पहाड़ के बाद अब मैदानी इलाकों में आफत, ऊना में घर-स्कूल में घुसा बरसाती पानी

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Last Updated:July 03, 2025, 15:15 IST

Una Heavy Rain: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में मॉनसून की पहली भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ. जलभराव, भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से कई क्षेत्रों में नुकसान हुआ.

ऊना. हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में बरसने के बाद अब मॉनसून ने मैदानी जिले का रुख किया है. गरुवार को ऊना जिले में मॉनसून सीजन की पहली भारी बारिश ने अपना रंग दिखा दिया है.

बुधवार की मध्य रात्रि शुरू हुई बारिश गुरुवार सुबह 8 बजे तक लगातार जारी रही, जिससे पूरे जिले में जनजीवन काफी प्रभावित हो गया. जगह-जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है, जबकि कुछ स्थानों पर भूस्खलन और पेड़ों के गिरने की घटनाओं ने भी खतरे की घंटी बजा दी है.

भारी बारिश के चलते जिला की लाइफ लाइन कही जाने वाली सोम भद्रा नदी सहित सभी नाले और खड्डे उफान पर रही. जिला में कई घरों और सरकारी भवनों में घुसे बरसात के पानी को निकालने के लिए फायर ब्रिगेड का सहारा लेना पड़ा.

दरअसल, करीब 5 घंटे तक जमकर मेघ बरसे और कई जगहों के लिए परेशानी का सबब बन रहे. जिला में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बसाल, धमांदरी, चलौला, रक्कड़ कॉलोनी, पंजावर, और त्यूड़ी गांव शामिल हैं, जहां भारी बारिश के चलते लोगों के घरों में बरसाती पानी घुस गया. इससे घरेलू सामानों को नुकसान पहुंचा है और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

स्थानीय निवासी रात भर पानी निकालने और अपने सामान को सुरक्षित करने में जुटे रहे. त्यूड़ी गांव में भारी बारिश के चलते भूस्खलन हुआ, जिससे संपर्क मार्ग अवरुद्ध हो गया. साथ ही एक विशाल पेड़ के गिरने से रास्ता पूरी तरह बंद हो गया है. ग्रामीणों का बाहरी दुनिया से संपर्क कट गया है और प्रशासन की ओर से रास्ता बहाल करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं.

सहोता के स्थानीय निवासी राजन और प्रवीन ने कहा कि बरसात से पहले ही ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए प्रशासन को काम करना चाहिए. जिससे लोगों को जल भराव से नुकसान न उठाना पड़े. वहीं भारी बारिश के चलते जिले की प्रमुख सोमभद्रा नदी में भी जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ रहा है. इसके अतिरिक्त इसके सहायक नाले और खड्डे भी पूरी तरह उफान पर हैं.

उधर, जिला में मानसून की पहली बारिश के बाद प्रभावित हुए जनजीवन को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. अतिरिक्त उपायुक्त महेन्द्र पाल गुर्जर ने लोगों से नदी और नालों से दूर रहने की अपील की है. उन्होंने कहा कि भारी बारिश के चलते जलप्रवाह तेज हो सकता है जिससे जान-माल को खतरा हो सकता है.

जिला प्रशासन ने मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए सभी पंचायतों और नगर निकायों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही लोगों से अपील की गई है कि वे अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें, नदी-नालों के पास न जाएं और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत प्रशासनिक अधिकारियों को सूचित करें.

उधर, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टक्का का ग्राउंड बरसाती पानी में डूब गया, जिससे बच्चों और स्टाफ को पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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