Last Updated:May 02, 2025, 18:24 IST
BSF Success Story: महिलाएं आज हर क्षेत्रों में कदम से कदम मिलकर अपने हुनर के बल पर सफलता की नई कहानी लिख रही हैं. ऐसी ही कहानी BSF की एक सब इंस्पेक्टर की है, जिन्होंने स्नाइपर (BSF First female sniper) बनकर एक ...और पढ़ें

BSF की पहली महिला स्नाइपर
हाइलाइट्स
BSF को मिली पहली महिला स्नाइपर.56 पुरुषों के बीच स्नाइपर ट्रेनिंग पूरी की.उनकी यह उपलब्धि महिलाओं के लिए प्रेरणा बनी.BSF Success Story: आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपने हुनर और साहस के बल पर नई ऊंचाइयों को छू रही हैं. वे न केवल अपने सपनों को साकार कर रही हैं, बल्कि अपने परिवार, गांव और शहर का नाम भी रोशन कर रही हैं. इसी कड़ी में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की सब-इंस्पेक्टर सुमन कुमारी (Suman Kumar) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है. अब वह BSF की पहली महिला स्नाइपर बनी हैं.
BSF में हैं सब इंस्पेक्टर
देश की पहली महिला स्नाइपर बनीं सुमन हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की रहने वाली हैं. वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता एक इलेक्ट्रीशियन हैं और मां गृहिणी. उन्होंने वर्ष 2021 में BSF जॉइन किया था और वह निहत्थे मुकाबले (Unarmed Combat) में भी ट्रेंड हैं. BSF ने अपने आधिकारिक पोस्ट में लिखा कि BSF अब एक समावेशी बल बन रहा है, जहां महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं. पहली महिला स्नाइपर का सामने आना इसी दिशा में एक अहम कदम है.
56 पुरुषों के बीच अकेली महिला ट्रेनी
सुमन ने इंदौर स्थित सेंट्रल स्कूल ऑफ वेपन्स एंड टैक्टिक्स (CSWT) में आठ सप्ताह तक चले बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण स्नाइपर ट्रेनिंग को सफलता पूर्वक पूरा किया. खास बात यह है कि इस कोर्स के अंत में उन्हें ‘इंस्ट्रक्टर ग्रेड’ भी मिला है. सुमन इस कोर्स में हिस्सा लेने वाली एकमात्र महिला थीं, जहां उनके साथ 56 पुरुष जवान शामिल थे. उन्होंने न सिर्फ कोर्स पूरा किया, बल्कि कई गतिविधियों में सबसे आगे रहीं, जिससे उनकी लगन और क्षमता का प्रमाण है.
सीमा पर मिली प्रेरणा, स्वेच्छा से चुना कोर्स
पंजाब में एक प्लाटून की कमान संभालते हुए उन्होंने सीमा पार से होने वाले स्नाइपर हमलों को देखा था. इससे प्रेरित होकर उन्होंने स्वेच्छा से स्नाइपर कोर्स के लिए आवेदन किया. उनके सीनियर अधिकारियों ने उनके समर्पण को देखते हुए उन्हें ट्रेनिंग की अनुमति दी. उनके इंस्ट्रक्टर के अनुसार, यह कोर्स मेंटली और फिजिकली तौर पर बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. उन्होंने यह भी कहा कि बहुत से पुरुष इस कोर्स को करने से डरते हैं, लेकिन सुमन पूरे आत्मविश्वास और तैयारी के साथ इसमें अग्रणी रहीं.
महिलाओं के लिए हैं प्रेरणा
CSWT के महानिरीक्षक भास्कर सिंह रावत ने बताया कि कमांडो ट्रेनिंग के बाद स्नाइपर कोर्स सबसे कठिन माना जाता है और अब सुमन इस क्षेत्र में इंस्ट्रक्टर के रूप में तैनाती के लिए तैयार हैं. सुमन की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों की महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेगी, जो मिलिट्री सर्विसेज में साहसिक और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं को अपनाने का सपना देखती हैं.
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