Last Updated:November 19, 2025, 21:23 IST
PM Modi Tamil Nadu Farmers: पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए भविष्योन्मुखी कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे "एक एकड़, एक सीजन" प्राकृतिक खेती शुरू करें और उसके नतीजों के आधार पर आगे बढ़ें. उन्होंने वैज्ञानिकों और अनुसंधान संस्थानों से प्राकृतिक खेती को कृषि पाठ्यक्रम का मुख्य हिस्सा बनाने की अपील की तथा इन्हें किसानों के खेतों को जीवंत प्रयोगशालाओं के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया.

दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम में मौजूद किसानों से बात रते नजर आए. इस दौरान कई किसानो को पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेते भी देखा गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जैविक खेती का समर्थन करते हुए बुधवार को कहा कि दक्षिण भारत कृषि क्षेत्र में एक 'लिविंग यूनिवर्सिटी' (ज्ञान का जीवंत केंद्र)रहा है.

पीएम मोदी ने कोयंबटूर में दक्षिण भारत प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन 2025 का उद्घाटन करते हुए कहा कि कोयंबटूर क्षेत्र में दुनिया के कुछ सबसे पुराने बांध हैं और कलिंगारायण नहर का निर्माण 13वीं शताब्दी में यहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि इस भूमि ने हजारों साल पहले कृषि के लिए नदी के पानी को विनियमित करके वैज्ञानिक जल इंजीनियरिंग का बीड़ा उठाया.

तमिलनाडु के कोयंबटूर में बुधवार को प्राकृतिक कृषि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले किसानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से तमिलनाडु के प्रसिद्ध जैविक कृषि वैज्ञानिक नम्मालवार और महाराष्ट्र के सुभाष पालेकर को राष्ट्रव्यापी मान्यता देने का आग्रह किया. सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने नौ करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त के रूप में 18,000 करोड़ रुपये वितरित किये.
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दक्षिणी राज्यों के कृषक समुदाय की ओर से मोदी का स्वागत करते हुए रामास्वामी ने किसानों की आजीविका बढ़ाने के लिए उन्नत कृषि पद्धतियों की अपील की. उन्होंने बीज, फसल और कटाई की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम करने के लिए सरल खेती के तरीकों को अपनाने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा, "... अगर हम एक सरल प्रक्रिया अपनाएं तो कटाई का काम जल्द पूरा हो सकता है. इससे किसानों की आजीविका बढ़ेगी. केंद्र को इस पर विचार करने के लिए आगे आना चाहिए."

पीएम मोदी ने कहा, "जब हमारे किसानों का पारंपरिक ज्ञान, विज्ञान की ताकत, और सरकार का समर्थन, तीनों जुड़ जाते हैं, तो किसान भी समृद्ध होगा, और हमारी धरती मां भी स्वस्थ रहेगी." उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह शिखर सम्मेलन देश में प्राकृतिक खेती को नयी दिशा देगा और इस मंच से नए विचार और समाधान सामने आएंगे.
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1 hour ago
