Last Updated:August 28, 2025, 13:44 IST
Peter Navarro Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल मिलाकर 50 फीसद टैरिफ लगा दिया है. इससे दशकों की कोशिश के बाद बनाए गए द्विपक्षीय संबंधों में तल्खी आ गई है. ट्रंप के सहयोगी बयानबाजी स...और पढ़ें

Peter Navarro Tariff War: डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल में जबसे अमेरिका की सत्ता संभाली है, लगातार रेडिकल फैसले ले रहे हैं. इससे न केवल दुनिया के अन्य देशों में बल्कि अमेरिका में भी उथल-पुथल का आलम है. ट्रंप सरकार के सबसे अहम नीतिगत फैसलों में रेसिप्रोकल टैरिफ की पॉलिसी है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपतियों और भारत के टॉप लीडरशिप ने दशकों की मेहनत से द्विपक्षीय संबंधों को एक मकाम तक पहुंचाया. अब डोनाल्ड ट्रंप ने एक ही झटके में इस संबंध को तिनके की तरह बिखेरने पर आमादा है. एशिया पैसिफिक में भारत अमेरिका का अहम पार्टनर देश है, इसके बावजूद ट्रंप सरकार ने भारत पर 50 फीसद तक टैरिफ लगा दिया. इससे भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर का प्रभावित होना तय है. वहीं, ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में भी असहज स्थिति है. इसको लेकर लगातार रिएक्शन सामने आ रहे हैं. इन सबके बीच, राष्ट्रपति ट्रंप के एक ऐसे निकट सहयोगी हैं जो लगातार भारत पर हमलावर हैं. उनका नाम पीटर नवारो है. नवारो प्रेसिडेंट ट्रंप के ट्रेड एडवायजर हैं.
पीटर नवारो ने यूक्रेन जंग को नरेंद्र मोदी का युद्ध बताया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि भारत की रियायती रूसी तेल की खरीद ने रूस की आक्रामकता को बढ़ावा दिया है. नवारो का विश्लेषण है कि इससे अमेरिकी टैक्स पेयर्स पर भारी बोझ बढ़ा है. उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर दे तो उसे अमेरिकी टैरिफ में 25 प्रतिशत की कमी मिल सकती है. ब्लूमबर्ग टीवी के शो ‘बैलेंस ऑफ पावर’ में इंटरव्यू के दौरान पीटर नवारो ने कहा कि शांति का मार्ग कुछ हद तक नई दिल्ली से होकर गुजरता है.
हैरान परेशान नवारो
इस इंटरव्यू में पीटर नवारो ने यह भी कहा कि वे हैरान हैं, क्योंकि पीएम मोदी एक महान नेता हैं. यह (भारत) एक परिपक्व लोकतंत्र है और इसे परिपक्व लोग चला रहे हैं. नवारो ने कहा, ‘मुझे जो बात परेशान करती है वह यह है कि भारतीय इस बारे में बहुत अहंकारी हैं. वे कहते हैं कि हमारे पास ज्यादा टैरिफ नहीं हैं. यह हमारी संप्रभुता है, हम जिससे चाहें तेल खरीद सकते हैं.’ उन्होंने कहा कि रूसी तेल को छूट पर खरीदा जा रहा है. नवारो ने आरोप लगाया कि रूस उससे मिलने वाले पैसे का इस्तेमाल अपनी युद्ध मशीनों को चलाने और और अधिक यूक्रेनियों को मारने में करता है. भारत जो कर रहा है, उससे अमेरिका में हर कोई नुकसान उठा रहा है.
लगातार दे रहे बेतुका बयान
बता दें कि हाल ही में नवारो ने भारत पर रिफाइनरी मुनाफाखोरी का आरोप लगाया था और इसे रूसी तेल के लिए लॉन्ड्रोमैट (सेल्फ-सर्विस लॉन्ड्री) कहा था. उन्होंने कहा था कि भारत उस पैसे का इस्तेमाल करता है जो उसे हमें सामान बेचकर मिलता है और फिर इसी पैसे को रूसी तेल खरीदने में लगाता है, फिर रिफाइनर वहां मुनाफा कमाते हैं. रूस इस पैसे का इस्तेमाल और अधिक हथियार बनाने और यूक्रेनियों को मारने में करता है. नवारो ने कहा था कि यह पागलपन है.
नवारो की यह कैसी समझ
दरअसल, पीटर नवारो को लगता है कि अमेरिका को सामान बेचकर ही भारत की इकोनॉमी चल रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत-अमेरिका के बीच फिलहाल 191 बिलियन डॉलर का बायलेटरल ट्रेड है. साल 2030 तक इसे बढ़ाकर 500 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा गया है, पर ट्रंप की अदूरदर्शी नीतियों और उनके सहयोगियों के बेतुके रवैये से सबकुछ खटाई में पड़ता हुआ दिख रहा है. अब पीटर नवारो जैसे सलाहकार ही जब इस तरह बयानबाजी करेंगे तो इसका असर भी आवश्यक तौर देखने को मिल सकता है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 28, 2025, 13:44 IST