भारत रत्न के बेटे ने CM नीतीश को लेकर कर दी यह बड़ी भविष्यवाणी, अब क्या होगा?

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Last Updated:October 05, 2025, 19:14 IST

Future CM of Bihar: बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर एक भारत रत्न के बेटे ने बड़ी भविष्यवाणी की है. बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा है कि अति पिछड़ा वर्ग (EBC) की मजबूती के कारण नीतीश कुमार फिर से सत्ता की कुर्सी पर बैठेंगे. बिहार की कुल आबादी में 30% से अधिक अति पिछड़ा वर्ग ही जेडीयू की राजनीतिक रीढ़ है.

भारत रत्न के बेटे ने CM नीतीश को लेकर कर दी यह बड़ी भविष्यवाणी, अब क्या होगा?सीएम नीतीश को लेकर बड़ी भविष्णवाणी.

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक बार फिर से बड़ी भविष्यवाणी की गई है. बिहार चुनाव में कई सर्वे रिपोर्ट्स में सीएम नीतीश कुमार के बारे में अलग-अलग भविष्यवाणियां की गई हैं. लेकिन ताजा भविष्यवाणी किसी और ने नहीं बल्कि एक भारत रत्न के बेटे ने की है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हाल ही में भारत रत्न से सम्मानित कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए एक बड़ी राजनीतिक भविष्यवाणी की है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से सत्ता की कुर्सी पर बैठेंगे. इसका एकमात्र कारण अति पिछड़ा वर्ग यानी ईबीसी (EBC) वोटर होंगे. ठाकुर ने कहा है कि ईबीसी सीएम नीतीश की अटूट ताकत और यह जेडीयू की राजनीतिक रीढ़ है.

बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने कहा है कि जेडीयू की रीढ़ है अतिपिछड़ा वर्ग और उस रीढ़ की मजबूती के कारण ही नीतीश कुमार एक बार फिर से सत्ता की कुर्सी पर बैठेंगे. रामनाथ ठाकुर का यह बयान केवल एक भविष्यवाणी नहीं, बल्कि नीतीश कुमार के लिए एक रणनीतिक संदेश है, जो कर्पूरी ठाकुर की सामाजिक न्याय की विरासत को नीतीश के एमबीसी यानी Most Backward Class फोकस से जोड़ता है. अति पिछड़ा वर्ग बिहार की राजनीति में सबसे बड़ा असंगठित सामाजिक समूह माना जाता है, जो लगभग 30-35% की आबादी का प्रतिनिधित्व करता है. ये वर्ग छोटे-छोटे उपजातियों जैसे नोनिया, मल्लाह, तेली, धानुक में विभाजित हैं, लेकिन कुल संख्या बल के कारण यह किसी भी गठबंधन के लिए जीत की कुंजी है.

सीएम नीतीश कुमार को लेकर बड़ी भविष्यवाणी

जानकार मानते हैं कि पिछड़ी जाति और अगड़ी जाति के बीच फंसा यह वर्ग पारंपरिक रूप से सत्ता के करीब रहने वाले नेता को वोट करता है. नीतीश कुमार ने 2005 से ही पंचायती राज और सरकारी नौकरियों में इस वर्ग को आरक्षण देकर अपना स्थायी वोट बैंक बना लिया है. अति पिछड़ा वर्ग ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में नीतीश कुमार के नेतृत्व में मजबूत विश्वास दिखाया है, भले ही उनके गठबंधन साथी बदल गए हों.

ईबीसी जातियां कौन-कौन हैं?

2015 विधानसभा के चुनाव में नीतीश कुमार आरजेडी और कांग्रेस के साथ थे. एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण के साथ नीतीश को अति पिछड़ा वर्ग का भारी समर्थन मिला. सरकारी योजनाओं और सामाजिक न्याय की उनकी छवि के कारण इस वर्ग ने आरजेडी के प्रति अपने ऐतिहासिक संशय को छोड़कर नीतीश को वोट किया, जिसके परिणामस्वरूप महागठबंधन को भारी बहुमत मिला. 2020 विधानसभा चुनाव इस चुनाव में नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ था. अति पिछड़ा वर्ग का समर्थन अभी भी नीतीश के साथ बना रहा, लेकिन कुछ युवा और माइक्रो-जातियों के वोटों में लीकेज देखा गया.

तेजस्वी यादव के रोजगार के वादों और चिराग पासवान के नीतीश विरोधी रुख के कारण ईबीसी वोट बैंक में कुछ दरारें आईं. हालांकि, जेडीयू को जो भी सीटें मिलीं, उसमें ईबीसी वोट की हिस्सेदारी सबसे निर्णायक थी, जिससे नीतीश एनडीए में सबसे बड़े नेता बने रहे. रामनाथ ठाकुर की यह भविष्यवाणी नीतीश कुमार की रणनीति को बल देती है. बीजेपी के सबसे बड़े साथी बनने के बाद नीतीश कुमार के लिए उनकी राजनीतिक पहचान और शक्ति का एकमात्र स्रोत अति पिछड़ा वर्ग ही है. जेडीयू की 108 सीटों पर लड़ने की नई रणनीति भी इसी वर्ग के संख्या बल पर आधारित है.

रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें

भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...

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First Published :

October 05, 2025, 19:14 IST

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