Last Updated:July 29, 2025, 15:24 IST
Parliament Monsoon Session : संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया. उन्होंने तब सोनिया गांधी के आंसुओं पर सलमान खुर्शिद के बयान का मुद्दा उठ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
संसद में बहस के दौरान अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र किया.उन्होंने तब सोनिया गांधी के आंसुओं पर सलमान खुर्शिद के बयान का मुद्दा उठाया.इसपर बेटी प्रियंका गांधी ने लोकसभा में अपना जवाब दिया गया.संसद के मानसून सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाटला हाउस एनकाउंटर का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने 2012 में सलमान खुर्शीद के उस बयान का उल्लेख किया, जिसमें खुर्शीद ने दावा किया था कि 2008 में दिल्ली के जामिया नगर में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर की तस्वीरें देखकर सोनिया गांधी भावुक हो गई थीं और उनके आंसू निकल आए थे. इस बयान के जवाब में प्रियंका गांधी वाड्रा ने भावनात्मक और तीखा प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि उनके पिता, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी, की हत्या एक आतंकवादी हमले में हुई थी, जिसका दर्द उनकी मां सोनिया गांधी ने गहराई से महसूस किया.
अमित शाह ने पहले क्या कहा?
अमित शाह ने लोकसभा में पहलगाम अटैक के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा के दौरान कहा कि सोनिया गांधी ने आतंकवादियों के लिए आंसू बहाए, लेकिन इस एनकाउंटर में शहीद हुए दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा के लिए उनकी आंखें नहीं नम हुईं. शाह ने यह भी आरोप लगाया कि यूपीए सरकार के दौरान 2005 से 2011 के बीच 27 बड़े आतंकी हमले हुए, जिनमें करीब 1,000 लोग मारे गए, लेकिन कांग्रेस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. उन्होंने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वे इन हमलों के खिलाफ यूपीए सरकार द्वारा की गई कार्रवाइयों का ब्योरा दें.
प्रियका गांधी का जवाब
प्रियंका गांधी ने कहा, “मेरे पिता की आतंकी हमले में हत्या हुई थी. मेरी मां ने उस दुख को जिया है. उनके आंसू उस नुकसान के लिए थे, न कि आतंकवादियों के लिए.” गृह मंत्री अमित शाह के बयान को संवेदनहीन करार देते हुए प्रियंका ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां राजनीतिक लाभ के लिए दी जाती हैं और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करती हैं. प्रियंका ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए हैं और उनकी मां ने कभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति नहीं दिखाई.
बाटला हाउस में क्या हुआ था?
बाटला हाउस एनकाउंटर 19 सितंबर 2008 को हुआ था, जिसमें दो आतंकवादी, आतिफ अमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे, जबकि इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए थे. इस घटना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच लंबे समय से राजनीतिक विवाद रहा है. कांग्रेस नेताओं ने इस एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की मांग की थी, जिसे बीजेपी ने वोट बैंक की राजनीति करार दिया. इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर राजनीतिक बहस को हवा दी है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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