Last Updated:August 04, 2025, 18:22 IST
Bihar Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जहां राजनीतिक जंग तेज हो गई है, वहीं सियासत के नये-नये रंग दिख रहे हैं. इसी में रंग-ढंग में चाचा और भतीजे (नीतीश कुमार-तेजस्वी यादव) के बीच सियासी शह और ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
नीतीश कुमार की फ्री बिजली, पेंशन वृद्धि ने तेजस्वी यादव के वादों को दी मात. पत्रकार, सफाई कर्मचारी, महिलाओं को नीतीश की योजनाओं से सियासी लाभ. तेजस्वी यादव का दावा: नीतीश कुमार उनकी योजनाओं की नकल कर रहे हैं.पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक के बाद एक लोकलुभावन घोषणाओं से सियासी मैदान में बाजी मारने की तैयारी कर ली है. 125 यूनिट मुफ्त बिजली, पेंशन में वृद्धि और एक करोड़ नौकरियों जैसे ऐलानों के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में डोमिसाइल नीति को लेकर बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने के लिए डोमिसाइल नीति लागू करने की घोषणा की है. इसका मतलब है कि अब सरकारी नौकरियों में बिहार के निवासियों को वरीयता दी जाएगी. सीएम नीतीश ने कहा कि अब शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी. इससे पहले महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण की घोषणा की है जो केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं के लिए लागू होगा.नीतीश सरकार के इस निर्णय से बिहार के युवाओं को अपने राज्य में ही नौकरी के अधिक अवसर मिलेंगे और उन्हें बाहर के उम्मीदवारों से प्रतिस्पर्धा कम करनी होगी. वहीं, जानकार इसे एक बार फिर नीतीश का मास्टरस्ट्रोक मान रहे हैं जो तेजस्वी यादव के नैरेटिव पर सीएम नीतीश कुमार का एक और प्रहार है.
बता दें कि सीएम नीतीश लगातार फैसले ले रहे हैं और घोषणाओं पर घोषणाएं करते जा रहे हैं. डोमिसाइल नीति लागू करने के फैसले से पहले उन्होंने महिलाओं को सरकारी नौकरियों में आरक्षण और युवा आयोग के गठन की भी घोषणा की थी. दरअसल, सीएम नीतीश के ये फैसले तेजस्वी यादव की राजनीतिक धार को कुंद करने वाले माने जा रहे हैं, क्योंकि ये वही मुद्दे हैं जिन पर तेजस्वी यादव अपनी राजनीति चलाते रहे हैं. नीतीश कुमार की इन घोषणाओं ने न केवल जनता का ध्यान खींचा, बल्कि धारणा तो यह बन रही है कि उन्होंने विपक्षी नेता तेजस्वी यादव के महीनों पुराने वादों को भी पीछे छोड़ दिया है. नीतीश कुमार की ये घोषणाएं समाज के हर वर्ग को साधने की रणनीति का हिस्सा मानी जा रही हैं. लेकिन क्या नीतीश के मास्टरस्ट्रोक से तेजस्वी के वादे वास्तव में कमजोर हो गए हैं?
नीतीश की सौगातें: हर वर्ग को तोहफा
नीतीश कुमार ने हाल ही में कई योजनाएं लागू की हैं जो विभिन्न समुदायों और वर्गों को टारगेट करती है. आशा और ममता कार्यकर्ताओं की प्रोत्साहन राशि में तीन गुना वृद्धि की गई-आशा कार्यकर्ताओं को 1,000 रुपये की जगह 3,000 रुपये और ममता कार्यकर्ताओं को प्रति प्रसव 300 रुपये की जगह 600 रुपये मिलेंगे. बुजुर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन 400 रुपये से बढ़ाकर 1,100 रुपये की गई जिससे 1.11 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण और मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना शुरू की गई. युवाओं के लिए बिहार युवा आयोग का गठन और अगले पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरी-रोजगार के अवसर सृजित करने का ऐलान किया गया. घरेलू उपभोक्ताओं को 1 अगस्त 2025 से 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाने लगी है जिससे 1.67 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे. पत्रकारों के लिए बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना के तहत पेंशन को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये किया गया. मृत पत्रकारों के आश्रितों को भी 3,000 रुपये की जगह 10,000 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी. सफाई कर्मचारियों के लिए बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया गया जो उनके कल्याण के लिए नीतियां सुझाएगा.
डोमिसाइल नीति के मुख्य बिंदु
– शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू: नीतीश कुमार ने कहा कि अब शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता मिलेगी.
– महिलाओं को 35% आरक्षण: बिहार सरकार ने महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण की घोषणा की है, जो केवल बिहार की मूल निवासी महिलाओं के लिए लागू होगा.
– युवा आयोग का गठन: नीतीश कुमार सरकार ने युवा आयोग के गठन का भी ऐलान किया है, जिसका उद्देश्य युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें प्रशिक्षित करना है.
नीतीश कुमार के बड़े ऐलान
– फ्री बिजली: नीतीश कुमार ने 125 यूनिट फ्री बिजली देने का ऐलान किया है, जिससे गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी.
– पेंशन वृद्धि: मुख्यमंत्री ने वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि का ऐलान किया है, जिससे बुजुर्गों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी.
– नौकरी: नीतीश कुमार ने सरकारी नौकरियों में युवाओं को प्राथमिकता देने का वादा किया है, जिससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.
तेजस्वी यादव के वादे
– 200 यूनिट फ्री बिजली: तेजस्वी यादव ने 200 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया है, जिससे गरीब परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी.
– पेंशन वृद्धि: राजद नेता ने पेंशन वृद्धि का वादा किया है, जिससे बुजुर्गों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी.
– नौकरी: तेजस्वी यादव ने सरकारी नौकरियों में युवाओं को प्राथमिकता देने और बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया है.
तेजस्वी के वादे: नीतीश की नकल या सियासी दबाव?
तेजस्वी यादव ने दिसंबर 2024 में 200 यूनिट मुफ्त बिजली, वृद्धा पेंशन को 1,500 रुपये करने और महिलाओं के लिए ‘माई-बहिन मान योजना’ के तहत 2,500 रुपये मासिक देने का वादा किया था. इसके अतिरिक्त 500 रुपये में गैस सिलेंडर और बेरोजगारों को भत्ता देने की घोषणाएं भी की थीं. लेकिन नीतीश ने इनमें से कई वादों को पहले ही लागू कर दिया. तेजस्वी यादव ने इसे नीतीश कुमार की ‘नकल’ करार देते हुए कहा, उनके पास अपना विजन नहीं है. RJD प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने दावा किया कि नीतीश कुमार, तेजस् यादववी के वादों को दोहरा रहे हैं, लेकिन तेजस्वी की सरकार बनने पर जनता को और बड़े लाभ मिलेंगे.
सियासी क्रेडिट की जंग: नीतीश बनाम तेजस्वी
नीतीश की घोषणाएं तेजस्वी के नैरेटिव को कमजोर कर रही हैं. तेजस्वी ने बेरोजगारी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन नीतीश ने रोजगार और फ्री बिजली जैसे ठोस कदमों से जवाब दिया. राजनीतिक विश्लेषक अशोक कुमार शर्मा का कहना है, नीतीश ने विपक्ष के लोकप्रिय मुद्दों को छीन लिया है. सरकार में होने का फायदा यह है कि वे वादों को तुरंत लागू कर सकते हैं. नीतीश की योजनाएं, जैसे सात निश्चय और कुटीर ज्योति योजना उनकी सुशासन की छवि को मजबूत करती है. वहीं, तेजस्वी की तुलना में नीतीश की योजनाएं अधिक समावेशी दिखती हैं जो हर वर्ग को साधती हैं.
जनता की नजर में कौन भारी?
नीतीश कुमार की ताजा घोषणाएं, जैसे 125 यूनिट मुफ्त बिजली और पेंशन वृद्धि, जनता के बीच उनकी ‘विकास पुरुष’ वाली छवि को और मजबूत कर रही हैं. तेजस्वी के वादों को भले ही जनता ने सराहा, लेकिन नीतीश ने इन्हें लागू करके सियासी बढ़त ले ली है. जानकारों का मानना है कि नीतीश का अनुभव और उनकी योजनाओं का तुरंत लागू होना उन्हें चुनाव में फायदा दे सकता है. हालांकि, तेजस्वी यादव की युवा अपील और महिलाओं-बेरोजगारों पर फोकस अभी भी महागठबंधन को मजबूती दे सकता है. बहरहाल, सवाल यही है कि नीतीश कुमार के मास्टरस्ट्रोक और तेजस्वी यादव के वादों में से कौन सा मतदाताओं को अधिक आकर्षित करेगा. बिहार के मतदाताओं की पसंद और नापसंद क्या होगी, यह तो वक्त ही बताएगा. लेकिन इतना तय है कि इस बार का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होने वाला है.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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First Published :
August 04, 2025, 18:22 IST