बकवास बातें...चिदंबरम SIR पर फैला रहे थे भ्रम, ECI ने एक लाइन में की बोलती बंद

8 hours ago

Last Updated:August 03, 2025, 17:47 IST

Election Commission on P Chidambaram SIR Allegations: चुनाव आयोग ने पी चिदंबरम के बिहार में 65 लाख मतदाताओं के हटाए जाने और तमिलनाडु में 6.5 लाख नए मतदाताओं को जोड़ने के दावे को भ्रामक बताया.

बकवास बातें...चिदंबरम SIR पर फैला रहे थे भ्रम, ECI ने एक लाइन में की बोलती बंदचुनाव आयोग ने चिदंबरम को जवाब दिया.

हाइलाइट्स

चुनाव आयोग ने चिदंबरम के दावे को भ्रामक बताया.ECI ने कहा कि SIR राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है.चिदंबरम के 6.5 लाख मतदाताओं के दावे को खारिज किया.

नई दिल्‍ली. कांग्रेस नेता पी चिदंबरम द्वारा बिहार में SIR यानी विशेष गहन संशोधन पर सवाल उठाए जाने के बाद अब इस मामले में चुनाव आयोग की तरफ से करारा जवाब दिया गया है. चिदंबरम के एक्‍स को शेयर करते हुए चुनाव आयोग ने इसे फर्जी करार दिया. कहा गया कि यह जानकारी गुमराह करने वाली है. सच्‍चाई से इसका कोई लेना देना नहीं है. चिदंबरम ने बिहार में 65 लाख मतदाताओं के हटाए जाने और तमिलनाडु में 6.5 लाख नए मतदाताओं को जोड़ने का मुद्दा उठाते हुए इसे गैरकानूनी करार दिया था.

चिदंबरम ने क्‍या कहा था?
पी चिदंबरम ने प्रवासी मजदूरों को “स्थायी रूप से स्थानांतरित” कहे जाने को अपमानजनक और तमिलनाडु के मतदाता अधिकारों का हनन माना. चिदंबरम ने पूछा कि चैथ पूजा के दौरान बिहार लौटने वाले मजदूरों को वहां क्यों नहीं वोट करने दिया जाए और यदि उनका परिवार बिहार में है तो उन्हें तमिलनाडु में मतदाता कैसे माना जाए. उन्होंने चुनाव आयोग (ECI) पर राज्यों के चुनावी चरित्र बदलने का आरोप लगाया था. चुनाव आयोग ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर जवाब देते हुए कहा कि चिदंबरम के दावों को भ्रामक और निराधार हैं.

❌ The statements made are Misleading and Baseless#ECIFactCheck

— Election Commission of India (@ECISVEEP) August 3, 2025

क्‍या कहता है नियम?
ECI ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19(1)(e) के तहत सभी नागरिकों को भारत के किसी भी हिस्से में रहने और बसने का अधिकार है. प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 19(b) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसकी सामान्य निवास स्थली किसी निर्वाचन क्षेत्र में है, वहां मतदाता के रूप में पंजीकृत हो सकता है. धारा 20 “सामान्य निवासी” की परिभाषा स्पष्ट करती है, जिसके तहत तमिलनाडु से दिल्ली में रहने वाला व्यक्ति दिल्ली में और बिहार से चेन्नई में रहने वाला चेन्नई में मतदाता हो सकता है.

तमिलनाडु में नहीं शुरू हुआ SIR
ECI ने स्पष्ट किया कि SIR राष्ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है और राजनीतिक नेताओं को भ्रामक जानकारी फैलाने की जरूरत नहीं है. आयोग ने कहा कि बिहार से अन्य राज्यों में स्थायी रूप से स्थानांतरित हुए मतदाताओं की सटीक संख्या SIR पूरा होने के बाद ही पता चलेगी. चिदंबरम के 6.5 लाख मतदाताओं के नाम जोड़ने के दावे को खारिज करते हुए ECI ने बताया कि तमिलनाडु में SIR अभी शुरू नहीं हुआ और बिहार के SIR को तमिलनाडु से जोड़ना अनुचित है. आयोग ने मीडिया में जानबूझकर फैलाई जा रही गलत जानकारियों पर चिंता जताई और इसे रोकने की अपील की.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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First Published :

August 03, 2025, 17:47 IST

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