Last Updated:March 10, 2025, 17:29 IST
Syria Conflict: सीरिया में रमजान के दौरान हिंसा बढ़ी है, खासकर महिलाओं पर अत्याचार और बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं. वीएचपी ने मानवाधिकार संगठनों, मुस्लिम धर्मगुरुओं और कठमुल्लों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं.

रमजान के पाक महीने में सीरिया में मुस्लिम महिलाओं पर जुल्म
हाइलाइट्स
सीरिया में रमजान के दौरान महिलाओं पर अत्याचार बढ़े.वीएचपी ने मुस्लिम धर्मगुरुओं की चुप्पी पर सवाल उठाए.सीरिया में नई सरकार और असद समर्थकों के बीच हिंसा जारी.सीरिया. रमजान के पवित्र महीने में सीरिया में जारी संघर्ष ने भयावह रूप धारण कर लिया है. सीरिया की नई सरकार और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच चल रही हिंसक झड़पों में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. चिंता की बात यह है कि इस संघर्ष में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार बढ़ गए हैं. युवतियों और विवाहित महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाओं में वृद्धि हुई है, साथ ही उन्हें सरेआम निर्वस्त्र करके घुमाने की खबरें भी आ रही हैं. कई महिलाओं की हत्या तक कर दी गई है. विश्व हिंदू परिषद ने सीरिया में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की निंदा की है और साथ ही उन राजनीतिक दलों, कट्टरपंथियों, कठमुल्लों और मुस्लिम धर्मगुरुओं से सवाल पूछा है कि आखिर वे इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं?
वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक्स पर लिखा, ‘सीरिया में हिंसा का खौफनाक मंजर: महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाकर की हत्या! रमजान में भी..!! इसे तो वे पाक महीना कहते हैं!! सीरिया में नए शासनकाल में पिछले कुछ दिनों से हिंसा अनवरत जारी है. पुरुषों को भी कुत्तों की तरह घुटनों पर चलाया जा रहा है और महिलाओं की हो रही हैं नृशंस हत्याएं. इतना ही नहीं, सरकार समर्थक सुन्नी मुस्लिमों द्वारा महिलाओं की हत्या करने से पहले उन्हें सड़कों पर निर्वस्त्र दौड़ाया जा रहा है. वह भी कथित पवित्र इस्लाम के नाम पर!! क्या यही है इस्लाम और रमजान का पाक नामा!! गाजा पर बाजा बजाकर आतंकियों के लिए आंसू बहाने वाले भारतीय कट्टरपंथी मुस्लिम उलेमा और उनकी संस्थाएं इस पर क्यों मौन हैं? क्या वे इस पर भी प्रदर्शन का साहस कर सकेंगे? छोटी छोटी बातों पर बड़े बड़े बोल बोलने वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग और यूनाइटेड वुमेन जैसी कथित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार वादी संस्थाएं किधर मुंह छुपा कर बैठी हैं?’
सीरिया पर भारतीय मौलाना चुप क्यों?
गौरतलब है कि भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी के रोज़ा रखने पर भी हाल ही में देश में विवाद हुआ था. लेकिन, मोहम्मद शमी के रोज़े पर सवाल उठाने वाले न तो किसी मौलाना ने और न ही गाज़ा को लेकर बवाल मचाने वाले किसी मुस्लिम धर्मगुरु ने सीरिया की घटनाओं पर कोई बयान दिया है. वीएचपी ने इन धर्मगुरुओं के दोहरे चरित्र पर सवाल उठाया है.
रमजान के पाक महीने में क्यों हो रही मौतें?
सीरिया में पिछले कुछ दिनों से नई सरकार और अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के समर्थकों के बीच खूनी संघर्ष चल रहा है. विभिन्न गुटों द्वारा की गई हिंसक कार्रवाइयों में हज़ारों लोग मारे जा चुके हैं. ताज़ा झड़पें तब शुरू हुईं जब सुरक्षा बलों ने एक वांछित व्यक्ति को गिरफ्तार करने का प्रयास किया, जिसके बाद असद समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया.
सीरिया की नई सरकार के प्रति वफ़ादार सुन्नी मुसलमान बंदूकधारियों ने बुधवार को असद के अल्पसंख्यक अलावी समुदाय के लोगों पर हमला करके हत्याएं शुरू कर दी थीं, जिसके बाद से दोनों पक्षों में झड़पें जारी हैं. वीएचपी ने छोटी-छोटी बातों पर भारत पर बयान देने वाले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग और महिलाओं से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं. वीएचपी ने पूछा है कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन अब कहां छिप गए हैं?
First Published :
March 10, 2025, 17:29 IST