Last Updated:August 31, 2025, 10:34 IST

अमेरिकी पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार रिक सांचेज ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ की कड़ी निंदा की है. सांचेज रशिया टुडे पर सांचेज इफेक्ट शो के होस्ट हैं. एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह नीति अपमानजनक और अज्ञानी है. उन्होंने ट्रंप के रवैये को भारत के प्रति असंगत और बेतरतीब बताया. उन्होंने कहा कि भारत कोई स्कूल का बच्चा नहीं, बल्कि एक बड़ा खिलाड़ी है. सांचेज का यह बयान तब आया है जब डोनाल्ड ट्रंप ने जुलाई में 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और अगस्त में रूसी तेल खरीद के लिए अतिरिक्त 25 प्रतिशत का दंड लगाकर कुल 50 प्रतिशत कर दिया, जो भारत को अमेरिका के प्रमुख निर्यात बाजार से वंचित कर सकता है.
सांचेज ने कहा कि भारत ने राष्ट्रीय हित में स्वतंत्र निर्णय लेकर पूरी दुनिया को दिखा दिया है. उन्होंने कहा कि जब अमेरिका ने कहा- रूस से तेल मत खरीदो वरना सजा मिलेगी, तो भारत ने जवाब दिया- तुम हमें नहीं बता सकते कि हम किससे तेल खरीदें. यह एक क्रांतिकारी क्षण था, जो इतिहास में दर्ज होगा. उन्होंने ट्रंप के फैसलों को गैरजरूरी और गैर-वैज्ञानिक सोच पर आधारित बताया. सांचेज ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में ट्रंप के मध्यस्थता के दावों को भी खारिज किया. उन्होंने कहा कि भारत ने स्पष्ट किया है कि यह द्विपक्षीय था. ट्रंप के सहायक पीटर नवारो द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध को मोदी का युद्ध कहने पर सांचेज़ ने इसे हास्यास्पद और नवारो की बुद्धि पर सवाल उठाने वाले बताया.
यह आलोचना तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव चरम पर है. ट्रंप ने रूसी तेल खरीद को यूक्रेन युद्ध के लिए फंडिंग बताते हुए दंड लगाया लेकिन चीन जैसे बड़े खरीदार पर ऐसा नहीं किया, जो भारत के लिए भेदभावपूर्ण लगता है. भारत के विदेश मंत्रालय ने टैरिफ को अनुचित और अनुचित कहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि ये टैरिफ भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं खासकर टेक्सटाइल, ज्वेलरी, सीफूड और ऑटो पार्ट्स जैसे क्षेत्रों में.
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अनुसार भारत के अमेरिका निर्यात 40-50 प्रतिशत गिर सकते हैं, जिससे लाखों नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं. सांचेज़ ने सलाह दी कि अमेरिका को भारत जैसी उभरती शक्ति के प्रति संतुलित और गंभीर नीति अपनानी चाहिए. अमेरिका को समझना चाहिए कि शक्ति का केंद्र अब ग्लोबल साउथ की ओर खिसक रहा है, जहां भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका प्रमुख हैं. उन्होंने कहा कि ट्रंप की नीतियां अमेरिका को अलग-थलग कर रही हैं. भारत ने ब्रिक्स देशों के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए हैं, जैसे मोदी की हालिया चीन और रूस यात्राएं. ट्रेड विशेषज्ञों का कहना है कि ये टैरिफ क्वाड जैसे गठबंधन को भी कमजोर कर सकते हैं, जहां भारत अमेरिका का रणनीतिक साझेदार है.
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First Published :
August 31, 2025, 10:34 IST