Last Updated:July 29, 2025, 05:01 IST
Top 10 leather Weapon: चलिए आज हम आपको दुनिया के टॉप-10 हथियारों के बारे में बताते हैं. यह ऐसे हथियार हैं जो किसी भी देश की आर्मी के पास एक बार आ जाए तो दुनिया का कोई भी देश उन्हें परास्त नहीं कर पाएगा. अमेरि...और पढ़ें

हाइलाइट्स
आज के युग में जो देश रक्षा क्षेत्र में मजबूत है उसे हराना बेहद मुश्किल है.भारत- पाकिस्तान के बीच 4 दिन के युद्ध में खतरनाक हथियारों का इस्तेमाल हुआ.ईरान पर अमेरिका ने अपने बी टू बॉम्बर से न्यूक्लियर साइट पर हमला किया था.नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पिछले करीब तीन साल से जारी है. इजरायल-हमास और इजरायल ईरान वार भी सभी ने देखी. पहलगाम अटैक के बाद भारत ने भी पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देते हुए चार दिन का युद्ध लड़ा. आज के दौर में सभी देशों के लिए अपनी आर्मी को एक दम अप टू डेट रखना बेहद जरूरी हो गया है. ऐसे हमें यह समझना होगा उन टॉप-10 हथियारों के बारे में, जो अगर किसी भी देश की सेना के पास एक बार आ जाए तो उसे अभेद बना सकते हैं. चलिए हम आपको इनके बारे में बताते है.
बी-2 बॉम्बर: बी-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर के नाम से जाना जाता है. यह अमेरिका का अत्याधुनिक रणनीतिक बॉम्बर है. इसकी स्टील्थ तकनीक इसे रडार से बचाकर दुश्मन के क्षेत्र में गहरे हमले करने में सक्षम बनाती है. 20,000 पाउंड तक हथियार ले जाने की क्षमता और 10,000 किमी की रेंज इसे घातक बनाती है. यह परमाणु और पारंपरिक दोनों हथियार ले जा सकता है. बी-2 ने अफगानिस्तान और इराक में अपनी प्रभावशीलता साबित की है. इसका उपयोग बड़े पैमाने पर सटीक हमलों के लिए किया जाता है, जो युद्ध के रणनीतिक संतुलन को बदल सकता है.
लेजर वेपन: लेजर हथियार प्रकाश की किरणों से लक्ष्य को नष्ट करता है. यह ड्रोन, मिसाइल और छोटे विमानों को तेजी से निशाना बना सकता है. अमेरिका की नौसेना ने 30 किलोवाट के LaWS का परीक्षण किया है, जबकि भारत का DRDO 30 किलोवाट Mk-II DEW ड्रोन को 5 किमी तक नष्ट कर सकता है. हालांकि, कोहरा, धूल या बारिश इसकी प्रभावशीलता को कम कर सकती है. इसकी कम लागत और तीव्र प्रतिक्रिया इसे भविष्य के युद्धों में गेम-चेंजर बनाती है.
आयरन डोम: आयरन डोम इजरायल का उन्नत वायु रक्षा तंत्र है जो छोटी दूरी की मिसाइलों, रॉकेट और मोर्टार को 4-70 किमी की रेंज में रोकता है. यह रडार और मिसाइल इंटरसेप्टर का उपयोग करके 90% से अधिक सफलता दर प्रदान करता है. गाजा और लेबनान से होने वाले हमलों के खिलाफ इसने अपनी उपयोगिता साबित की है. इसका ड्रोन-रोधी संस्करण ड्रोन डोम भी प्रभावी है. इसकी तेज प्रतिक्रिया और लागत-प्रभावी रक्षा इसे युद्धक्षेत्र में महत्वपूर्ण बनाती है, विशेष रूप से शहरी युद्ध में.
ट्रॉफी एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम: ट्रॉफी एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम (APS) टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को एंटी-टैंक मिसाइलों और रॉकेट से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह रडार से खतरे का पता लगाकर काउंटर-मुनिशन दागता है, जो आने वाले प्रक्षेप्य को हवा में ही नष्ट कर देता है. इजरायल के मर्कवा टैंकों में इसका उपयोग होता है, जिसने गाजा युद्ध में 95% से अधिक सफलता दिखाई. अमेरिका और जर्मनी भी इसे अपनाने की योजना बना रहे हैं. यह टैंकों की उत्तरजीविता बढ़ाकर युद्ध की गतिशीलता को बदल सकता है.
ड्रेडनॉट क्लास सबमरीन: ड्रेडनॉट क्लास सबमरीन ब्रिटेन की अगली पीढ़ी की परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी है, जो 2030 तक सेवा में आएगी. यह ट्राइडेंट मिसाइलों से लैस होगी, जो परमाणु और पारंपरिक हमले करने में सक्षम हैं. इसकी स्टील्थ तकनीक, उन्नत सोनार और 25,000 टन विस्थापन इसे अजेय बनाते हैं. यह पनडुब्बी समुद्री युद्ध में रणनीतिक संतुलन को प्रभावित कर सकती है, विशेष रूप से परमाणु निरोध में. इसका लंबा संचालन समय और गुप्तता इसे भविष्य का शक्तिशाली हथियार बनाती है.
केएच-47 M2 किंजल: केएच-47 M2 किंजल रूस की हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल है, जो मिग-31के और टीयू-22M3 जैसे विमानों से दागी जाती है. यह मच 10 की गति और 460-480 किमी की रेंज के साथ परमाणु या पारंपरिक हथियार ले जा सकती है. इसका उपयोग 2022 में यूक्रेन पर हमले में हुआ, जहां इसे इंटरसेप्ट करना मुश्किल पाया गया. हालांकि, चीनी विश्लेषकों ने इसकी सटीकता पर सवाल उठाए. यह नौसैनिक और ग्राउंड लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है, जो इसे युद्ध में गेम-चेंजर बनाता है.
एस-400 ट्रायम्फ: एस-400 ट्रायम्फ रूस का उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम है, जो 400 किमी तक हवाई खतरों जैसे विमान, ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों को नष्ट कर सकता है. यह 48N6E3 मिसाइलों और उन्नत रडार सिस्टम से लैस है, जो एक साथ 80 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है. इसका उपयोग सीरिया और यूक्रेन में देखा गया. इसकी लंबी रेंज और सटीकता इसे हवाई युद्ध में महत्वपूर्ण बनाती है, जो दुश्मन की हवाई शक्ति को सीमित कर युद्ध का नक्शा बदल सकती है.
वेपनाइज्सड स्मॉल कमर्शियल: यह छोटे कमर्शियल ड्रोन हैं जो अब युद्ध में हथियार के रूप में उभरे हैं. ये सस्ते, आसानी से उपलब्ध ड्रोन ग्रेनेड, विस्फोटक या निगरानी उपकरण ले जा सकते हैं. यूक्रेन युद्ध में इनका उपयोग टैंकों, बंकरों और सैनिकों पर हमले के लिए हुआ. इनकी कम लागत और गतिशीलता पारंपरिक हथियारों के खिलाफ चुनौती पेश करती है. ये असममित युद्ध में क्रांति ला सकते हैं, विशेष रूप से गुरिल्ला रणनीति में.
आरएस-28 सरमत: इसे ‘शैतान-2’ के नाम से जाना जाता है. यह रूस की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है जो 10-15 परमाणु वॉरहेड ले जा सकती ह. प्रत्येक स्वतंत्र रूप से लक्ष्य को भेद सकता है. इसकी 18,000 किमी रेंज और हाइपरसोनिक गति इसे एयर डिफेंस सिस्टम के लिए चुनौती बनाती है. साल 2022 में इसका परीक्षण हुआ और यह रूस के परमाणु शस्त्रागार का प्रमुख हिस्सा है. यह रणनीतिक युद्ध में वैश्विक संतुलन को प्रभावित कर सकता है.
एडाप्टिव कैमोफ्लाज: एडाप्टिव कैमोफ्लाज एक उन्नत तकनीक है, जो वाहनों, सैनिकों या उपकरणों को उनके परिवेश के साथ घुलमिल जाने में सक्षम बनाती है. यह थर्मल, इन्फ्रारेड और दृश्यमान प्रकाश में छिपने के लिए रंग और पैटर्न को गतिशील रूप से बदलता है. इजरायल और अमेरिका इस तकनीक पर काम कर रहे हैं, जो टैंकों और ड्रोन में उपयोगी है. यह सर्च और टारगेट को कठिन बनाकर युद्ध में रक्षा और आक्रमण की रणनीति को बदल सकता है, विशेष रूप से शहरी और जटिल इलाकों में.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
और पढ़ें