32 टीमें, 4 थर्मल ड्रोन और रातभर पहरा... फिर भी नहीं थम रहा भेड़ियों का खौफ

1 week ago

Last Updated:September 22, 2025, 11:05 IST

Bahraich News : बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा. वन विभाग ने 32 टीमों, 4 थर्मल ड्रोन और रातभर पैदल तथा वाहन से निगरानी तैनात कर दी है, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीणों की नींद हराम है. लोग अपने परिवार की सुरक्षा के लिए लगातार पहरा दे रहे हैं.

बहराइच : बहराइच के कई गांव 1 साल बाद फिर से इन दिनों भेड़ियों के आतंक से दहशत में हैं. झुंड के झुंड भेड़िये रात होते ही खेतों और घरों के पास पहुंच रहे हैं, जिससे मवेशियों और ग्रामीणों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है. बीते कुछ दिनों में कई बकरियों और छोटे मवेशियों पर हमला करने की घटनाएं सामने आई हैं. गौरतलब है कि बीते डेढ़ वर्ष में 80 से अधिक हमलों में एक महिला और 13 मासूम बच्चों की जान जा चुकी है. वहीं 120 मवेशी भी इनके शिकार बने हैं. लगातार बढ़ रही घटनाओं से परेशान ग्रामीण अब रातभर जागकर पहरा देने को मजबूर हैं. हाथों में लाठी-डंडा और मशाल लेकर लोग बारी-बारी से ड्यूटी कर रहे हैं, ताकि जान-माल की हिफाजत की जा सके.

भेड़ियों के हमलों में बीते 10 दिनों में दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि चार ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए हैं. लगातार हो रहे हमलों से दहशत का माहौल है और गांवों में लोग रातभर पहरा देने को मजबूर हैं. वहीं, वन विभाग वाहन से ‘जागते रहो’, ‘सावधान रहो’ का अनाउंसमेंट कर लोगों को सचेत कर रहा है.

पिछली बार भी बनी थी चर्चा
गौरतलब है कि इससे पहले भी बहराइच में भेड़ियों का आतंक इतना बढ़ गया था कि मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था. बाद में स्थिति सामान्य हो गई थी, लेकिन अब एक बार फिर वही कहानी दोहराई जा रही है. पिछले 7–8 दिनों में चार अटैक हुए हैं और दो मासूम भेड़ियों का शिकार बन चुके हैं.

क्यों हो जाते हैं भेड़िए आदमखोर?
वन विभाग के अधिकारी राम सिंह यादव ने बताया कि बारिश के बाद नदियों के किनारे बनी मांदों में पानी भर जाता है. ऐसे में भेड़ियों को न तो सुरक्षित ठिकाना मिलता है और न ही पर्याप्त भोजन. मजबूरी में वे आबादी की ओर रुख करते हैं. छोटे बच्चों का शिकार करना उनके लिए आसान होता है, इसलिए वे अक्सर मासूमों को ही निशाना बनाते हैं. हालांकि, बच्चों के न मिलने पर बड़े लोगों पर भी हमला कर देते हैं. बारिश खत्म होने और नदियों का जलस्तर कम होने के बाद ये फिर से अपनी मांदों में लौट जाते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान
वन विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है. थर्मल ड्रोन, पिंजरे और जाल लगाकर आदमखोर भेड़ियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. वाहनों से लगातार जागरूकता संदेश दिए जा रहे हैं. ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे रात में परिवार सहित बंद कमरे में सोएं और घर के दरवाजे मजबूती से बंद करें. जिन घरों में दरवाजे नहीं हैं, वे अस्थायी रूप से चारपाई या तख्त लगाकर सुरक्षा सुनिश्चित करें और प्रशासन से मदद लें.

मृत्‍युंजय बघेल

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु...और पढ़ें

मीडिया फील्ड में 5 साल से अधिक समय से सक्रिय. वर्तमान में News-18 हिंदी में कार्यरत. 2020 के बिहार चुनाव से पत्रकारिता की शुरुआत की. फिर यूपी, उत्तराखंड, बिहार में रिपोर्टिंग के बाद अब डेस्क में काम करने का अनु...

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First Published :

September 22, 2025, 11:05 IST

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