सबरीमला मंदिर मे ‘सोने के खेल’ की जांच तेज, हाईकोर्ट बोला- सब पकड़े जाएंगे

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Last Updated:November 05, 2025, 17:07 IST

केरल हाई कोर्ट ने सबरीमला मंदिर में सोने की परत चढ़ाने में हुई गड़बड़ी की जांच तेज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने SIT को वैज्ञानिक जांच की अनुमति दी है ताकि मंदिर से गायब सोने की असली मात्रा पता चल सके. पूर्व देवस्वम अध्यक्ष एन वासु से भी पूछताछ होगी.

सबरीमला मंदिर मे ‘सोने के खेल’ की जांच तेज, हाईकोर्ट बोला- सब पकड़े जाएंगेसबरीमला मंदिर में घोटाला को लेकर केरल हाईकोर्ट सख्स.

केरल हाईकोर्ट ने सबरीमला मंदिर में सोने की परत चढ़ाने के काम में हुई गड़बड़ियों पर बड़ी कार्रवाई की है. कोर्ट ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) को वैज्ञानिक जांच की इजाजत दी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि असल में मंदिर के सोने का कितना हिस्सा गायब या गबन हुआ है. SIT अब अलग-अलग जगहों से सोने के सैंपल जुटाएगी और जांच करेगी कि मंदिर की मरम्मत और सजावट के दौरान कितना सोना “खो गया” या “गायब कर दिया गया.”

कोर्ट ने ये भी मंजूरी दी है कि नए लगाए गए श्रीकोविल (मुख्य गर्भगृह) के दरवाजे की भी जांच की जाए, क्योंकि शक है कि उसे बदलने के दौरान भी बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ. ये आदेश तब आया जब SIT ने हाई कोर्ट में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि ठेकेदार उन्नीकृष्णन पोट्टी पर गंभीर आरोप लगे हैं, जिन्हें त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (TDB) के अधिकारियों ने जरूरत से ज्यादा छूट दे दी थी.

पूर्व देवस्वम बोर्ड अध्यक्ष से होगी पूछताछ
SIT अब एन. वासु, जो देवस्वम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं, उनसे पूछताछ करेगी. ज्यादातर सोने की परत चढ़ाने का काम उनके कार्यकाल में हुआ था. सूत्रों का कहना है कि वासु इस केस में चौथे आरोपी के रूप में सामने आ सकते हैं.

भ्रष्टाचार कानून के तहत भी फंस सकते हैं अधिकारी
हाई कोर्ट ने SIT को ये भी जांचने को कहा है कि क्या TDB के अधिकारियों को भ्रष्टाचार निरोधक कानून (Prevention of Corruption Act) के तहत शामिल किया जा सकता है. इससे जांच का दायरा और बढ़ गया है. पूरा मामला मंदिर के दरवाजों और अन्य हिस्सों पर सोने की परत चढ़ाने से जुड़ा है. कहा जा रहा है कि जितना सोना इस्तेमाल हुआ, उसका हिसाब रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहा, जिससे बड़े पैमाने पर गबन का शक गहरा गया है.

कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि जांच सिर्फ ठेकेदार तक सीमित नहीं रहनी चाहिए जिस-जिस ने इस सोने की चोरी में सीधे या परोक्ष रूप से हिस्सा लिया, जांच उन सब तक पहुंचनी चाहिए.” अदालत ने यह भी याद दिलाया कि देवस्वम बोर्ड का पहला कर्तव्य भगवान की संपत्ति की रक्षा करना है, न कि उसे लूटने वालों को बचाना.

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First Published :

November 05, 2025, 17:07 IST

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