Last Updated:November 19, 2025, 21:03 IST
NIA ने कोर्ट में बताया कि पाकिस्तान से लगी पंजाब की 553 किमी लंबी सीमा और 456 संवेदनशील गांव आतंक फैलाने के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं. पाकिस्तान खालिस्तान आंदोलन और टारगेट किलिंग के जरिए अशांति फैला रहा है. अनमोल बिश्नोई और अन्य गैंगस्टर ISI के निर्देश पर हाई-प्रोफाइल हत्याएं कर रहे हैं. हथियार तस्करी और विदेशी नेटवर्क ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में आतंक का व्यापक सिंडिकेट खड़ा कर दिया है.
एनआईए को अनमोल बिश्नोई की 11 दिन की कस्टडी मिली है. नई दिल्ली. अमेरिका से भारत लाए गए गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई को कोर्ट में पेश करते वक्त नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने कई हैरान करने वाले खुलासे किए। एजेंसी के मुताबिक पाकिस्तान से सटी सीमा करीब 553 किलोमीटर की है, जहां 456 संवेदनशील गांव हैं। ये गांव आतंकवादी गतिविधियों और हथियार तस्करी के लिए मुफीद साबित हो रहे हैं. NIA ने कहा कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान लगातार पंजाब में अशांति फैलाने और खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है. कई गिरफ्तार आतंकियों ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी समर्थक उन्हें निर्देश देते थे और भारत में हमले कराते थे.
पाकिस्तान से आ रहे हैंड ग्रेनेड, टिफिन बम
एनआईए ने बताया कि हथियारों की तस्करी तेजी से बढ़ी है. सीमा पार से हैंड ग्रेनेड, टिफिन बम, IED, RDX, RPG और पिस्टल जैसी भारी मात्रा में भारत में भेजी गई. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने गैंगस्टरों हरविंदर रिंदा, लखबीर सिंह लांडा और अर्श डल्ला को आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. ये गैंगस्टर विदेशों से नेटवर्क चलाते हुए भारत में टारगेट किलिंग करवाते हैं. बेरोजगार युवाओं को लाखों रुपये या विदेश भेजने का लालच देकर उन्हें सुपारी किलर और हाई-प्रोफाइल हत्याओं के लिए तैयार किया जाता है. सिद्धू मूसेवाला, राजू ठेठ और प्रदीप कुमार की हत्याएं इसी पैटर्न का हिस्सा हैं.
पूरे उत्तर भारत में कैसे फैला गैंग?
पंजाब और उत्तर भारत में गैंगस्टर नेटवर्क ने तेजी से विकसित होकर बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. शुरुआती दौर में ये गैंग स्थानीय झगड़ों और आपराधिक गतिविधियों तक सीमित थे, लेकिन 2012-2015 के बीच पूरे पंजाब में फैलने लगे. पंजाब के मालवा रीजन में विक्की गौंडर और जयपाल भुल्लर, माझा में जग्गू भगवानपुरिया, और दोआबा में सूरज लाहौरिया जैसे गैंगस्टर सक्रिय हुए. 2015 के बाद सुक्खा काहलवान की फगवाड़ा में दिन-दहाड़े हत्या ने राज्य में भय का माहौल बना दिया. आज लॉरेन्स बिश्नोई, जग्गू भगवानपुरिया, गोल्डी बराड़, सचिन थापन और अनमोल बिश्नोई जैसे गैंगस्टर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में व्यापक नेटवर्क चला रहे हैं.
टारगेट किलिंग-ड्रग्स तस्करी का मजबूत नेटवर्क
यह नेटवर्क सिर्फ स्थानीय अपराध तक सीमित नहीं बल्कि पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादी सिंडिकेट का हिस्सा बन चुका है. इसके चलते राज्य और केंद्र सरकार को न सिर्फ टारगेट किलिंग और ड्रग्स तस्करी बल्कि सीमा सुरक्षा और इंटर-स्टेट अपराध नियंत्रण के लिए भी सतर्क रहना अनिवार्य हो गया है. इन गैंगस्टरों की अंतरराज्यीय पहुंच और विदेशी समर्थन इसे भारत के लिए बड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा खतरा बनाते हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 19, 2025, 21:03 IST

1 hour ago
