Last Updated:May 24, 2025, 09:44 IST
Bangalore Metro News: बेंगलुरु में हजारों लाखों लोगों की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए मेट्रो ट्रेनें चलाई जाती हैं. इससे रोजाना बड़ी तादाद में लोग सफर करते हैं.

बेंगलुरु मेट्रो ट्रेन में सफर करना और महंगा होगा. (फाइल फोटो)
बेंगलुरु. दिल्ली मेट्रो की लोकप्रियता को देखते हुए देश के अन्य प्रमुख शहरों में मेट्रो ट्रेन को लॉन्च किया गया. देश की सिलिकॉन वैली और कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी मेट्रो की सेवा शुरू की गई. रोजाना हजारों की तादाद में लोग मेट्रो ट्रेन से सफर करते हैं. बेंगलुरु मेट्रो को नम्मा मेट्रो के नाम से भी जाना जाता है. शुरुआत में बेंगलुरु मेट्रो के स्टेशनों पर टॉयलेट की सुविधा नहीं थी, जिसको लेकर काफी आलोचनाएं भी हुई थीं. अब इसपर ध्यान दिया गया है. हालांकि, इसके लिए पैसेंजर्स को कीमत चुकानी होगी. नम्मा मेट्रो स्टेशनों पर टॉयलेट मुहैया कराने की जिम्मेदारी सुलभ इंटरनेशनल को सौंपी गई है.
बेंगलुरु के मेट्रो यात्रियों को अब सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करने के लिए जेब ढीली करनी होगी. बेंगलोर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (BMRCL) ने शहर के 12 नम्मा मेट्रो स्टेशनों पर शौचालय सेवाओं के रखरखाव का जिम्मा सुलभ इंटरनेशनल को सौंपा है. यह एक गैर-लाभकारी संस्था है जो पूरे भारत में सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाओं के ऑपरेशन के लिए जानी जाती है. यह कॉन्ट्रैक्ट 5 सालों के लिए किया गया है. नई व्यवस्था के अनुसार, यात्रियों से पेशाब (यूरिनल) के लिए 2 रुपये और शौचालय उपयोग के लिए 5 रुपये वसूले जाएंगे. यह पे-एंड-यूज़ मॉडल पहले चरण में दो मेट्रो लाइनों के 12 स्टेशनों पर लागू किया गया है_
ग्रीन लाइन मेट्रो स्टेशन
नेशनल कॉलेज लालबाग साउथ एंड सर्कल जयनगर राष्ट्रीय विद्यालय रोड बनशंकरी जयप्रकाश नगर येलाचेनहल्लीपर्पल लाइन मेट्रो स्टेशन
सर एम. विश्वेश्वरैया स्टेशन (सेंट्रल कॉलेज) डॉ. बी.आर. अंबेडकर स्टेशन (विधान सौधा) काब्बन पार्क क्रांतिवीर संगोली रायण्णा रेलवे स्टेशनबेंगलुरु मेट्रो का बढ़ चुका है किराया
टॉयलेट पर निर्णय से पहले ही बीएमआरसीएल द्वारा कुछ महीने पहले मेट्रो किराये में 71 फीसद तक की भारी वृद्धि की गई थी, जिससे यात्रियों में पहले से ही असंतोष है. जब साल 2011 में नम्मा मेट्रो की शुरुआत हुई थी, तब शौचालय की सुविधा न होने को लेकर यात्रियों और नागरिक संगठनों ने तीखी आलोचना की थी. साल 2013 में कर्नाटक राज्य मानवाधिकार आयोग ने मेट्रो स्टेशनों में शौचालय न होना यात्रियों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया था. इसके बाद 2015 में बीएमआरसीएल ने पेड कॉनकोर्स एरिया के भीतर नि:शुल्क शौचालय सुविधा शुरू की थी.
फैसले पर रिएक्शन
अब एक बार फिर शौचालय के लिए शुल्क वसूलने के निर्णय पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं. कर्नाटक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा, ’71 प्रतिशत किराया वृद्धि के बाद अब कांग्रेस सरकार ने एक नया निम्न स्तर छू लिया है – बेंगलुरु मेट्रो के 12 स्टेशनों पर शौचालय उपयोग के लिए शुल्क वसूलना! एक ऐसा शहर जो पहले से ही महंगाई और जर्जर बुनियादी ढांचे से जूझ रहा है, वहां अब सरकार ने मानवीय ज़रूरतों का भी व्यवसायीकरण शुरू कर दिया है.’ यात्रियों और सामाजिक संगठनों में इस निर्णय को लेकर नाराजगी देखी जा रही है. विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही सुविधाओं का रखरखाव जरूरी हो, लेकिन बुनियादी सुविधाओं को लाभ का साधन बनाना जनहित के विपरीत है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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