Last Updated:May 05, 2025, 13:33 IST
Indian Flag at Pakistani Airport: पाकिस्तानी पायलट को लगा कि अब भारतीय तिरंगे की मदद से ही जान बचाई जा सकती है. लिहाजा, उसने पाकिस्तान के एक एयरपोर्ट पर भारतीय तिरंगे को लहराने का हुक्म सुना दिया. इसके बाद.....और पढ़ें

पाकिस्तानी आर्मी के इस कदम से पूरी दुनिया चौंक गई थी. (एआई इमेज)
हाइलाइट्स
पाकिस्तान ने अपने ही एयरपोर्ट पर लहरा दिया भारतीय तिरंगापाक आर्मी को जान बचाने के लिए दिख रहा था एक ही रास्ताग्वादर और सिंध के हैदराबाद से जुड़ी है बेहद रोचक घटनाIndian Flag at Pakistani Airport: पाकिस्तानी सेना के पास अब एक विकल्प बचा था कि वह भारतीय तिरंगे का सहारा लें और खुद की पहचान को फक्र से एक हिंदुस्तानी की तरह पेश करें. और हां, खुद को इस्लामिक राष्ट्र करने वाले पाकिस्तान की सेना इस वक्त अपनी ही अजान से सबसे ज्यादा खौफ जदा हो गई थी. आपको यह बातें भले ही किसी सपने की तरह लग रही हो, लेकिन यह सच है कि पाकिस्तानी सेना को अपनों की जान बचाने के लिए भारतीय तिरंगे का सहारा लेना पड़ा था.
दरअसल, यह मामला आज से करीब 27 साल पुराना है. 25 मई 1998 को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) की फ्लाइट 544 ने ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी और इसकी मंजिल पाकिस्तान के सिंध प्रांत में आने वाला हैदराबाद एयरपोर्ट थी. पीआईए की इस फ्लाइट में 33 पैसेंजर्स के साथ क्रू के 5 मेंबर भी मौजूद थे. अभी प्लेन ने महज दस मिनट का ही सफर तय किया था, तभी अचानक तीन लड़के अपनी सीट से उठे और अलग-अलग दिशाओं में चल दिए.
हाईजैक हुआ पीआईए का प्लेन
एक लड़का कॉकपिट की तरफ बढ़ा, दूसरा प्लेन के अगले हिस्से और तीसरा प्लेन के पिछले हिस्से में जाकर खड़ा हो गया. मौका मिलते ही पहला लड़का प्लेन के कॉकपिट में घुस गया और पिस्तौल पायलट की कनपटी में तान दी. वहीं, प्लेन के केबिन एरिया में मौजूद दोनों लड़कों ने हाईजैक-हाईजैक चिल्लाना शुरू कर दिया. अब तक प्लेन में मौजूद हर शख्स को समझ में आ चुका था कि प्लेन हाईजैक हो चुका है. तीनों हाईजैकर्स ने प्लेन को बिना कहीं मोड़े बिल्कुल सीधे ले जाने का हुक्म सुना दिया था.
भुज के बची पाकिस्तानियों की जान
जिस वक्त प्लेन हाईजैक हुआ, उस वक्त वह ग्वादर के थोड़ी दूर ही पहुंचा था. यदि प्लेन बिल्कुल सीधे चलता है तो पहले कराची आएगा और कुछ ही मिनटों में भारतीय सीमा में दाखिल हो जाएगा. जैसे ही यह बात पायलट के दिमाग में आई, उसने मन ही मन एक योजना बनाई और फौरन उस पर अमल करना भी शुरू कर दिया. योजना के तहत पायलट ने पहले कहा कि प्लेन में इतना फ्यूल नहीं है कि हम बहुत आगे जा सकें. हम ज्यादा से ज्यादा भारत के भुज एयरपोर्ट तक जा सकते हैं.
पाक एयरपोर्ट पर लहाराया तिरंगा
लंबी बातचीत के बाद हाईजैकर प्लेन को भुज एयरपोर्ट पर उतारने के लिए तैयार हो गए. इसी बीच, पायलट को समझ में आ गया था कि तीनों हाईजैकर को अंग्रेजी समझ में नहीं आती है. लिहाजा उसने एयर ट्रैफिक कंट्रोल को अंग्रेजी में बोला कि जितनी जल्दी हो सके हैदराबाद (पाकिस्तान) एयरपोर्ट को भुज एयरपोर्ट के तौर पर तब्दील कर दो. एटीसी को भी पायलट की प्लानिंग समझ में आ गई. आनन फानन सिंध के हैदराबाद एयरपोर्ट से पाकिस्तानी झंडा उतार कर भारतीय तिरंगा फहरा दिया गया. हैदराबाद एयरपोर्ट के ऊपर भुज एयरपोर्ट का बोर्ड लगा दिया गया.
पाक अफसर खुद को बताने लगे हिंदू
बातचीत के दौरान, पाकिस्तानी अफसर खुल को ना केवल भारतीय बताने लगे, बल्कि भारतीय हिंदू नामों से एक दूसरे को संबोधित करने लगे. एयरपोर्ट पर तैयारी पूरी होते ही एटीसी ने पायलट को इशारा कर दिया और प्लेन रिफ्यूलिंग के लिए हैदराबाद एयरपोर्ट पर उतर गया. लेकिन, इस बीच पाकिस्तानी सेना को एक नया खौफ सताने लगा. दरअसल, पाकिस्तानी सेना के अफसरों को डर था कि सुबह होते ही मस्जिदों से अजान की आवाजें आना शुरू हो जाएंगी. अजान की आवाज सुनकर हाईजैकर समझ जाएंगे कि वह भारत नहीं, बल्कि पाकिस्तान में हैं.
फख्र से सुनाई जाती है यह कहानी
लिहाजा, ऑपरेशन को रात में ही खत्म करने का फैसला किया गया. किसी तरह हाईजैकर का भरोसा जीतकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद पता चला कि तीनों बलूच स्टूडेंट हैं. तीनों को पाकिस्तानी सेना ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया. कई सालों तक केस चलता रहा और अंत में 2015 में तीनों हाईजैकर्स को मौत की सजा सुना दी गई. यहां आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि पाकिस्तान में यह कहानी बीते 27 सालों से नकेवल बेहद फख्र से सुनाई जा रही है, बल्कि इसमें कई डॉक्यूमेंट्री और वेबसीरज भी बन चुकी है.