Last Updated:May 24, 2025, 13:38 IST
Operation Sindoor: पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जिसके तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के ठिकाने को तबाह करने के साथ ही वहां की फौज के एयरबेस को भी टारगेट किया गया था. ऑपरेशन सिं...और पढ़ें

ऑपरेशन सिंदूर पर एस. जयशंकर के बयान और राहुल गांधी के पलटवार के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के एक कदम की चर्चा भी होने लगी है.
हाइलाइट्स
ऑपरेशन सिंदूर पर एस. जयशंकर के बयान पर मचा है घमासानराहुल गांधी ने उठाया सवाल, भाजपा फैक्ट्स के साथ दे रही जवाब38 साल पुरानी राजीव गांधी की पाक से जुड़ी कहानी आई सामनेनई दिल्ली. पहलगाम अटैक के बाद भारत ने आतंकवादियों और पाकिस्तान को माकूल जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था. भारत ने पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकवादी शिविरों को तबाह कर दिया. पड़ोसी देश की फौज ने जब इंडियन आर्म्ड फोर्सेज के ठिकानों को टारगेट करने की कोशिश की तो नई दिल्ली ने जोरदार पलटवार करते हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेस को भी तबाह कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और सीजफायर की गुहार लगाने लगा. भारत अपनी शर्तों पर इसके लिए तैयार हुआ और इस तरह भारत का अभियान थम गया. इन सब गतिविधियों के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने एक बयान में कहा कि भारत की ओर से पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की सूचना पहले ही दे दी गई थी, ताकि उनकी सेना इससे दूर रहे. जयशंकर ने कहा था कि उनकी तरफ से दी गई पूर्व सूचना में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि भारत आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाने जा रहा है, न कि पाकिस्तानी फौज के खिलाफ. इसके बाद राहुल गांधी हमलावर हो गए. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर जयशंकर के इस कदम को क्राइम करार दिया. राहुल ने कहा कि हमारे हमले की सूचना शुरुआत में ही पाकिस्तान को देना अपराध है.
राहुल गांधी के इस बयान के बाद बीजेपी नेता निशिकांत दुबे ने करार जवाब दिया और साल 1991 के करार का हवाला दिया. अब इसी मामले में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की ओर से 38 साल पहले उठाए गए एक कदम की भी चर्चा होने लगी है. दरअसल, 1986 के अंत में बेंगलुरु में आयोजित सार्क सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई थी. इस समय भारत द्वारा शुरू किया गया एक बड़ा सैन्य अभ्यास (ऑपरेशन ब्रासटैक्स) चर्चा का केंद्र बन गया. इस सैन्य अभ्यास का नेतृत्व जनरल सुंदरजी कर रहे थे और यह अभ्यास राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में चलाया गया था. लेकिन, इसको लेकर पाकिस्तान में यह आशंका फैल गई थी कि भारत कोई हमला करने की योजना बना रहा है. इस स्थिति को देखते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री मोहम्मद खान जुनेजो को व्यक्तिगत रूप से आश्वस्त किया कि यह केवल एक सैन्य अभ्यास है, युद्ध की कोई तैयारी नहीं है. यह कदम उस समय उठाया गया था, जब दोनों देशों के बीच सैन्य गतिविधियों की जानकारी साझा करने को लेकर कोई औपचारिक समझौता नहीं था. यह समझौता बाद में 1991 में कांग्रेस समर्थित सरकार द्वारा किया गया और कांग्रेस शासन में ही इसे औपचारिक रूप से स्वीकृति मिली थी.
राहुल गांधी का एक्स पर पोस्ट.
अमेरिया या ब्रिटेन ने नहीं तो किसने डाला था दबाव
इस पूरे घटनाक्रम में उल्लेखनीय बात यह रही कि राजीव गांधी ने ऑपरेशन ब्रासटैक्स को मिस्र के राष्ट्रपति के हस्तक्षेप के बाद रद्द किया था. अमेरिका, ब्रिटेन या किसी अन्य वैश्विक ताकतों के दबाव में ऐसा नहीं किया था. तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए राजीव गांधी ने एक विशेष पहल की थी. उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया-उल-हक को भारत में एक क्रिकेट मैच देखने का निमंत्रण दिया था. इसके बाद राजीव गांधी ने पाकिस्तान की ऐतिहासिक यात्रा की और 31 दिसंबर 1988 को प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के साथ परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमले की रोकथाम संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर किए.
साल 1991 का वो समझौता
यह समझौता 1 जनवरी 1991 से लागू हुआ और इसके तहत दोनों देश हर साल एक-दूसरे को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची सौंपने लगे. इस कदम ने भारत की परमाणु क्षमताओं को वैश्विक स्तर पर उजागर किया, लेकिन साथ ही यह भी दिखाया कि भारत युद्ध नहीं, शांति का पक्षधर है. यह गौर करने योग्य है कि राजीव गांधी की यह पहल उस सोच की निरंतरता थी, जिसकी नींव इंदिरा गांधी ने 1974 में रखी थी, जब उन्होंने पाकिस्तान के साथ परमाणु तकनीक साझा करने की पेशकश की थी. राजीव गांधी की इन पहलों ने भारत-पाक संबंधों में कूटनीतिक संतुलन और शांति स्थापना की दिशा में एक मजबूत नींव रखी. अब सवाल यह है कि यदि एस. जयशंकर ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकरी पाकिस्तान को देकर अपराध किया तो फिर राजीव गांधी के वह कदम क्या है, जिसमें उन्होंने बिना किसी औपचारिक करार के पाकिस्तान को सूचना दी गई थी?
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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