Last Updated:September 09, 2025, 16:07 IST
कोलकाता में 15 से 17 सितम्बर तक होने वाली संयुक्त कमांडर्स’ कॉन्फ्रेंस 2025 भारतीय सेनाओं के लिए आत्ममंथन और भविष्य की तैयारी का मंच है. “ईयर ऑफ़ रिफ़ॉर्म्स – भविष्य के लिए ट्रांसफ़ॉर्मेशन” थीम के साथ यह सम्मेल...और पढ़ें

भारतीय सशस्त्र सेनाएं आज एक ऐसे मोड़ पर खड़ी हैं जहां उन्हें केवल वर्तमान ख़तरों का सामना नहीं करना, बल्कि आने वाले कल की चुनौतियों को भी भाँपकर तैयार रहना है. कोलकाता में 15 से 17 सितम्बर तक होने वाली संयुक्त कमांडर्स’ कॉन्फ्रेंस 2025 इसी सोच का प्रतीक है. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और इस मंच पर रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा राज्य मंत्री तथा तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहेंगे..यह सम्मेलन केवल सेना का कार्यक्रम नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र का सामरिक मंथन बनने जा रहा है.
इस बार का विषय – ‘ईयर ऑफ़ रिफ़ॉर्म्स – भविष्य के लिए ट्रांसफ़ॉर्मेशन’ – अपने आप में स्पष्ट संदेश है कि सेनाएँ पुराने ढर्रे पर टिककर नहीं चल सकतीं. आज की लड़ाई केवल सीमाओं तक सीमित नहीं, बल्कि साइबर स्पेस, सूचना युद्ध (Information Warfare), आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और अंतरिक्ष तक फैली हुई है. ऐसे में “सुधार, रूपांतरण और तैयारी” केवल नारे नहीं, बल्कि ज़रूरी दिशा हैं. इस सम्मेलन की विशेषता यह है कि इसमें न सिर्फ़ शीर्ष नेतृत्व, बल्कि ज़मीनी स्तर पर तैनात अधिकारी और जवान भी अपनी राय रखेंगे. अग्रिम मोर्चे के अनुभव और जमीनी सच्चाई जब रणनीतिक विमर्श का हिस्सा बनते हैं, तभी नीतियाँ व्यावहारिक और प्रभावी होती हैं.
संयुक्त कमांडर्स’ कॉन्फ्रेंस मूलतः आत्ममंथन और आत्मनवीनीकरण का मंच है. यह सेना को यह सोचने का अवसर देता है कि भविष्य की जंग कैसी होगी और हमें किस रूप में तैयार रहना होगा. चाहे पड़ोसियों की आक्रामक नीतियाँ हों, आतंकवाद का नया रूप हो या फिर साइबर हमलों की बढ़ती चुनौती—हर दिशा से ख़तरे मौजूद हैं. ऐसे माहौल में भारतीय सेनाओं को और अधिक चुस्त, निर्णायक तथा तकनीक-समर्थ बनना ही होगा.
आज जब दुनिया का भू-राजनीतिक परिदृश्य लगातार अस्थिर और जटिल हो रहा है, संयुक्त कमांडर्स’ कॉन्फ्रेंस 2025 यह भरोसा दिला रहा है कि भारत की सेनाएँ केवल रक्षा तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि निर्णायक भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं. सुधार और आधुनिकीकरण की यह प्रक्रिया भारत की सामरिक क्षमता को मज़बूत करने के साथ-साथ उसकी आत्मनिर्भरता को भी नया बल प्रदान करेगी. यह सम्मेलन एक स्पष्ट संदेश है—भारतीय सेनाएँ केवल कल की जंग जीतने के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा तय करने के लिए भी तैयार हैं.
Mohit Chauhan brings over seven years of experience as an Editorial Researcher, specializing in both digital and TV journalism. His expertise spans Defense, Relations, and Strategic Military Affai...और पढ़ें
Mohit Chauhan brings over seven years of experience as an Editorial Researcher, specializing in both digital and TV journalism. His expertise spans Defense, Relations, and Strategic Military Affai...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
September 09, 2025, 16:07 IST