30,000cr. की डील, राफेल, सुखोई या तेजस नहीं, भारत खरीद रहा नया बवाल, कांपा पाक

7 hours ago

Last Updated:November 03, 2025, 12:08 IST

30000 Crore Drone Deal: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने 30000 करोड़ की MALE ड्रोन्स डील को मंजूर दी है. इससे 87 एडवांस ड्रोन खरीदे जाएंगे. ये एक तरह बेबी फाइटर जेट्स की तरह हैं. आने वाला वक्त इसी बेबी फाइटर जेट्स का बताया जा रहा है.

30,000cr. की डील, राफेल, सुखोई या तेजस नहीं, भारत खरीद रहा नया बवाल, कांपा पाकभारत 30 हजार करोड़ की लागत से 87 ड्रोन खरीद रहा है.

30000 Crore Drone Deal: ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार देश की सेनाओं को रॉकेट की रफ्तार से मॉर्डर बनाने में जुटी है. इस कारण करीब-करीब हर हफ्ते हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट को मंजूरी दी जा रही है. मोटे तौर पर देखें तो देश में एयर फोर्स के पास फाइटर जेट की कमी ही सबसे बड़ी समस्या दिखती है. इस समय एयरफोर्स के पास केवल 31 स्क्वाड्रन बचे हैं जबकि जरूरत कम से कम 42 स्क्वाड्रन की है. इस कमी को पूरा करने के लिए कई मोर्चे पर काम चल रहा है. लेकिन, इस बीच भारत ने आसमान में अपनी बादशाहत कायम रखने के लिए अन्य कई सौदों को अंतिम रूप दे रहा है. दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के बाद जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. इस ऑपरेशन में उसको ऐसी मार पड़ी है जिसकी उसने सपने में भी कल्पना नहीं की होगी. ऐसे में माना जा रहा है कि वह इस चोट का बदला लेने के लिए चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ कभी भी कोई बड़ी साजिश रच सकता है. ऐसे में भारत अपनी सुरक्षा तैयारियों में तनिक भी चूक या कमी बर्दाश्त नहीं कर सकता है.

एयरफोर्स के फाइटर जेट की कमी को पूरा करने के लिए भारत राफेल, सुखोई और देसी फाइटर जेट तेजस को लेकर कई स्तरों पर काम कर रहा है. लेकिन, आसमान में बादशाहत कायम करने के लिए केवल फाइटर जेट्स ही जरूरी नहीं है. इसके अलावा भी कई तरह के जहाज और मिसाइलें चाहिए. तभी जाकर कोई एयरफोर्स मुकम्मल तौर पर ताकतवर बन पाती है. ऐसे में भारत मिसाइलों, एयर डिफेंस, जासूसी जहाजों, राडार सिस्टम और ड्रोन्स पर खूब खर्च कर रही है. क्योंकि आधुनिक जंग में ये चीजें पहले की तुलना में काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई हैं.

87 मेल ड्रोन्स

दरअसल, भारतीय सेना ने 87 मेडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंडुरेंस यानी MALE ड्रोन्स खरीदने की योजना बनाई है. इस पर करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. ये इतने पैसे हैं कि इसमें कई छोटे देश पूरा रक्षा बजट तैयार करते हैं. यानी इस एक मेल ड्रोन की कीमत करीब 350 करोड़ आएगी.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस डील के लिए भारतीय कंपनियों को तैयार किया जा रहा है. हालांकि फिलहाल वे पूरी तरह सक्षम नहीं हो पाई हैं. बावजूद इसके सरकार ने इस डील के लिए देसी कंपनियों की शर्त जोड़ दी है. अब मंगलवार को भारतीय कंपनियों को इसका टेंडर जारी किया जा सकता है. सरकार की योजना इस सौदे के साथ देश में ड्रोन निर्माण के लिए एक इकोसिस्टम बनाने की है, जिससे आने वाले वक्त में भारत किसी पर निर्भर न रहे. अब इस सौदे में शामिल होने के लिए विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी को दौड़ रही हैं ताकि वे उनको ड्रोन्स के लिए जरूरी उपकरणों की सप्लाई कर सकें. इन कंपनियों में इजरायली कंपनी एल्बिट और अमेरिकी जनरल एटॉमिक्स के नाम सबसे आगे हैं. अभी सरकार ने देसी में ड्रोन निर्माण में 50 फीसदी स्वदेशी कंटेंट की शर्त रखी है. ऐसे में इन विदेशी कंपनियों को काफी स्कोप दिख रहा है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस करीब 30 हजार करोड़ रुपये का सौदा सबसे कम बोली लगाने वाली दो कंपनियों को दिया जाएगा, ताकि कम से कम दो ड्रोन निर्माण प्लेयर तैयार किया जा सके.

संतोष कुमार

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...और पढ़ें

न्यूज18 हिंदी में बतौर एसोसिएट एडिटर कार्यरत. मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव. दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, आईएएनएस, बीबीसी, अमर उजाला, जी समूह सहित कई अन्य संस्थानों में कार्य करने का मौका मिला. माखनलाल यूनिवर्स...

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First Published :

November 03, 2025, 12:06 IST

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