Last Updated:November 27, 2025, 20:06 IST
Gratuity Calculation : सरकार ने नया श्रम कानून लागू कर दिया है और ग्रेच्युटी के कैलकुलेशन का नियम भी बदल दिया है. ऐसे में अगर किसी की सीटीसी 6 लाख, 12 लाख या 24 लाख रुपये है तो उसे कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी.
नए श्रम कानून में ग्रेच्युटी की गणना पुराने के मुकाबले अलग तरीके से की जाती है. नई दिल्ली. सरकार ने देश में नया श्रम कानून लागू कर दिया है. इसमें कर्मचारियों के हित के लिए कई तरह के बदलाव किए गए हैं. 21 नवंबर से लागू हुए इस नए कानून के तहत ग्रेच्युटी के नियमों में भी बदलाव किया गया है. इसका मतलब है कि नए कानून के तहत अब ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन भी बदल जाएगा. लिहाजा अगर आपका सैलरी पैकेज 6 लाख, 12 लाख या 24 लाख रुपये है तो नए नियम के तहत कितनी ग्रेच्युटी बनेगी.
नए श्रम कानून के तहत दो ऐसे नियम बदले गए हैं, जो ग्रेच्युटी के कैलकुलेशन पर सीधा असर डालते हैं. पहला तो यह है कि अब फिक्स्ड टर्म के लिए भर्ती किए जाने वाले और कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाने वाले कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का अधिकार मिलेगा. ऐसे कर्मचारियों को अब एक साल की नौकरी करने के बाद ही ग्रेच्युटी का हक मिल जाएगा. हालांकि, परमानेंट कर्मचारियों के लिए आज भी सर्विस की अवधि 5 साल पूरी होने पर ही ग्रेच्युटी दी जाएगी. इसका मतलब है कि नए कानून में भी परमानेंट यानी स्थायी कर्मचारियों के लिए अवधि के नियमों में बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन अस्थायी या फिक्स्ड टर्म वाले कर्मचारियों के लिए अब इसे सिर्फ 1 साल तक सीमित कर दिया गया है.
ग्रेच्युटी में शामिल होंगे कई और वेजेज
नए नियम के तहत ग्रेच्युटी की गणना करते समय अब सिर्फ बेसिक सैलरी को ही नहीं गिना जाएगा, बल्कि इसमें महंगाई भत्ता और अन्य अलाउंस को भी जोड़ा जाएगा. कर्मचारी को मिलने वाली सभी सुविधाओं का 50 फीसदी ग्रेच्युटी में जोड़कर कैलकुलेट किया जाएगा. नए लेबर लॉ के तहत अगर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में इजाफा होगा तो निश्चित रूप से उनके पीएफ, ग्रेच्युटी में भी बढ़ोतरी हो सकती है.
नए एक्ट में कैसे होगी ग्रेच्युटी की गणना
मान लीजिए किसी कर्मचारी को हर महीने कुल 70 हजार रुपये सैलरी मिलती है, जिसमें 30 हजार रुपये बेसिक सैलरी के रूप में और 40 हजार रुपये अन्य भत्ते के रूप में दिए जाते हैं. 10 साल की नौकरी के बाद अगर ग्रेच्युटी की गणना की जाए तो कितना पैसा मिलेगा. इस सैलरी को नए और पुराने ग्रेच्युटी नियमों से कैलकुलेट करके देखा जाए तो कितना पैसा मिलेगा.
6 लाख सीटीसी पर कितनी बनेगी ग्रेच्युटी
मान लीजिए किसी की कुल सीटीसी 6 लाख रुपये सालाना है और बेसिक सैलरी इसकी आधी यानी 3 लाख रुपये है. ऐसे में साल भर काम करने वाले को मौजूदा और नए नियमों के तहत कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी. बेसिक का आधा यानी 1.5 लाख रुपये एचआरए दिया जाता है और 36 हजार रुपये पीएफ में जाते हैं तो कंपनी को पूरी सैलरी बैलेंस करने के लिए मौजूदा नियम के तहत 99,570 रुपये अन्य अलाउंस में डालने होंगे, जबकि नए नियम में 95 हजार रुपये अन्य अलाउंस में डालने होंगे. लिहाजा जब ग्रेच्युटी की गणना की जाएगी तो मौजूदा नियम में सिर्फ 3 लाख बेसिक सैलरी को ही आधार बनाया जाएगा, जबकि नए नियम के तहत 95 हजार अन्य वाले अलाउंस को भी बेसिक में जोड़कर ग्रेच्युटी की गणना की जाएगी.
12 लाख सीटीसी पर कैसे होगा कैलकुलेशन
अगर किसी की सीटीसी 12 लाख रुपये है तो मौजूदा नियम के तहत बेसिक होगा 6 लाख रुपये. इसका 50 फीसदी यानी 3 लाख एचआरए और बेसिक का 4.81 फीसदी यानी 28,860 रुपये होगा ग्रेच्युटी में कंट्रीब्यूशन. पीएफ में 72 हजार डालने के बाद भी कंपनी को बैलेंस करने के लिए 1,99140 रुपये अन्य भत्ते के रूप में देने होंगे. अन्य मद के तहत 1.90 लाख रुपये दिए जाएंगे. लेकिन, ग्रेच्युटी कैलकुलेशन करते समय मौजूदा नियम में सिर्फ 6 लाख रुपये बेसिक को ही गिना जाएगा, जबकि नए नियम में ग्रेच्युटी की गणना 7.90 लाख रुपये पर होगी.
24 लाख की सीटीसी पर कैसे बनेगा पैसा
अगर किसी कर्मचारी की सीटीसी 24 लाख है तो इसका 50 फीसदी यानी 12 लाख बेसिक होगा और उसका 50 फीसदी यानी 6 लाख एचआरए होगा. पीएफ में जाएगा बेसिक का 12 फीसदी यानी 1.44 लाख रुपये तो बैलेंस करने के लिए अन्य मद में मौजूदा नियम के तहत 3,98,280 रुपये देना होगा, जबकि नए नियम में 3,80,002 रुपये डालने होंगे. हालांकि, जब ग्रेच्युटी की गणना होगी तो मौजूदा नियम के तहत सिर्फ 12 लाख रुपये पर ही कैलकुलेशन किया जाएगा, जबकि नए नियम में 15.80 लाख रुपये पर ग्रेच्युटी की गणना होगी.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 27, 2025, 20:06 IST

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