NCERT 8वीं के सोशल साइंस किताब में बदलाव, औरंगजेब को बताया मंदिर तोड़ने वाला!

12 hours ago

Last Updated:July 16, 2025, 13:32 IST

NCERT Textbook: एनसीईआरटी की कक्षा 8वीं की नई किताब में मुग़ल शासकों को नए नजरिए से दिखाया गया है, जिसमें बाबर, अकबर और औरंगज़ेब की छवि पहले से अधिक आलोचनात्मक है.

NCERT 8वीं के सोशल साइंस किताब में बदलाव, औरंगजेब को बताया मंदिर तोड़ने वाला!

NCERT Textbook: एनसीईआरटी सोशल साइंस टेक्स्टबुक में हुआ अहम बदलाव

NCERT Textbook: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 8वीं की सोशल साइंस की टेक्स्टबुक में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं. इन बदलावों में दिल्ली सल्तनत और मुगल शासन काल के दौरान धार्मिक असहिष्णुता के विभिन्न उदाहरणों को शामिल किया गया है. संशोधित पाठ में बाबर को एक कठोर और आक्रामक विजेता के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जबकि अकबर की छवि को सहिष्णुता और कठोरता दोनों का मिश्रण बताया गया है. वहीं, औरंगज़ेब को धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों और गुरुद्वारों को ध्वस्त करने वाला शासक कहा गया है.

इन बदलावों के साथ पुस्तक में एक चेतावनी स्वरूप टिप्पणी भी जोड़ी गई है, जिसमें लिखा गया है कि बीते समय की घटनाओं के आधार पर आज किसी पर दोषारोपण नहीं करना चाहिए. एनसीईआरटी की ओर से इन संशोधनों के पीछे के कारणों पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान या स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है. हालांकि, यह स्पष्ट है कि नई सामग्री ऐतिहासिक तथ्यों के साथ एक विशेष दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का प्रयास करती है.

धार्मिक असहिष्णुता के उदाहरणों को दिया गया स्थान

किताब में स्पष्ट रूप से उस समय की धार्मिक असहिष्णुता के उदाहरणों को शामिल किया गया है. मंदिरों और शिक्षा केंद्रों पर हमले, गांवों की लूट और सैन्य अभियानों का जिक्र किया गया है. इन घटनाओं को इतिहास के “अंधकारमय कालखंड” की तरह पेश किया गया है.

विवाद से बचने की कोशिश: किताब में चेतावनी

हालांकि, किताब में यह स्पष्ट चेतावनी भी दी गई है कि बीते समय की घटनाओं के लिए आज किसी को भी ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. यह कोशिश इस बात को सुनिश्चित करने की है कि छात्र अतीत को वर्तमान से जोड़कर सामाजिक तनाव ना उत्पन्न करें.

अब इतिहास की यह जानकारी कक्षा 8वीं में ही पढ़ाई जाएगी

पहले दिल्ली सल्तनत और मुग़लों का इतिहास कक्षा 7 में पढ़ाया जाता था, लेकिन अब इसे नई पाठ्यक्रम संरचना के अनुसार केवल कक्षा 8वीं में शामिल किया गया है. इस साल जारी की गई सोशल साइंस की पहली किताब ‘समाज की खोज: भारत और उससे आगे’ में यह बदलाव पहली बार देखने को मिला है.

‘भारत के राजनीतिक मानचित्र का पुनर्निर्माण’ नामक अध्याय में बदलाव

इस अध्याय में 13वीं से 17वीं शताब्दी के दौरान हुए बड़े राजनीतिक बदलावों को शामिल किया गया है. इसमें दिल्ली सल्तनत के उत्थान और पतन, विजयनगर साम्राज्य, मुग़लों का शासन और उनके खिलाफ हुए प्रतिरोध, और सिखों के उदय पर विस्तार से चर्चा की गई है.

पुरानी किताबों से अलग है यह नई प्रस्तुति

नई किताब में शासकों की नीतियों के आलोचनात्मक विश्लेषण के साथ-साथ उनकी धार्मिक नीतियों और सैन्य कार्रवाइयों को भी खुलकर दिखाया गया है. पुराने पाठ्यक्रम में इन मुद्दों पर ज्यादा जोर नहीं दिया गया था.

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Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...

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