Last Updated:October 05, 2025, 19:23 IST
राजनाथ सिंह और मोहन भागवत ने PoK को वापस लेने की बात कही, वहीं मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ JAAC के नेतृत्व में भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.

POK पर क्या रणभेरी बजने वाली है? पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में हम ऐसा माहौल बना देंगे कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोग खुद ही चिल्लाएंगे ‘मैं भी भारत हूं’, और अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने साफ लफ्जों में ऐलान कर दिया है कि PoK को वापस लेना ही पड़ेगा. ये सब हो रहा है ठीक उसी वक्त जब मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. 12 लोग मारे जा चुके हैं, सैकड़ों घायल हैं.
मोहन भागवत रविवार को मध्य प्रदेश के सतना में सिंधी समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे. वहां बड़ी तादाद में सिंधी भाई लोग जमा थे, जो 1947 के बंटवारे के बाद पाकिस्तान जाने के बजाय भारत में ही बस गए. भागवत ने कहा, बहुत सारे सिंधी भाई यहां बैठे हैं, मुझे बहुत खुशी है. वे पाकिस्तान नहीं गए, वे अविभाजित भारत में ही आए. परिस्थितियां ऐसी बनीं कि हम सब यहां पहुंच गए, लेकिन वो घर और ये घर अलग नहीं हैं. पूरा भारत एक घर है. लेकिन किसी ने हमारे घर का एक कमरा हड़प लिया है, जहां हमारी मेज-कुर्सी, कपड़े रखे होते थे. अब वो अजनबी लोगों के कब्जे में है. कल को मुझे उसे वापस लेना ही पड़ेगा. यह सुनते ही तालियां बजने लगीं. लोग चिल्ला उठे, जैसे कोई पुराना हिसाब चुकाने का वक्त आ गया हो.
पीओके में बवाल की वजह
भागवत का ये बयान कोई नई बात नहीं है. वो हमेशा से अखंड भारत की बात करते आए हैं. लेकिन टाइमिंग देखिए– ठीक PoK में आग लगी हुई है. मुजफ्फराबाद, रावलकोट, दादयाल जैसे इलाकों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. पाकिस्तानी सेना पर पत्थरबाजी, आंसू गैस, फायरिंग सब कुछ हो रहा है. तमाम पुलिसवाले मारे गए हैं. ये विरोध प्रदर्शन ज्वाइंट अवामी एक्शन कमिटी (JAAC) की अगुवाई में चल रहे हैं. इनकी 38 मांगें हैं. बिजली के बिल कम करो, आटा-पानी की किल्लत दूर करो, रिफ्यूजी सीटें खत्म करो जो पाकिस्तान में बसे कश्मीरी रिफ्यूजियों के लिए रिजर्व हैं. ऊपर से, PoK की संसाधनों की लूट का आरोप है. लोग कह रहे कि पानी, बिजली, जंगल सब पाकिस्तान चला जाता है, लोकल को कुछ नहीं मिलता.
बड़ा संकेत तो नहीं
PoK में ये बवाल भारत के लिए एक बड़ा संकेत है. लोग पाकिस्तान के ‘कश्मीर हमारा है’ वाले झूठे प्रोपेगैंडे से तंग आ चुके हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहे हैं. हजारों लोग कंटेनर उखाड़कर पुलों पर चढ़ रहे हैं, नारे लगा रहे हैं ‘कश्मीर हमारा है, हम तय करेंगे इसका भविष्य’. मुजफ्फराबाद में पांच दिन तक शटर डाउन स्ट्राइक चली , ट्रांसपोर्ट बंद, इंटरनेट कटा रहा. पाकिस्तानी PM शहबाज शरीफ ने तो हाई लेवल कमिटी भेजी, लेकिन फायरिंग रुकी नहीं. 4 अक्टूबर को आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा. एक 25- प्वाइंट एग्रीमेंट साइन हुआ. इसमें मारे गए लोगों को मुआवजा देने, बिजली सिस्टम में 10 बिलियन PKR की मदद, मिर्जपुर में एयरपोर्ट, टैक्स रिलीफ देने का वादा किया. इससे थोड़ी शांति हुई. लेकिन एक्सपर्ट कह रहे कि पाकिस्तान ये वादे कभी पूरा नहीं कर पाएगा और ये आग और भड़केगी.
राजनाथ ने कब क्या कहा?
अब राजनाथ सिंह की बात. उन्होंने तो सितंबर में मोरक्को में इंडियन डायस्पोरा से कहा था, PoK वाले हमारे अपने हैं. एक दिन वो खुद कहेंगे ‘मैं भी भारत हूं’. हमें हमला करने की जरूरत नहीं, वो अपने आप लौट आएंगे. मई में भी सीआईआई समिट में बोले, PoK के लोग हमारा परिवार हैं, महाराणा प्रताप के भाई शक्ति सिंह की तरह. ज्यादातर लोग भारत से जुड़े महसूस करते हैं, बस कुछ भटके हुए हैं. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि जबसे भारत ने ऑपरेशन सिंदूर किया है, तब से PoK में ये मूवमेंट तेज हो गया. लोग देख रहे हैं कि भारत तरक्की कर रहा है. इकोनॉमी चौथे नंबर पर, मेक इन इंडिया से डिफेंस स्ट्रॉन्ग है. वहीं पाकिस्तान? वहां तो महंगाई, बेरोजगारी, आतंकवाद का बोलबाला. PoK वाले सोच रहे होंगे, ‘पाकिस्तान ने हमें गुलामी दी, भारत आजादी देगा. यहीं से सारा खेल पलट रहा है.
भारत सरकार का रिएक्शन
भारत सरकार की तरफ से रिएक्शन भी कड़ा है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीन जायस्वाल ने 3 अक्टूबर को कहा, PoK में पाकिस्तान का दमनकारी रवैया और संसाधनों की लूट ही इन प्रदर्शनों की जड़ है. ये उनके ह्यूमन राइट्स वाले ड्रामे की पोल खोलता है. भारत हमेशा से कहता आया है कि PoK हमारा अटूट हिस्सा है. 1947 के बंटवारे में पाक ने कबायली लुटेरों को भेजकर हड़प लिया. संसद ने दो रेजोल्यूशन पास किए कि PoK वापस लेना है. अब ये प्रदर्शन उसी दिशा में इशारा कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स कहते हैं, ये पाकिस्तान के झूठे प्रोपेगैंडा को बेनकाब करता है. दशकों से वो कहते रहे कि कश्मीर में लोग खुश हैं, लेकिन अब PoK वाले खुद चिल्ला रहे हैं.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
October 05, 2025, 19:23 IST