Last Updated:November 19, 2025, 22:53 IST
AMCA Indigenous Tech Transfer: DRDO ने AMCA और प्रलय मिसाइल के लिए बनी अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक इंडस्ट्री को सौंप दी है. इन एडवांस धातु, कंपोजिट आर्मर और एयरो-स्ट्रक्चर तकनीकों के साथ भारत का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान AMCA और मजबूत होगा. रक्षा क्षेत्र के लिए यह बड़ा माइलस्टोन माना जा रहा है. इससे आत्मनिर्भर भारत मिशन और शक्तिशाली बनेगा.
पूरी तरह स्वदेशी धातु और कंपोजिट मटेरियल.नई दिल्ली: भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमानों के बेड़े में ताकत भरने की दिशा में एक बड़ा कदम उठा है. एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए बनी एडवांस सामग्रियों और रणनीतिक घटकों को अब औपचारिक रूप से देश की इंडस्ट्री को सौंप दिया गया है. यह वही तकनीकें हैं जो आने वाले समय में भारत के पांचवीं पीढ़ी के इस लड़ाकू विमान को दुनिया के सबसे ताकतवर प्लेटफॉर्म्स की श्रेणी में खड़ा करेंगी.
भारत ने अब अपनी स्टील टेक्नोलॉजी, रैडोम सिस्टम, एयरो-स्ट्रक्चर और कंपोजिट आर्मर जैसे क्षेत्रों में जिस तरह आत्मनिर्भर क्षमता को विकसित किया है. इसने भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी को एक नई छलांग दी है. यही वजह है कि विशेषज्ञ मान रहे हैं कि स्वदेशी AMCA के आते ही विदेशी लड़ाकू विमान जैसे अमेरिका का F-35 और चीन के कई जेट वर्ग पीछे छूटने वाले हैं.
DRDO ने दी ‘महाशक्ति’: इंडस्ट्री को सौंपे 3 बड़े कॉम्बैट टेक्नोलॉजी पैकेज
DRDO की प्रयोगशाला डीएमआरएल (Defence Metallurgical Research Laboratory) ने रक्षा क्षेत्र की सबसे जटिल तकनीकों को विकसित कर अब इंडस्ट्री पार्टनर्स को ट्रांसफर कर दिया है.
इनमें दो सबसे महत्वपूर्ण सामरिक सिस्टम शामिल हैं-
AMCA के लिए Rear Fin Root Fittings (RFRF) प्रलय मिसाइल के लिए हाई-स्ट्रेंथ सेरामिक रैडोम्सये दोनों ही घटक पूरी तरह भारतीय तकनीक से बने हैं और जेट की स्थिरता, गति, स्टील्थ और स्ट्रक्चरल पावर को नई ऊंचाई देंगे.
यह लगभग 2500 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा.
AMCA: भारत का पांचवीं पीढ़ी का सुपर फाइटर
AMCA के लिए जो विशेष RFRF तकनीक विकसित हुई है. वह पूरी तरह स्वदेशी मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं इंवेस्टमेंट कास्टिंग और क्लोज्ड-डाई हॉट हैमर फोर्जिंग से बनी है. यह विमान दो इंजन वाला, सिंगल-सीटर, मल्टी-रोल फाइटर होगा. यह लगभग 2500 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकेगा. इसके अलावा यह लगातार 10 घंटे उड़ान भरने की क्षमता वाला प्लेटफॉर्म होगा. यह लंबी दूरी के मिशन, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर और डीप स्ट्राइक ऑपरेशन में भारत को नए स्तर पर ले जाएगा.
रक्षा क्षेत्र के लिए क्या-क्या तकनीकें सौंपी गईं?
डीएमआरएल ने इंडस्ट्री को 3 प्रमुख टेक्नोलॉजी पैकेज ट्रांसफर किए:
DMR-249A Naval Steel – नौसेना के युद्धपोतों और समुद्री प्लेटफॉर्मों के लिए DMR-1700 High-Performance Steel Forging – आर्मी और नेवी के भारी उपकरणों के लिए Lightweight Composite Armour – व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म वाहनों के लिएटेक्नोलॉजी ट्रांसफर: किसे क्या मिला?
| DMR-249A स्टील | नौसेना के जहाज और समुद्री उपकरण | SAIL, JSW Steel |
| DMR-1700 हाई-परफॉर्मेंस स्टील | भारी सैन्य प्लेटफॉर्म | Sarlopha Advanced Materials |
| लाइटवेट कॉम्पोजिट आर्मर | आर्मर्ड वाहन | NBT Pvt Ltd |
| RFRF (AMCA) | फाइटर जेट स्ट्रक्चर | भारतीय एयरो इंडस्ट्री |
| सेरामिक रैडोम (Pralay) | मिसाइल सिस्टम | रक्षा इंडस्ट्री पार्टनर्स |
ये तकनीकें क्यों हैं गेम-चेंजर?
पूरी तरह स्वदेशी धातु और कंपोजिट मटेरियल कम लागत में उच्च टिकाऊपन युद्धक विमान व मिसाइलों के लिए नई पीढ़ी की मजबूती निरंतर आपूर्ति- सैन्य उत्पादन तेज होगा आयात पर निर्भरता खत्म- आत्मनिर्भर भारत को सीधा लाभभारत को क्या मिलेगा?- 4 बड़ी रणनीतिक बढ़त
तेज़ उत्पादन क्षमता- रक्षा प्लेटफॉर्म जल्दी बनेंगे स्टील्थ और स्ट्रेंथ-AMCA जैसे विमान और घातक होंगे 100% घरेलू सप्लाई चेन-किसी विदेशी रोक का खतरा नहीं निर्यात की संभावना-भारत वैश्विक बाजार में खिलाड़ी बनेगासेना से लेकर नौसेना तक-पूरी संरचना होगी मजबूत
नौसेना के युद्धपोत से लेकर आर्मी के आर्मर्ड प्लेटफॉर्म तक, हर शाखा को इन तकनीकों का फायदा मिलेगा. DIERML के 62वें वार्षिकोत्सव पर इन तकनीकों का हस्तांतरण भारत की रक्षा क्षमता में क्रांतिकारी बदलाव माना जा रहा है. DRDO प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह पहल भारतीय सशस्त्र बलों के लिए एडवांस सामग्री की विश्वसनीय आपूर्ति सुनिश्चित करेगी और आत्मनिर्भर भारत मिशन को नई गति देगी.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
November 19, 2025, 22:51 IST

1 hour ago
