Last Updated:August 04, 2025, 18:11 IST
UN CONTRIBUTOR CHIEF CONCLAVE: भारतीय सेना के जवान न सिर्फ देश में, बल्कि विदेशों में भी तैनात रहते हैं. वे हर जगह अपनी जान की परवाह किए बिना ड्यूटी को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं. इसी वजह से भारतीय सेना की द...और पढ़ें

हाइलाइट्स
भारत ने UN कंट्रीब्यूटर चीफ कॉन्कलेव में पाकिस्तान को न्योता नहीं.चीन को भी शामिल नहीं किया जाएगा.कॉन्कलेव में पाक सीमा पर फायर पावर डेमो होगा.UN CONTRIBUTOR CHIEF CONCLAVE: पहलगाम हमले के बाद से भारत ने पाकिस्तान के साथ रणनीतिक रिश्ते खत्म कर दिए हैं. इंडस वॉटर ट्रीटी भी खत्म कर दी गई है और किसी भी तरह की बातचीत भी बंद है. भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर जबरदस्त स्ट्राइक की. अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को एक्सपोज किया. अब भारतीय सेना इसी साल अक्टूबर में यूनाइटेड नेशन ट्रूप कॉन्ट्रिब्यूटर चीफ कॉन्कलेव का आयोजन करने जा रही है. इस कॉन्कलेव में वे सभी देश जो यूएन पीस मिशन में अपनी सेनाएं भेजते हैं, उनके सेना के चीफ को न्योता दिया जा रहा है. लेकिन पाकिस्तान को न्योता नहीं दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, इनविटेशन भेजे जाने का काम जारी है, लेकिन पाकिस्तान का नाम उस लिस्ट से बाहर रखा गया है. सूत्रों के मुताबिक इस लिस्ट में चीन का भी नाम शामिल नहीं है. यानी दोनों ऑल वेदर फ्रेंड्स इस अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सैन्य इवेंट से बाहर रखे जाएंगे.
पाक सीमा पर होगा इंटीग्रेटेड फायर पावर डेमो
चार दिन तक चलने वाले इस कॉन्कलेव में जितने भी देशों के सेना प्रमुख शामिल होंगे, उनके लिए खास फायर पावर का डेमो भी रखा गया है. खास बात यह है कि इस इंटीग्रेटेड फायर पावर डेमो को पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास पोखरण में आयोजित किया जाएगा. फिलहाल यूएन शांति सेना में लगभग 120 से 125 देश अपनी सेनाएं, पुलिस और अन्य स्टाफ को भेजते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा सैनिकों का योगदान नेपाल करता है, उसके बाद बांग्लादेश और फिर आता है भारत का नंबर. इसके बाद पाकिस्तान और रवांडा का नंबर आता है.
ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग से भी रखा गया था दूर
पहलगाम हमले के तुरंत बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को छोड़कर दिल्ली स्थित सभी देशों के राजदूतों को ब्रीफिंग के लिए बुलाया था. पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान के हाथ होने के सबूत दिखाए थे. इस ब्रीफिंग में पाकिस्तान के ऑल वेदर फ्रेंड चीन को भी नहीं बुलाया गया था. खास बात यह है कि चीन के राजदूत आए भी थे. उसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया. उसकी सफलता की जानकारी देने के लिए दिल्ली में 70 देशों के राजदूतों को रक्षा मंत्रालय ने न्योता दिया था. सबसे खास बात यह रही कि इस स्पेशल ब्रीफिंग के लिए पाकिस्तान के ऑल वेदर फ्रेंड चीन को नहीं बुलाया गया था. पाकिस्तान के दूसरे खास दोस्त तुर्की के डिफेंस अटैचे को न्योता जरूर दिया गया था, लेकिन उसने पाकिस्तान के साथ दोस्ती निभाई और वह नहीं आया.
शांति सेना में भारत का बड़ा योगदान
दुनिया में भारत UN पीसकीपिंग मिशन में तीसरा सबसे बड़ा योगदान करने वाला देश है. अब तक भारत ने 49 मिशनों में 2 लाख से ज्यादा सैनिकों को भेजा है. फिलहाल 11 एक्टिव मिशन चल रहे हैं. इनमें से 9 में भारतीय सेना शामिल है. 5 मिशन में सेना की बटालियन तो 4 मिशन में स्टाफ अफसर या मिलिट्री ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद हैं. भारतीय सैनिक UNIFIL के तहत लेबनान में 900, कांगो में MONUSCO मिशन में 1100, सूडान और साउथ सूडान में UNMIS/UNMISS के तहत 600 और 2400, गोलान हाइट्स में UNDOF के अंतर्गत 200 में तैनात हैं. वेस्टर्न सहारा, मिडिल ईस्ट, साइप्रस और सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में जारी मिशन में स्टाफ अफसर या मिलिट्री ऑब्जर्वर के तौर पर मौजूद हैं. 1950 से अब तक अलग-अलग मिशनों में भारत ने अपने 179 सैनिकों को खोया है.
First Published :
August 04, 2025, 18:11 IST