Last Updated:October 05, 2025, 19:54 IST
KONKAN 2025 : भारत और यूके रॉयल नेवी के बीच इस अभ्यास दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करेगा. दोनों नेवी के बीच समनवय को बढ़ाने और क्षेत्रीय समुद्री स्थिरता में योगदान देने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगा.

KONKAN-2025: भारतीय नौसेना और रॉयल नेवी के बीच द्विपक्षीय अभ्यास KONKAN-25 की शुरुआत हो चुकी है. पहली बार भारतीय स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत और यूके कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (UK CSG-25), HMS Prince of Wales, अपनी ताकत का परिचय देंगे. 5 अक्टूबर को भारत के पश्चिमी तट पर शुरू हुए इस अभ्यास में पहली बार नॉर्वे और जापान के नेवल एसेट्स भी मौजूद रहेंगे. यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है – 5 से 12 अक्टूबर 2025 तक. पहला चरण हार्बर फेज और दूसरा सी फेज होगा. हार्बर फेज में दोनों नौसेनाओं के अधिकारियों और कर्मियों के बीच बातचीत, ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप की बैठक और सी फेज में अंजाम दिए जाने वाली ड्रिल की रूपरेखा तैयार की जाएगी. इसके अलावा क्रॉस-डेक विज़िट्स, खेल प्रतियोगिताएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.
सी फेज में दिखेगी असली ताकत
एक्सरसाइज KONKAN-2025 के सी फेज में कम्प्लेक्स मैरिटाइम ऑपरेशनल ड्रिल्स पर फोकस होगा. इसमें एंटी-एयर, एंटी-सर्फेस और एंटी-सबमरीन एक्सरसाइज, फ्लाइंग ऑपरेशंस और अन्य नौसैनिक गतिविधियों को अंजाम दिया जाएगा. इस अभ्यास में भारत और यूके रॉयल नेवी के फ्रंटलाइन वॉरशिप हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें एयरक्राफ्ट कैरियर्स, डेस्ट्रॉयर्स, फ्रिगेट्स, पनडुब्बियां और शोर-बेस्ड एयर एसेट्स शामिल हैं. इस साल के अभ्यास में UK Carrier Strike Group (UK CSG-25), HMS Prince of Wales की अगुवाई में नॉर्वे और जापान के नौसैनिक संसाधनों की भागीदारी ने इस अभ्यास को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है. भारतीय नौसेना के साथ KONKAN-2025 खत्म होने के बाद, कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भारतीय वायुसेना के साथ 14 अक्टूबर को एक दिन का अभ्यास करेगा.
फिर टेकऑफ लेगा रॉयल नेवी का F-35
इस अभ्यास में भारतीय कैरियर बैटल ग्रुप और रॉयल नेवी के कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के बीच अपनी क्षमता दिखाने और रणनीतियां साझा करने का अवसर मिलेगा. INS विक्रांत से मिग-29K उड़ान भरेंगे, वहीं HMS Prince of Wales से F-35 उड़ान भरेंगे. इसी साल जून में भारत और यूके की नौसेना के बीच PASSEX अभ्यास हुआ था. यह उस समय की बात है जब अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर स्ट्राइक की थी. उस समय HMS Prince of Wales अरब सागर में मौजूद था. इसी दौरान रॉयल नेवी के कैरियर से एक F-35 ने उड़ान तो भरी थी, लेकिन वह वापस कैरियर पर नहीं लौट सका. 14 जून रात 9:30 बजे केरल के त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट पर यूके का एक F-35B फाइटर जेट आपात स्थिति में उतरा. कारण बताया गया कि विमान में ईंधन की कमी थी. अगले दिन उसमें ईंधन भरा गया, लेकिन फिर भी वह उड़ान नहीं भर सका क्योंकि उसमें तकनीकी खराबी थी. 37 दिन भारत में फंसे रहने के बाद, यूके का F-35 फाइटर जेट 22 जुलाई को त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट से उड़ान भर सका.
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First Published :
October 05, 2025, 19:54 IST