क्या है 'तलाक-ए-हसन'? जिस पर 5 जजों वाली संविधान पीठ कर सकती है सुनवाई

1 hour ago

Last Updated:November 19, 2025, 21:37 IST

क्या है 'तलाक-ए-हसन'? जिस पर 5 जजों वाली संविधान पीठ कर सकती है सुनवाईसुप्रीम कोर्ट ने 2017 में 'तीन तलाक' को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली. पति की ओर से नोटिस भेजने की प्रथा की निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह ‘तलाक-ए-हसन’ की वैधता को चुनौती देने वाले मामले को पांच न्यायाधीशों वाली एक संविधान पीठ को भेजने पर विचार कर सकता है. ‘तलाक-ए-हसन’ मुसलमानों में तलाक का एक रूप है, जिसके माध्यम से एक पुरुष तीन महीने की अवधि में हर महीने एक बार तलाक शब्द कहकर विवाह को समाप्त कर सकता है. शीर्ष अदालत ने 2017 में ‘तीन तलाक’ को असंवैधानिक घोषित कर दिया था, क्योंकि उसने पाया था कि यह मनमाना है और मुस्लिम महिलाओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस उज्जल भुइयां और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने तलाक-ए-हसन के मद्देनजर मुस्लिम पतियों द्वारा अपनाई गई प्रथा की निंदा की, जिसके तहत वे किसी भी व्यक्ति या अधिकतर वकील को पति की ओर से उनकी पत्नी को तलाक का नोटिस देने के लिए अधिकृत करते हैं. पीठ ने कहा, “क्या एक सभ्य आधुनिक समाज को इसकी अनुमति देनी चाहिए?”

पीठ ने पक्षकारों से इस्लामी प्रथाओं के तहत दिए जा सकने वाले तलाक के प्रकारों के संबंध में नोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और कहा कि यह प्रचलित धार्मिक प्रथा को खत्म करने का प्रश्न नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे संवैधानिक लोकाचार के अनुसार विनियमित करने की आवश्यकता है.

पीठ ने कहा, “एक बार आप हमें संक्षिप्त नोट दे दें, तो हम मामले को पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ को सौंपने की आवश्यकता पर विचार करेंगे. हमें मोटे तौर पर वे प्रश्न बताएं जो उठ सकते हैं. फिर हम देखेंगे कि क्या वे मुख्य रूप से कानूनी प्रकृति के हैं, जिनका समाधान अदालत को करना चाहिए.” पीठ ने यह भी कहा कि यह प्रथा बड़े पैमाने पर समाज को प्रभावित करती है, इसलिए अदालत को सुधारात्मक उपाय करने के लिए कदम उठाना पड़ सकता है.

मुस्लिम महिलाओं के अपने पतियों द्वारा दिए गए तलाक-ए-हसन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही पीठ ने पेशे से पत्रकार बेनजीर हिना नामक याचिकाकर्ता का पक्ष सुना और कहा कि जब ये चीजें दिल्ली और गाजियाबाद में हो रही हैं, तो ओडिशा, छत्तीसगढ़ और ग्रामीण क्षेत्रों में दूर-दराज के स्थानों पर क्या हो रहा होगा?

हिना के पूर्व पति की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एम आर शमशाद ने कहा कि यह मुसलमानों में अपनाई गई एक प्रथा है, जहां पति किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर से अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस देने के लिए अधिकृत कर सकता है. शीर्ष अदालत ने शमशाद को अगली सुनवाई पर अपने मुवक्किल को बुलाने का निर्देश दिया और कहा, “यदि तलाक धार्मिक प्रथा के अनुसार दिया जाना है तो पूरी प्रक्रिया का पालन उसी प्रकार किया जाना चाहिए जैसा कि निर्धारित है.”

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

November 19, 2025, 21:37 IST

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