Last Updated:November 27, 2025, 21:11 IST
कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सीएम पद को लेकर तनाव बढ़ा, कांग्रेस हाईकमान को दखल देना पड़ा, बीजेपी ने भी तंज कसा, नेतृत्व संकट गहराया. सिद्धारमैया ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वे किसी भी कीमत पर कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं; उन्होंने डीके शिवकुमार की पोस्ट पर ही उन्हीं के अंदाज में जवाब दिया है.
सिद्धारमैया और शिवकुमार की खींचतान . (फाइल फोटो PTI)कर्नाटक में सत्ता के बीचोंबीच चल रही खींचतान ने गुरुवार को नया मोड़ ले लिया, जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के समर्थकों के बीच सीएम पद को लेकर तनाव खुलकर सतह पर आ गया. हालात इतने गर्माए कि कांग्रेस हाईकमान को बीच में दखल देना पड़ा. उधर, शिवकुमार ने सुबह X पर एक पोस्ट किया- ‘Word Power is World Power. दुनिया की सबसे बड़ी ताकत अपना वादा निभाना है.’ इस मैसेज को मई 2023 में कथित रूप से हुए ‘पावर-शेयरिंग’ एग्रीमेंट की ओर इशारा माना गया. सिद्धारमैया और हाईकमान को यह याद दिलाने की कोशिश कि वादा निभाओ. शिवकुमार यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे लिखा,
जज हो, राष्ट्रपति हों या मैं ही क्यों न होऊं-हर किसी को अपनी बात पर चलना चाहिए. Word power ही world power है. पीछे खड़े लोग कुर्सी की कीमत नहीं जानते… कुर्सी का मूल्य, महत्व क्या होता है… अब इस पर सिद्धारमैया ने जवाब दिया है. उन्होंने उसी भाषा में लिखा है, जिम्मेदारी जो पांच साल चलती है.
सिद्धारमैया ने कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर लगभग उसी भाषा में जवाब दिया, लेकिन एक ट्विस्ट के साथ. उन्होंने लिखा, कोई शब्द तब तक शक्ति नहीं है, जब तक वह जनता की दुनिया को बेहतर न बनाए. CM ने अपने जवाब को सरकार की उपलब्धियों से जोड़ दिया, खासकर ‘शक्ति योजना’, जिसके ज़रिये कर्नाटक की महिलाओं को अब तक 600 करोड़ से ज़्यादा फ्री बस यात्राएं मिल चुकी हैं.
सिद्धारमैया ने लिखा, कर्नाटक की जनता का जनादेश कोई एक पल नहीं, बल्कि परंच साल चलने वाली जिम्मेदारी है. कांग्रेस पार्टी और मैं दया, निरंतरता और साहस के साथ अपने वादों पर चल रहे हैं. हमारा Word to Karnataka कोई नारा नहीं, यह हमारे लिए World जैसा है.
A Word is not power unless it betters the World for the people.
Proud to declare that the Shakti scheme has delivered over 600 crore free trips to the women of our state. From the very first month of forming the government, we transformed our guarantees into action; not in… pic.twitter.com/lke1J7MnbD
BJP का तंज- ‘यह शक्ति नहीं, आपकी कुर्सी का सवाल है’
इसी बीच बीजेपी ने इस पूरे ‘Word–World’ सोशल-मीडिया युद्ध पर जोरदार चुटकी ली. कर्नाटक BJP ने X पर लिखा, स्वामी सिद्धारमैया अवरे, यारू फुल अल्ला! यानी यह ‘शक्ति’ की बात नहीं, यह आपकी ‘कुर्सी’ की है! बात घुमाना बंद कीजिए, सीधे डीके शिवकुमार को टैग कीजिए. इन तीखे संदेशों ने साफ कर दिया कि कर्नाटक कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति में नेतृत्व को लेकर भारी उथल-पुथल है.
This isn’t about ‘Shakti’, it’s about your ‘Kurchi’!
नेतृत्व संकट तेज
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कर्नाटक में बढ़ते सत्ता संघर्ष पर चर्चा के लिए वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है. उधर, शिवकुमार समर्थक लगातार हाईकमान पर दबाव बना रहे हैं कि अब सत्ता परिवर्तन हो और उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए. यह संकट तब फिर भड़क उठा जब सिद्धारमैया सरकार ने अपने पाँच साल के कार्यकाल का ढाई साल पूरा कर लिया—यानी वही चरण, जिसके बाद कथित ‘पावर-शेयरिंग एग्रीमेंट’ के मुताबिक कुर्सी शिवकुमार को मिलनी थी.
क्या सच में था 2023 का पावर-पैक्ट?
कांग्रेस ने 2023 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद जिस समझौते की चर्चा खूब चली. उसके अनुसार, पहले 2.5 साल सिद्धारमैया CM और अगले 2.5 साल शिवकुमार CM होंगे. अब सरकार ठीक आधे कार्यकाल पर है और इसी के साथ कुर्सी कौन का सवाल फिर सुर्ख़ियों में है. शिवकुमार यही वादा याद दिला रहे हैं.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Bengaluru,Bengaluru,Karnataka
First Published :
November 27, 2025, 21:11 IST

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