Last Updated:November 19, 2025, 19:24 IST
World Toilet Day-केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि स्वच्छता की असली परीक्षा घर का बेडरूम नहीं, शौचालय होता है. उन्होंने पानी का रिसाइकल, कचरे से दौलत बनाने और बच्चों में बचपन से ही स्वच्छता की आदत डालने पर जोर दिया. सरकार अब ‘आकांक्षी शौचालय’ (Aspirational Toilets) बना रही है.
विश्व शौचालय दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर व अन्य.नई दिल्ली. विश्व शौचालय दिवस के मौके पर आज पूरा देश एक नए नारे के साथ आगे बढ़ रहा है, ‘टॉयलेट पास हैं’ और ‘मैं साफ ही अच्छा हूँ’. इसी के साथ आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने दो अभियान शुरू किए हैं ताकि लोग सिर्फ शौचालय बनवाने तक न रुकें, बल्कि उन्हें साफ-सुथरा रखने और जिम्मेदारी से इस्तेमाल करने की आदत डालें. 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने जब स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया था, तब देश में लाखों घरों में शौचालय नहीं थे. सिर्फ 5 साल में ही 2019 में भारत को खुले में शौच से मुक्त (ODF) घोषित कर दिया गया.
आज हर घर में शौचालय है, जिससे महिलाओं-बच्चियों की सुरक्षा और सम्मान बढ़ा, लड़कियां स्कूल जाने लगीं और बीमारियां कम हुईं. अब शहर तेजी से बढ़ रहे हैं. आबादी बढ़ने से सार्वजनिक शौचालयों की जरूरत भी बढ़ गई है. इसलिए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 में नया लक्ष्य रखा गया है, ODF++ और सुरक्षित स्वच्छता. इसमें गंदगी का सुरक्षित निपटान और फीकल स्लज मैनेजमेंट शामिल है.
पिछले दो साल में ही भारत के 5.5 करोड़ शहरी लोगों को बेहतर और सुरक्षित शौचालय सुविधा मिली है, ये संख्या फ्रांस या इटली की पूरी आबादी के बराबर है. आज दिल्ली में सुलभ इंटरनेशनल और वर्ल्ड टॉयलेट ऑर्गनाइजेशन ने 3 दिन का विश्व शौचालय सम्मेलन शुरू किया. इसमें दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, भूटान समेत 25 देशों के प्रतिनिधि और विश्व बैंक, बिल गेट्स फाउंडेशन जैसे बड़े संगठन शामिल हुए.
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि स्वच्छता की असली परीक्षा घर का बेडरूम नहीं, शौचालय होता है. उन्होंने पानी का रिसाइकल, कचरे से दौलत बनाने और बच्चों में बचपन से ही स्वच्छता की आदत डालने पर जोर दिया. सरकार अब ‘आकांक्षी शौचालय’ (Aspirational Toilets) बना रही है. ये स्मार्ट, दिव्यांग-मैत्रीपूर्ण, बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होंगे.
‘टॉयलेट पास हैं’ अभियान इसी संदेश को घर-घर पहुंचाएगा कि अच्छा शौचालय पास में होना ही काफी नहीं, उसे साफ रखना और सही तरीके से इस्तेमाल करना हम सबकी जिम्मेदारी है. इसके साथ बच्चों के लिए 21 दिन का ‘स्वच्छ आदतें’ कोर्स भी शुरू किया गया है. आज का दिन याद दिलाता है कि स्वच्छ भारत सिर्फ सरकार का नहीं, हम सब का मिशन है.
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Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
November 19, 2025, 19:11 IST

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