बंगाल में 6 दिसंबर का ट्रिपल अटैक! बाबरी ऐलान-गीता पाठ के बीच फंसी ममता सरकार

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Last Updated:November 27, 2025, 17:49 IST

West Bengal News: 6 दिसंबर के एक ऐलान को लेकर बंगाल में राजनीतिक और धार्मिक माहौल तेजी से गरमाया है. टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद शिलान्यास वाले पोस्टर पर भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. वहीं गीता जयंती को लेकर सनातन संगठनों की तैयारी भी तेज है. टीएमसी ने कबीर के बयान से दूरी बनाई है. राज्य में माहौल संवेदनशील बना हुआ है.

बंगाल में 6 दिसंबर का ट्रिपल अटैक! बाबरी ऐलान-गीता पाठ के बीच फंसी ममता सरकारटीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद शिलान्यास ऐलान पर विवाद बढ़ा है. (फोटो PTI)

कोलकाता: बंगाल विधानसभा चुनाव में फिलहाल समय है लेकिन यहां की हवाओं में राजनीति अब तेज हो गई है. छह दिसंबर को लेकर किए गए एक ऐलान के कारण पश्चिम बंगाल का राजनीतिक तापमान अचानक तेजी से बढ़ गया है. एक तरफ टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर की बाबरी मस्जिद निर्माण से जुड़ी घोषणा पर विवाद गहराता जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ गीता जयंती को लेकर सनातन संगठनों की तैयारी तेज हो गई है. इन दोनों घटनाओं के साथ उसी दिन टीएमसी की बड़ी राजनीतिक रैली भी होनी है.

इन तीनों मोर्चों के बीच ममता बनर्जी सरकार ऐसे समय में घिरती दिख रही है. जब बंगाल में धर्म और राजनीति के बीच की लकीर बहुत संवेदनशील मानी जाती है. सवाल यह भी है कि यह तकरार 6 दिसंबर को राज्य का माहौल किस दिशा में ले जाएगी.

विवाद की शुरुआत: विधायक का पोस्टर और बाबरी मस्जिद का ऐलान

मुर्शिदाबाद के भरतपुर से टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर के पोस्टर सामने आने के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया. पोस्टर में छह दिसंबर को बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की ‘आधारशिला’ रखने की बात कही गई है. कबीर ने कुछ दिन पहले बयान दिया था-

जब कोई पुरी से जगन्नाथ मंदिर दीघा ले आएगा तो कोई कुछ नहीं कहेगा. जब पार्टी कार्यालय में पूजा होती है तो कोई विरोध नहीं करता, फिर बाबरी मस्जिद से क्या समस्या है?

घोषणा सामने आते ही भाजपा ने इसे राज्य में अस्थिरता फैलाने वाला कदम बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी.

गीता जयंती की तैयारियों और टीएमसी रैली के साथ 6 दिसंबर को बंगाल का माहौल संवेदनशील हो गया है.

बंगाल को अस्थिर कर रही है सरकार: भाजपा का आरोप

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि यह कदम “राज्य को तोड़ने” की तरफ ले जा रहा है. उनके मुताबिक, “अगर कोई देश में बाबरी मस्जिद फिर से बनाने की बात करेगा तो देश चुप नहीं बैठेगा.” भाजपा ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति बताते हुए टीएमसी को कटघरे में खड़ा किया.

यह पार्टी का स्टैंड नहीं: टीएमसी ने दी सफाई

टीएमसी ने तुरंत दूरी बनाते हुए स्पष्ट किया कि कबीर का बयान पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं है. टीएमसी विधायक निर्मल घोष ने कहा-यह उनका निजी बयान है पार्टी इससे सहमत नहीं है. उन्होंने सीमा पार कर दी है. पार्टी का कहना है कि किसी भी धार्मिक मुद्दे पर आधिकारिक स्टैंड सिर्फ नेतृत्व द्वारा तय किया जाता है.

दूसरा मोर्चा: गीता जयंती और सनातन संगठनों की प्रतिक्रिया

इसी बीच निर्गुणानंद महाराज ने कहा कि देश में मंदिर या मस्जिद बनाने पर रोक नहीं है, लेकिन विवाद “नाम” को लेकर है. उनका कहना था, ‘अब्दुल कलाम के नाम से भी मस्जिद बन सकती थी, शिकायत बाबर के नाम को लेकर है.’ उन्होंने यह भी बताया कि संसद के माध्यम से गीता जयंती के चार साल पूरे होने पर कई बड़े कार्यक्रमों की तैयारी चल रही है.

6 दिसंबर का ट्रिपल अटैक : तीन बड़ी घटनाएं एक साथ

6 दिसंबर को बंगाल में तीन समानांतर घटनाएं टकरा रही हैं-

बेलडांगा में बाबरी मस्जिद शिलान्यास का घोषणा विवाद. गीता जयंती को लेकर धार्मिक आयोजन और बयान. टीएमसी की कोलकाता रैली, जिसमें ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे. राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, तीनों घटनाएं माहौल को संवेदनशील बना रही हैं.

क्यों चिंता बढ़ रही है?

बाबरी मस्जिद से जुड़े बयान ऐतिहासिक और भावनात्मक रूप से अत्यंत संवेदनशील हैं. विपक्ष का दावा है कि यह घोषणा माहौल को प्रभावित कर सकती है. टीएमसी इसे ‘व्यक्ति की निजी टिप्पणी’ बताकर दूरी बना रही है. सनातन संगठनों के बयान ने धार्मिक विमर्श को और तेज किया है.

छह दिसंबर की तारीख खुद ऐतिहासिक रूप से संवेदनशील मानी जाती है, इसलिए निगाहें प्रशासन पर हैं.

फिलहाल, टीएमसी सरकार चाहती है कि माहौल शांत रहे

अब सवाल- 6 दिसंबर को आखिर होगा क्या?

राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती बड़ी हो गई है. कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि-

प्रशासन को सार्वजनिक कार्यक्रमों की सुरक्षा बढ़ानी होगी. बयानबाजी के स्तर को नियंत्रित करना अहम है. दोनों पक्षों की गतिविधियों से सामाजिक माहौल प्रभावित हो सकता है.

फिलहाल, टीएमसी सरकार चाहती है कि माहौल शांत रहे और किसी भी विवादास्पद मुद्दे को औपचारिक रूप से पार्टी लाइन से न जोड़ा जाए.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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First Published :

November 27, 2025, 17:49 IST

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