Last Updated:October 01, 2025, 13:19 IST
लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स ने 1 अक्टूबर 2025 को NCC के डायरेक्टर जनरल का पद संभाला, संगठन अब 20 लाख कैडेटों के साथ डिजिटल कुशलता और नेतृत्व पर जोर दे रहा है. NCC, 1948 में स्थापित, युवा नेतृत्व और सामाजिक सेवा के लिए देश का सबसे बड़ा यूनिफ़ॉर्म्ड संगठन है

नई दिल्ली: 1 अक्टूबर 2025 से लेफ्टिनेंट जनरल वीरेंद्र वत्स ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) के डायरेक्टर जनरल के रूप में कार्यभार ग्रहण किया है. उन्होंने इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी लेफ्टिनेंट जनरल गुर्बीरपाल सिंह से संभाली. यह समय विशेष महत्व का है, क्योंकि NCC, जो दुनिया का सबसे बड़ा यूनिफ़ॉर्म्ड युवा संगठन है, अब अपने कैडेटों की संख्या को 20 लाख तक बढ़ा रहा है और यह 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों में फैला हुआ है. ‘एकता और अनुशासन’ के आदर्श वाक्य के साथ NCC, विकसित भारत@2047 के लक्ष्यों के अनुसार अपने प्रशिक्षण और गतिविधियों में इनोवेशन, डिजिटल कुशलता और वैश्विक जागरूकता को जोड़ रहा है.
लेफ्टिनेंट जनरल वत्स को भारतीय सेना के 19 कुमाऊँ रेजिमेंट में 17 दिसंबर 1988 को कमीशन मिला था. उनके 37 वर्षों के सेवा अनुभव में चुनौतीपूर्ण काउंटर इंसर्जेंसी और आतंकवाद रोधी अभियान शामिल हैं. उन्होंने अरुणाचल प्रदेश, कश्मीर घाटी और आर्मी हेडक्वार्टर में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. इसके अलावा, उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मिशन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में एक इन्फेंट्री ब्रिगेड का कमान भी संभाला. NCC से पहले वे डीफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन के कमांडेंट रहे हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल वत्स नेशनल डिफेंस अकादमी, खडकवासला, इंडियन मिलिट्री अकादमी, देहरादून, कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट, हैदराबाद और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के सम्मानित पूर्व छात्र हैं. उनके विस्तृत ऑपरेशनल और नेतृत्व अनुभव से NCC को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी, और यह संगठन देश के अनुशासित, जिम्मेदार और भविष्य के लिए तैयार युवा तैयार करने में और अधिक सक्षम बनेगा.
इस नियुक्ति से NCC को न केवल प्रशिक्षण में मजबूती मिलेगी, बल्कि संगठन अब डिजिटल कौशल और वैश्विक जागरूकता के साथ युवाओं का समग्र विकास सुनिश्चित करेगा.
NCC का इतिहास और भूमिका
भारत में राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) की स्थापना 1948 के राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम के तहत हुई थी. NCC को 15 जुलाई 1948 को औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया. इसे ब्रिटिश काल के यूनिवर्सिटी ऑफिसर्स ट्रेनिंग कॉर्प्स (UOTC, 1942) का उत्तराधिकारी माना जा सकता है.
1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान NCC के कैडेट देश की दूसरी रक्षा पंक्ति के रूप में काम आए. उन्होंने ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों में सहायता प्रदान की, फ्रंटलाइन के लिए हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति में सहयोग किया, और दुश्मन पैराशूटर्स को पकड़ने के लिए पैट्रोल टीमों के रूप में भी तैनात रहे. इसके अलावा, NCC के कैडेट सिविल डिफेंस अधिकारियों के साथ मिलकर राहत कार्यों और यातायात नियंत्रण में सक्रिय रूप से शामिल हुए.
1965 और 1971 के युद्धों के बाद NCC के पाठ्यक्रम में सुधार किया गया. अब इसे केवल दूसरी रक्षा पंक्ति मानने की बजाय, कैडेटों में नेतृत्व क्षमता और ऑफिसर जैसी योग्यताओं को विकसित करने पर अधिक जोर दिया गया. सैन्य प्रशिक्षण की मात्रा कम की गई और इसके स्थान पर सामाजिक सेवा, युवाओं का प्रबंधन और नेतृत्व कौशल जैसे क्षेत्रों को महत्व दिया गया. आज NCC न केवल देशभक्ति और अनुशासन सिखाता है, बल्कि युवा नेतृत्व, सामाजिक जिम्मेदारी और सेवा भाव को भी बढ़ावा देता है.
NCC में स्कूल और कॉलेज के छात्र शामिल होते हैं. NCC का उद्देश्य युवा वर्ग में अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और देशभक्ति को बढ़ावा देना है. इसके कैडेट शारीरिक, मानसिक और नैतिक रूप से मजबूत बनते हैं और उन्हें विभिन्न सैन्य, सामाजिक और सामुदायिक गतिविधियों में प्रशिक्षित किया जाता है.
Mohit Chauhan brings over seven years of experience as an Editorial Researcher, specializing in both digital and TV journalism. His expertise spans Defense, Relations, and Strategic Military Affai...और पढ़ें
Mohit Chauhan brings over seven years of experience as an Editorial Researcher, specializing in both digital and TV journalism. His expertise spans Defense, Relations, and Strategic Military Affai...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
October 01, 2025, 13:19 IST