आइये न बिहार में...यहां छाता लगाकर टीचर रहते हैं क्लास में, डर के बीच पढ़ाई!

12 hours ago

Last Updated:August 02, 2025, 09:43 IST

Jamui News: जमुई जिले के सुदूर इलाके में एक ऐसा स्कूल है जहां बारिश होने पर शिक्षक क्लासरूम में छाता लगाकर बच्चों को पढ़ाते हैं. बारिश होने पर बच्चे कम संख्या में स्कूल आते हैं. दो कमरों का यह स्कूल भवन वर्षो से...और पढ़ें

आइये न बिहार में...यहां छाता लगाकर टीचर रहते हैं क्लास में, डर के बीच पढ़ाई!जमुई के नरगंजो गांव का उत्क्रमित मध्य विद्यालय में छाता लगाकर पढ़ाने को मजबूर शिक्षक.

हाइलाइट्स

बारिश के समय छत से टपकते पानी के बीच छाता लगाकर शिक्षक लेते हैं क्लास. विद्यालय भवन की दरारों वाली छत टूटकर गिरने की आशंका से बना रहता है डर. जमुई के डीएम नवीन कुमार ने कहा तात्कालिक उपाय के लिए दिये गए हैं निर्देश.

जमुई. बिहार के जमुई जिले के झाझा प्रखंड इलाके के नरगंजो गांव का उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पहली से आठवी तक पढ़ाई होती है. यहां 142 छात्र-छात्राओं का एडमिशन है. बारिश के दिनों में जब आप स्कूल पहुंचेंगे तो बरसात के बीच टपकती पानी की बूंदों से बचने के लिए क्लासरुम में शिक्षक छाता लगाकर बच्चों को पढ़ाते हुए मिलेंगे. इस स्कूल में दो कमरे हैं और छोटा सा कार्यालय है. तीनों जगहों पर बारिश होने के साथ ही छत से पानी टपकते रहता है. स्कूल भवन के छत में कई जगहों पर दरार है जिनसे बारिश के टपकते पानी से बचने के लिए शिक्षक और छात्र सभी परेशान रहते हैं. क्लास रूम में बच्चे उस बेंच पर बैठते हैं जहां पानी नहीं टपकता है, लेकिन शिक्षक बारिश में भींगने को मजबूर रहते हैं. यही कारण बारिश होने पर छात्रों की उपस्थिति नही के बराबर रहती है, लेकिन शिक्षकों को स्कूल आने की मजबूरी रहती है.

बता दें कि यहां पढ़ाने के लिए पांच शिक्षक तैनात हैं जो बारिश के बाद छत से टपकने वाली पानी से बचने के लिए क्लासरूम में रेनकोट और छाता के साथ खड़े रहते हैं. बरसात के दिनों में स्कूल में रखे मध्यान्ह भोजन का चावल से लेकर सभी सामान बर्बाद हो जाते हैं.

इस स्कूल में बारिश के समय छत से टपकते पानी से बचने के लिए छाता लगा शिक्षक लेते हैं क्लास

स्कूल के प्रभारी प्रयाग प्रसाद यादव और शिक्षक राजेश कुमार ने बताया कि बारिश होने पर छत से टपकते पानी से बचाव के लिए छाता लगाकर बच्चों को पढ़ाना पड़ता है. बच्चों को वहां बैठाया जाता है जहां पानी नहीं टपकता है. टपकते पानी से बच्चों की किताबें और कापियों को भी नुकसान पहुंचता है. हमेशा डर लगा रहता है कि जर्जर हो चुका छत टूटकर किसी छात्र पर न गिर जाए.

दरारों वाली छत टूटकर गिरने की आशंका से बनी रहती है दहशत, डीएम ने कहा तात्कालिक उपाय के लिए दिये हैं निर्देश

जर्जर छत से टपकते पानी में छाता लगाकर पढ़ाने को मजबूर शिक्षक

स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा टिया और आशा ने बताया कि डर लगता है कहीं छत टूट न गिर जाए. हालांकि ग्रामीणों की मांग पर शिक्षा विभाग ने नए भवन के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है. वहीं, इस मामले में जिले के डीएम नवीन ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, बच्चो की पढ़ाई बाधित ने हो या कोई हादसा न हो इसलिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. स्कूल की छत से टपकते हुए पानी के से बचने के लिए तत्कालीन उपाय किए जाने का निर्देश दिये गये हैं. बरसात खत्म होने के बाद छत की मरम्मत करवा दी जाएगी.

Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...

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First Published :

August 02, 2025, 09:43 IST

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