Last Updated:May 02, 2025, 12:03 IST
Ahmedabad murder case: अहमदाबाद के वटवा में युवक पैसे लेने के बहाने घर से निकला और लापता हो गया. 37 दिन बाद उसकी लाश कचरे में मिली। पुलिस ने हत्या के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जिसने पैसों के लिए युवक की हत्या ...और पढ़ें

अहमदाबाद हत्या मामला
अहमदाबाद के वटवा इलाके में एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर को चौंका दिया. रमज़ान के महीने में नाडियाड की रहने वाली हबीबबानु शेख अपने बेटे से मिलने अहमदाबाद आई थीं. 24 मार्च की शाम उनका बेटा, जो वटवा में रहता था, अपनी पत्नी से यह कहकर निकला कि वह किसी वीसी (वित्तीय लेन-देन करने वाले) से पैसे लेने जा रहा है. लेकिन वो रातभर घर नहीं लौटा.
घरवालों ने की खोजबीन, दर्ज कराई गुमशुदगी
बेटे के देर रात तक घर न लौटने पर परिवारवालों ने उसकी खोज शुरू की. जब कोई सुराग नहीं मिला तो वटवा पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई गई. परिवार ने अपनी शिकायत में तीन लोगों को शक के घेरे में बताया — हुसैन शेख, फिरोजभाई शेख और आदिल. हालांकि, पुलिस की जांच रफ्तार बहुत धीमी रही, जिससे थक-हारकर परिजनों ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (हैबियस कॉर्पस) याचिका दाखिल कर दी.
37 दिन बाद मिली सड़ी-गली लाश, मचा हड़कंप
कोर्ट के निर्देशों के बाद पुलिस ने तेजी दिखाई. करीब 37 दिन बाद, 1 मई की शाम को युवक का क्षत-विक्षत शव वटवा के इंसानियत नगर ब्लॉक के पीछे सीवेज और कचरे के ढेर में मिला. शव की हालत देखकर पुलिस और परिवार दोनों हैरान रह गए. तुरंत जांच शुरू हुई और हत्या के शक में हुसैन शेख को गिरफ्तार कर लिया गया.
पैसों के लिए कर दी बेरहमी से हत्या
हुसैन शेख ने पुलिस पूछताछ में जो कबूलनामा किया, वह दिल दहला देने वाला था. उसने बताया कि 25 मार्च की शाम वह युवक से पैसे मांगने गया था. युवक ने जब पैसे देने से मना कर दिया, तो गुस्से में आकर उसने उसके सिर पर सीमेंट के ब्लॉक से हमला कर दिया और फिर रस्सी से उसका गला घोंट दिया. हत्या के बाद हुसैन करीब पांच मिनट तक शव के पास बैठा रहा, ताकि यह पक्का हो जाए कि युवक की मौत हो चुकी है.
लाश को छिपाने की साजिश, परिवार से भी की चालाकी
हत्या के बाद आरोपी ने युवक की जेब से 10 हजार रुपये निकाल लिए और उसका मोबाइल फोन भी ले लिया. बाद में वह मृतक के परिवार के पास गया और झूठ बोलते हुए कहा कि उसने युवक को वीसी से मिले पैसे दे दिए हैं. इसके बाद वह घर जाकर आराम से सो गया और अगले दिन अपने काम पर भी चला गया, जैसे कुछ हुआ ही नहीं.
कूड़े में छिपाई लाश, मोबाइल फेंका नदी में
आरोपी ने शव को गद्दे के कवर में लपेटा, चेहरे को एक बैग में बंद किया और शव को रस्सी से बांधकर कचरे और सीवर के पीछे छिपा दिया. ऊपर से कूड़ा डाल दिया ताकि बदबू और शक न हो. जब युवक की मां ने मोबाइल लोकेशन का जिक्र किया, तो घबरा कर आरोपी ने मोबाइल को नारियल के छिलके और लाल धागे से बांध दिया और यह कहकर साबरमती नदी में फेंक दिया कि वह इसे ‘पवित्र पेड़’ बनाना चाहता है.