Last Updated:September 22, 2025, 11:58 IST
Investment in Share Market : ग्लोबल मार्केट में जारी उठापटक के बीच जहां विदेशी निवेशकों ने जमकर निकासी की, वहीं भारतीय बाजार में घरेलू निवेशकों ने जमकर पैसे लगाए हैं. साल 2025 में ही अब तक घरेलू निवेशकों ने 5.30 लाख करोड़ रुपये बाजार में लगा दिए हैं.

नई दिल्ली. कहते हैं कि मुसीबत में अपने ही काम आते हैं. ऐसा ही कुछ नजारा दिख रहा है भारतीय शेयर बाजार में भी. एक तरफ जहां विदेशी निवेशकों ने जरा सी मुश्किल आते ही बाजार से धड़ाधड़ पैसे निकालने शुरू कर दिए, वहीं घरेलू निवेशकों ने जमकर निवेश कर इसे गिरने से बचाए रखा. साल 2025 के महज 9 महीनों में ही घरेलू संस्थागत निवेशकों ने रिकॉर्ड बना दिया और साल 2024 से भी कहीं ज्यादा पैसा बाजार में लगाया है.
घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने भारतीय इक्विटी बाजार में पिछले पूरे साल से भी ज्यादा निवेश महज 9 महीनों में कर दिया है. वह भी तब जबकि साल खत्म होने में अभी पूरी एक तिमाही बची हुई है. फिलहाल जिस तरह का सेंटिमेंट दिख रहा है आने वाले समय में यह निवेश और भी ज्यादा पहुंच सकता है. अनुमान के मुताबिक, साल 2025 में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने कुल करीब 5.30 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो पिछले पूरे साल के 5.22 लाख करोड़ रुपये के निवेश से भी ज्यादा है.
किसने लगाया सबसे ज्यादा पैसा
शेयर बाजार में घरेलू निवेशकों ने बंपर निवेश किया है, जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी म्यूचुअल फंड की है. म्यूचुअल फंड ने अकेले ही साल 2025 में अब तक 3.65 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें एसआईपी के जरिये भी 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. अगस्त में कैश होल्डिंग 1.98 लाख करोड़ रुपये की बनी हुई है. म्यूचुअल फंड के अलावा इंश्योरेंस कंपनियों, पेंशन फंड ने भी मिलकर बाजार में 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. बाकी रकम PMS, AIFs और बैंक ने लगाया है.
निवेश का क्या फायदा दिखा
घरेलू निवेशकों के इस बंपर निवेश के बावजूद भारतीय इक्विटी बाजार दुनिया के अन्य शेयर बाजारों से पीछे ही रहा. 2025 में सेंसेक्स 2 फीसदी तो निफ्टी 4 फीसदी बढ़त बनाने में कामयाब रहा है. वहीं, चीन का शंघाई कंपोजिट 17 फीसदी, हांगकांग का शेयर बाजार 20 फीसदी, अमेरिका का डाउ जोंस 8 फीसदी तो एसएंडपी500 में 13 फीसदी का उछाल दिखा है. यूरोपीय शेयर बाजारों में प्रमुख फ्रांस का स्टॉक मार्केट 21 फीसदी, ब्रिटेन का 20 फीसदी तो जर्मनी का 35 फीसदी चढ़ा है.
अगस्त में दिखी बड़ी गिरावट
एम्फी के हालिया आंकड़े देखें तो पता चलता है कि म्यूचुअल फंड का निवेश अगस्त महीने में 22 फीसदी गिरकर 33,430 करोड़ रुपये रहा, जो जुलाई में 42,702 करोड़ रुपये रहा था. एनालिस्ट ने भी स्मॉल कैप में निकासी को लेकर चेतावनी दी है. उनका कहना है कि जीएसटी में गिरावट के बाद म्यूचुअल फंड से निकासी बढ़ सकती है. अगस्त में म्यूचुअल फंड का एयूएम भी जुलाई के मुकाबले नीचे आया है. जुलाई में एयूएम 75.36 लाख करोड़ रुपये था, जो अगस्त में गिरकर 75.18 लाख करोड़ रुपये पर आ गया है.
विदेशी निवेशकों ने की जमकर निकासी
ऐसे समय में जब घरेलू निवेशक लगातार बाजार में पैसे लगा रहे थे तो विदेशी निवेशकों ने बंपर निकासी की. साल 2025 में अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1.8 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं. पिछले साल विदेशी निवेशकों ने बाजार से 1.21 लाख करोड़ रुपये निकाले थे. इस निकासी की वजह से साल 2019 में जहां विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी भारतीय शेयर बाजार में 22 फीसदी थी, वहीं अब गिरकर 16 फीसदी पर आ गई है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 22, 2025, 11:58 IST