पढ़ें

अब टैंक का मूवमेंट होगा और आसान, सेना खरीद रही है नेक्स्ट जेनेरेशन वाहनटैंक मूवमेंट के लिए नेक्स्ट जेनेरेशन ट्रेलर की खरीद

हाइलाइट्स

भारतीय सेना ने 212 अत्याधुनिक टैंक ट्रांसपोर्टर खरीदे.ट्रांसपोर्टर ट्रेलर से टैंक मूवमेंट और तेज होगी.₹223.95 करोड़ के करार पर दस्तखत किए गए.

ARMY TANK TRALER: दो फ्रंट पर युद्ध की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है. नए स्वदेशी उपकरणों के जरिए ताकत बढ़ाने में जुटी है. इसी कड़ी में भारतीय सेना ने T-90 और T-72 टैंकों के मूवमेंट को ध्यान में रखते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत 212 अत्याधुनिक 50 टन टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों की खरीद की है. T-90 और T-72 टैंक का वजन 35 से 40 टन के बीच होता है. अब इन ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों का इस्तेमाल इनकी मूवमेंट को और तेज बना देगा. स्वदेशी कंपनी मेसर्स एक्सिसकेड्स एयरोस्पेस एंड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ ₹223.95 करोड़ के करार पर दस्तखत किए गए हैं. 01 अगस्त 2025 को इस खरीद को ‘बाय इंडिया’ के तहत किया गया है. ये नेक्स्ट जेनेरेशन ट्रेलर हाइड्रोलिक/न्यूमेटिक लोडिंग रैंप और स्टीयरेबल एवं लिफ्टेबल एक्सल से लैस हैं, जो अलग-अलग चुनौतीपूर्ण इलाकों में टैंकों और अन्य बख्तरबंद वाहनों को तेज और सुरक्षित तरीके से मूव करने में सक्षम बनाएंगे.

क्या होता है टैंक ट्रेलर?
पूर्वी लद्दाख में जब भारतीय सेना के टैंकों को भारतीय वायुसेना के बड़े मालवाहक विमान C-17 ग्लोब मास्टर के जरिए पहुंचाया गया था, तो टैंक एयर बेस पर उतरे थे लेकिन फ्रंट लाइन तक टैंक को चलाकर ले जाना संभव नहीं था. उस वक्त टैंक के ट्रेलर की मदद से LAC के पास तक पहुंचाया गया था. टैंक मूवमेंट के लिए रेल रैक के जरिए भी पहुंचाए जाते हैं, लेकिन उसके बाद टैंकों को ट्रेलर पर चढ़ाकर आसानी से और तेजी से मूव कराया जाता है. टैंक के अलावा मैकेनाइज्ड इंफेंट्री के BMP को भी आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जा सकता है.

टैंक मूवमेंट होगी आसान
1971 के बाद पहली बार 1999 कारगिल युद्ध के दौरान और फिर 2020 में भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में हुए विवाद में बड़ी टैंक मूवमेंट हुई थी. भारतीय सेना ने कम समय में अपने भारी भरकम टैंकों को भेजकर चीन को न सिर्फ़ चौंका दिया बल्कि उसके सारे प्लान पर पानी भी फेर दिया था. पैंगोंग के दक्षिणी छोर पर चीन के टैंकों के सामने जब भारतीय T-72 और T-90 टैंकों ने मोर्चा संभाला तो चीन को उल्टे पैर अपने टैंकों को वापस ले जाना पड़ा. अब सेना ने अपने टैंक के मूवमेंट को और आसान बनाने के लिए नई पीढ़ी के 50 टन टैंक ट्रांसपोर्टर ट्रेलरों की खरीद का एग्रीमेंट कर लिया है. खास बात यह है कि ट्रेलर पूरी तरह से स्वदेशी हैं. 26 जुलाई को ही सेना प्रमुख ने कारगिल से नई ऑल आर्म्स ब्रिगेड्स ‘रूद्र’ के गठन का एलान किया था, जिनमें इंफेंट्री, मैकेनाइज्ड इंफेंट्री, टैंक, आर्टिलरी यूनिट, स्पेशल फोर्सेस और अनमैन्ड एरियल सिस्टम जैसे फाइटिंग कंपोनेंट को एक साथ मिलाया गया है. इन नेक्स्ट जेनेरेशन टैंक ट्रांसपोर्ट ट्रेलरों का इस्तेमाल यहां भी किया जाएगा.

First Published :

August 01, 2025, 18:34 IST

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