Last Updated:July 27, 2025, 23:08 IST

हैदराबाद. हैदराबाद में पुलिस ने ‘अवैध’ सरोगेसी (किराये का कोख) और बच्चा बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. यह रैकेट तब सामने आया जब एक दंपति को डीएनए परीक्षण के माध्यम से पता चला कि संभवत: सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुआ बच्चा उनका नहीं है और उन्होंने पुलिस से संपर्क किया.
उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी डॉ. ए. नम्रता (64) अपने सहयोगियों और एजेंटों के साथ मिलकर कमज़ोर वर्ग की महिलाओं, खासकर गर्भपात कराने की इच्छुक महिलाओं को अपना शिकार बनाती थी और उन्हें गर्भधारण जारी रखने का पैसे या अन्य प्रलोभन देती थी.
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी-उत्तरी क्षेत्र) एस. रश्मि पेरुमल ने बताया कि इन नवजात शिशुओं को सरोगेसी से गर्भधारण किए गए बच्चों के रूप में पेश किया जाता था और संभावित अभिभावकों को यह विश्वास दिलाया जाता था कि ये बच्चे जैविक रूप से उनके हैं.
पुलिस के अनुसार, उसे एक पीड़ित दंपति से शिकायत मिली थी कि उन्होंने प्रजनन और आईवीएफ परामर्श के लिए अगस्त 2024 में ‘फर्टिलिटी क्लिनिक’ से संपर्क किया था. दोनों पति-पत्नी डॉ. नम्रता से मिले जिन्होंने प्रजनन संबंधी परीक्षण करने के बाद उन्हें सरोगेसी अपनाने की सलाह दी.
डीसीपी ने बताया कि दंपति को नमूने लेने के लिए विशाखापत्तनम स्थित क्लिनिक की एक अन्य शाखा में भेजा गया और बताया गया कि ‘सरोगेट (किराये का कोख देने वाली महिला)’ का प्रबंध क्लिनिक द्वारा किया जाएगा और भ्रूण को ‘सरोगेट’ में प्रतिरोपित किया जाएगा.
नौ महीनों के दौरान, दंपति ने क्लिनिक को कई भुगतान किए. इस साल जून में शिकायतकर्ता को बताया गया कि सरोगेट महिला ने विशाखापत्तनम में ऑपरेशन के ज़रिए एक लड़के को जन्म दिया है. पुलिस ने बताया कि क्लिनिक ने प्रक्रियाओं के नाम पर परामर्श शुल्क के रूप में दंपति से 35 लाख रुपये से अधिक की राशि ली. पुलिस ने बताया कि बच्चे को शिकायतकर्ता को उन दस्तावेजों के साथ सौंप दिया गया, जिनमें दिखाया गया था कि बच्चे का पंजीकरण दंपति के बच्चे के तौर पर था.
रश्मि ने कहा, “बच्चे को सरोगेट मां से पैदा हुआ नहीं दिखाया गया था, जिससे उन्हें संदेह हुआ. बाद में दंपति ने डीएनए परीक्षण कराया, तब पता चला कि बच्चे का डीएनए उनके डीएनए से मेल नहीं खाता.” वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब दंपति ने क्लिनिक से संपर्क करने की कोशिश की तो उन्हें कोई भी दस्तावेज देने से मना कर दिया गया और धमकी दी गई, जिसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया.
रश्मि ने बताया कि बच्चे को बेचने के आरोप में उसके असली माता-पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रक्रिया के अनुसार बच्चे को शिशु विहार को सौंप दिया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
Hyderabad,Telangana