पिता आर्मी अफसर, बेटी IAF की स्क्वाड्रन लीडर, अब बॉलीवुड में दे रही ट्रेनिंग

4 hours ago

नई दिल्ली (Sqn Ldr Varlin Panwar Success Story). आर्मी परिवारों की लाइफस्टाइल सामान्य परिवारों से अलग होती है. भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर रह चुकीं वर्लिन पंवार के पिता सेना में थे. उन्हें बचपन से ही डेडिकेशन और रूटीन वाला माहौल मिला. उनके मन में यही सब इतना रच-बस गया कि वह खुद भी पिता की राह पर चल पड़ीं. 10 सालों तक भारतीय वायु सेना में बतौर स्क्वाड्रन लीडर काम करने के बाद 2018 में वह रिटायर हुई थीं.

आईएएफ से रिटायर होने के बाद भी वर्लिन पंवार के कदम थमे नहीं. वह अपनी नॉलेज और स्किल्स का इस्तेमाल अन्य क्षेत्रों में करने लगीं. आईपीएल (IPL) की टेक सिक्योरिटी में काम करना हो या भारतीय वायु सेना पर बनी फिल्मों में एक्टर्स को ट्रेन करना, उन्होंने हर भूमिका में अपना 100 परसेंट दिया. भारतीय वायु सेना की पूर्व स्क्वाड्रन लीडर वर्लिन पंवार की सक्सेस स्टोरी उन लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा है, जो सेना में नौकरी के सपने देखती हैं.

आईएएफ स्क्वाड्रन लीडर वर्लिन पंवार कौन हैं?

आईएएफ की पूर्व स्क्वाड्रन लीडर वर्लिन पंवार ने Humans of Bombay को दिए इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता की पोस्टिंग अलग-अलग शहरों में होती थी. उनके लिए नए माहौल में एडजस्ट कर पाना आसान नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे उनकी सेना और देश सेवा में रुचि बढ़ने लगी. हर रविवार को वह अपने पापा के साथ दौड़ने जाती थीं. उस समय पापा उन्हें सेना के अपने अनुभव बताया करते थे – तब पिता की आंखों में जो उत्साह था, उसे देखकर उन्हें भी वही अनुभव महसूस करने की इच्छा होती थी.

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पासिंग आउट परेड से बुलंद हुआ हौसला

वर्लिन पंवार जब 12 साल की थीं, तब उनके पिता देहरादून में पोस्टेड थे. वहां उन्होंने एक पासिंग आउट परेड देखी. कैडेट्स को गर्व के साथ मार्च करते हुए देखकर उनका संकल्प पहले से भी ज्यादा मजबूत हो गया. 12वीं के बाद उन्होंने देहरादून में 11वीं गर्ल्स बटालियन के हिस्से के रूप में एनसीसी में शामिल होने का फैसला किया. इसके साथ ही वह ग्रेजुएशन भी कर रही थीं. उन्होंने बताया कि वो लोग बारिश में मार्च करते थे, कैंप्स में रहते थे और बेस्ट कैडेट के लिए आपस में कंपीट करते थे.

थकान में भी नहीं मानी हार

ग्रेजुएशन की पढ़ाई के साथ इतना टफ शेड्यूल काफी थकाऊ था. एनसीसी की ट्रेनिंग और पढ़ाई के बीच बैलेंस बना पाना भी मुश्किल था. इस दौरान उन्होंने कई पुरस्कार जीते. मात्र 17 साल की उम्र में उन्हें नेशनल लेवल कैंप में बेस्ट कैडेट का खिताब मिला था. फिर ग्रेजुएशन के दौरान उन्होंने सेना और वायु सेना, दोनों में नौकरी के लिए आवेदन किया. इसके लिए परीक्षाएं दीं और फिर कुछ हफ्तों बाद वायु सेना में शामिल हो गईं.

Who is Varlin Panwar: वर्लिन पंवार ने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी

वर्दी देख छलक उठे आंसू

वर्लिन पंवार पुराने दिन याद कर आज भी भावुक हो जाती हैं. उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि जिस दिन उन्हें सेना की वर्दी और बैज मिला, वह अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाई थीं. उन्होंने सबसे पहले अपने पिता को फोन किया. तब पिता ने उन्हें एक बेहद कीमती सलाह दी, जिसे उन्होंने अपनी जिंदगी का मंत्र बना लिया. उनके पिता ने उनसे कहा कि अपनी रैंक को सिर्फ पहनना नहीं, उसे कमाना भी.. इसके बाद वर्लिन ने बिल्कुल वही किया. मुश्किल से मुश्किल दौर में भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी.

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जब लेना पड़ा सबसे कठिन फैसला

आईएएफ की पूर्व स्क्वाड्रन लीडर वर्लिन पंवार को ट्रेनिंग पूरी करने के बाद फाइटर कंट्रोलर की ब्रांच में नियुक्ति मिली थी. 2018 में वह एक फ्रंटलाइन आईएएफ बेस पर गणतंत्र दिवस फ्लाईपास्ट की देखरेख कर रही थीं. टेकऑफ से ठीक पहले उन्होंने सीमा पार से एक अज्ञात चीज को आते हुए देखा. तेजी से कार्रवाई करते हुए उन्होंने वायुसेना के विमान को स्क्रैम्बल करने का आदेश दिया. इसके बाद उस वस्तु को निष्क्रिय कर दिया गया था. वह इसे अब तक लिए गए सबसे कठिन निर्णयों में से एक मानती हैं.

10 साल बाद शुरू किया नया सफर

भारतीय वायु सेना में 10 साल तक सेवा देने के बाद वर्लिन पंवार ने 2018 में रिटायरमेंट ले लिया था. यह आसान नहीं था और उस समय उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि अब उनका करियर क्या नया मोड़ लेगा. फिर उन्होंने आईपीएल में टेक्निकल सिक्योरिटी और बॉलीवुड फिल्मों में सलाहकार के रूप में काम करना शुरू कर दिया. वर्लिन पंवार उन युवा लड़कियों के लिए इंस्पिरेशन हैं, जो बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने में यकीन रखती हैं.

कई बॉलीवुड फिल्मों से जुड़ा नाम

वर्लिन पंवार ने बॉलीवुड फिल्मों में सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया है. इससे सशस्त्र बलों के चित्रण को प्रामाणिक बनाने में मदद मिली है.

फाइटर (2024): इस फिल्म में उन्होंने भारतीय वायु सेना की गतिविधियों, जैसे फाइटर जेट पायलटों की दिनचर्या और ऑपरेशनल प्रक्रियाओं को प्रामाणिक रूप से दर्शाने में मदद की. इस फिल्म में ऋतिक रोशन, दीपिका पादुकोण और अनिल कपूर जैसे सितारे थे.

ऑपरेशन वेलेंटाइन (2024): इस फिल्म में भी उन्होंने सैन्य सलाहकार के रूप में अपना खास योगदान दिया. यह बॉलीवुड फिल्म भारतीय वायु सेना पर आधारित थी.

स्काई फोर्स (2025): वर्लिन पंवार ने इस फिल्म में भी सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया था. यह 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान सरगोधा हवाई अड्डे पर भारतीय वायु सेना की हवाई कार्रवाई पर आधारित है. उन्होंने अक्षय कुमार और वीर पहाड़िया के साथ सेट पर काम किया था.

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