Last Updated:July 27, 2025, 22:03 IST
राजस्थान के बाड़मेर में एक भैंसों के तबेले से जो राज़ खुला, उसने पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) को भी चौंका दिया. यहां चल रही थी एक अंडरग्राउंड सिंथेटिक ड्रग लैब, जो मेफेड्रोन जैसे खतरनाक नशे को तैयार...और पढ़ें

एक शांत गांव… एक भैंसों का तबेला… और वहां छिपी थी मौत की फैक्ट्री. 22-23 जुलाई को एनसीबी और पुलिस की संयुक्त टीम ने राजस्थान और महाराष्ट्र में ऐसा ड्रग रैकेट उजागर किया, जिसकी शुरुआत एक तबेले से हुई और छोर एक बंद केमिकल फैक्ट्री में मिला.राजस्थान के बाड़मेर जिले के ढोलाकिया गांव में पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि एक तबेले में संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं. जब टीम ने छापा मारा तो भैंसों की आड़ में सिंथेटिक ड्रग मेफेड्रोन की अंडरग्राउंड लैब चल रही थी. यहां से खतरनाक केमिकल्स क्लोरोफॉर्म, टोल्यून, ब्रोमीन, अमोनियम क्लोराइड आदि बरामद हुए. गिरफ्तार आरोपियों की पूछताछ में सारा राज खुला. पता चला कि सारा केमिकल सप्लाई रायगढ़ से आ रहा था. महाराष्ट्र पुलिस ने NCB की सूचना पर रायगढ़ में एक और आरोपी को दबोचा.
लैब से गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस नेटवर्क का एक और सदस्य महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले का रहने वाला है, जिसने लैब के लिए केमिकल और उपकरण पहुंचाए थे. NCB ने तुरंत यह जानकारी रायगढ़ पुलिस को दी और वहां से इस आरोपी को हिरासत में लिया गया.
बंद फैक्ट्री से केटामाइन की बड़ी खेप बरामद
पूछताछ के बाद NCB मुंबई और रायगढ़ पुलिस की टीम ने रायगढ़ के महाड़ इलाके में स्थित “रोहन केमिकल्स” नाम की एक बंद फैक्ट्री पर छापा मारा. यहां से करीब 34 किलो पाउडर के रूप में और 12 लीटर लिक्विड फॉर्म में केटामाइन बरामद किया गया. इसके अलावा वही खतरनाक केमिकल्स और लैब उपकरण भी मिले, जिनसे केटामाइन तैयार किया जा रहा था.
पुराने मामलों से जुड़ा मास्टरमाइंड
जांच में यह भी पता चला कि इस नेटवर्क के पीछे एक मास्टरमाइंड है, जो पहले भी DRI और NCB के पुराने नशा तस्करी मामलों में शामिल रह चुका है. इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने में राजस्थान की बाड़मेर पुलिस, महाराष्ट्र की रायगढ़ पुलिस और NCB की जोधपुर, मुंबई और अहमदाबाद यूनिट्स ने मिलकर दिन-रात काम किया और दो दिनों में इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश कर डाला.
पहले भी पकड़ी गई थी लैब, टीचर निकले थे आरोपी
NCB जोधपुर ने इससे पहले भी श्रीगंगानगर में एक लैब पकड़ी थी, जहां से 5 किलो मेफेड्रोन और रसायन बरामद हुए थे. उस मामले में भौतिक और रसायन शास्त्र पढ़ाने वाले शिक्षक आरोपी निकले थे. NCB ने अब राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को ऐसे क्लैंडेस्टाइन लैब्स की पहचान करने के लिए “रेड फ्लैग इंडिकेटर्स” यानी संदेह के संकेत भी साझा कर दिए हैं.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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